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गाजियाबाद : हिंडन श्मशान घाट पर लगा बोर्ड, लाशों के साथ इस तरह का हो रहा बर्ताव
गाजियाबाद में बढ़ते हुए मौतों के आंकड़ों के चलते बीती रात हिंडन श्मशान घाट पर बोर्ड लगा दिया गया।
गाजियाबाद : गाजियाबाद (Ghaziabad) में बढ़ते हुए मौतों के आंकड़ों के चलते बीती रात हिंडन श्मशान घाट पर बोर्ड लगा दिया गया। बोर्ड पर लिखा था,कि श्मशान घाट पर शवों के दाह संस्कार की जगह भर चुकी है। कृपया अन्य श्मशान घाट पर संस्कार करें। आपको बता दें कि बीते दिनों से लगातार हिंडन श्मशान घाट (Hindon Crematorium) पर पहले की तुलना में अधिक शव पहुंच रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के नियमों का पालन कराने के चलते, शवों के साथ उनके परिजनों को घंटों इंतजार भी करना पड़ रहा है।
वहीं दूसरी तस्वीर भी हिंडन श्मशान घाट से ही सामने आई। वायरल तस्वीर में दिख रहा है कि हिंडन श्मशान के पास एक शव सड़क पर रखा हुआ है। पास में एक कुत्ता शव को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। दरअसल शवों की अधिक संख्या होने के चलते, हिंडन श्मशान घाट परिसर में ही फुटपाथ पर भी शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। जिसके चलते कई बार लोग यहां वहां शव रखने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
सुबह हटा दिया बोर्ड
श्मशान घाट पर लगाए गए बोर्ड में यह लिखा था कि शव को कहीं और ले जाएं। आसपास के इलाकों के श्मशान घाट की जानकारी भी दी गई थी। लेकिन सुबह इस बोर्ड को हटा दिया गया है। इसका मतलब साफ है कि जब भी क्षमता से अधिक शव श्मशान घाट पर आ रहे हैं, तो यह बोर्ड लगा दिया जा रहा है। शव के अंतिम संस्कार के लिए लोगों को करीब 24 घंटे तक का इंतजार भी श्मशान घाट पर करते हुए देखा गया है, जो काफी दुखद बात उजागर करता है। हाल ही में हमने दिखाया था,कि कैसे श्मशान घाट पर शवों की कतार लगी हुई है। इसके अलावा एंबुलेंस में भी शव को लेकर उनके परिजन इंतजार कर रहे हैं, कि कब उनकी बारी आए, वह अंतिम संस्कार कर पाए। श्मशान घाट में एक बार में सिर्फ पांच शवों का अंतिम संस्कार करने की इजाजत है। जिससे सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे।
सोशल मीडिया पर चर्चा बनी फोटो
सोशल मीडिया पर कुत्ते वाली फोटो लगातार वायरल हो रही है। लोग इस पर लिख रहे हैं कि लाशों के साथ इस तरह का बर्ताव पहले नहीं देखा गया। श्मशान घाट के आसपास से कुत्तों को हटाने की जहमत तक सरकारी डिपार्टमेंट ने नहीं की। लाश को जरा सी देर के लिए अकेला छोड़ते ही,उसको नोचने के लिए कुत्ते आ जाते हैं। जाहिर है यह काफी दर्दनाक है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है, और व्यवस्था के सुधार के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए।