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जीआरपी ने 750 कछुओं संग तस्कर को दबोचा, सेक्स वर्धक दवाओं में होता है इस्तेमाल

Manali Rastogi
Published on: 30 Sep 2018 5:00 AM GMT
जीआरपी ने 750 कछुओं संग तस्कर को दबोचा, सेक्स वर्धक दवाओं में होता है इस्तेमाल
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कानपुर: कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन से जीआरपी ने एक ऐसे तस्कर को पकड़ा है जिसके पास तीन बैगो में कछुआ भरे थे। तस्कर यह कछुआ लेकर कोलकाता जा जाने की फ़िराक में था। कोलकाता के रास्ते यह कछुए बांग्लादेश होते हुए दवा बनाने वाली कम्पनियों को बेच दिए जाते है। इनका इस्तेमाल सेक्स वर्धक दवाओ में किया जाता है। इस नश्ल के कछुओं की विदेशो में भी भारी डिमांड है।

जनपद उन्नाव के गंगा घाट स्थित मिश्रा कालोनी में रहने वाला वसीम शनिवार को कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन से कोलकत्ता ले कर जाने की फ़िराक में था। मुखबिर की सूचना पर जीआरपी ने प्लेट फार्म नंबर 5 पर घेराबंदी वसीम को पकड़ने की कोशिस की। वसीम बैग छोड़ कर भागने लगा तो जीआरपी सिपाहियों ने उसे दौड़ा कर पकड़ लिया। जब वसीम के बैग की तलासी ली गयी तो उसमे बड़ी मात्रा में छोटे-छोटे कछुए थे। पूरा बैग कछुओं से भरा हुआ।

पूछताछ में वसीम ने बताया कि वो ये कछुआ लेकर कोलकत्ता जा रहा था। कोलकत्ता में इस नस्ल के कछुओं की डिमांड बहुत ज्यादा है ,इनका इस्तेमाल सेक्स वर्धक दवाओ में किया जाता है। इन कछुओं की कीमत लगभग ढाई से तीन लाख रुपये थी। उसने बताया कि बारिश की वजह से सभी नदियों और पोखरों में पानी भरा हुआ है। गंगा में भी बहुत पानी है मछली पकड़ने वालो से हमारा संपर्क है वो इन कछुओं को हमारे लिए पकड़ते है और फिर हमें बेच देते है।

मेरा काम है कि सभी स्थानों से इन्हें इकठ्ठा करना इसके बाद कोलकत्ता तक पहुचना । जब यह कछुए कोलकत्ता पहुच जाते है तो इनके आगे की डिलीवरी दूसरे लोग करते है। उनके विषय में मुझे जानकारी नही होती है ,उसने बताया कि इन कछुओं को लेकर कोलकत्ता मै जा रहा था लेकिन मुझे नही पता होता की इन्हें किसे देना है और कहा देना है । इसकी जानकारी मुझे कोलकत्ता पहुचने के बाद दी जाती है कि माल कहा डिलीवर करना है।

जीआरपी इन्स्पेक्टर राम मोहन रॉय के मुताबिक एक शख्स को पकड़ा गया है जिसके पास से बैग में 750 प्रतिबंधित कछुए बरामद हुए है। वासिम नाम का तस्कर इन्हें कोलकत्ता लेकर जा रहा था। इनका इस्तेमाल दवाओ में होता है। वन विभाग को सूचना दी गयी है। सभी कछुओं को गंगा में छोड़ा जायेगा।

Manali Rastogi

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