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GST कार्यशाला में व्यापारियों का हंगामा, सचिव तकनीकी सवालों से बच कर भागे
लखनऊ: यूं तो मंगलवार को राजधानी के इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में GST कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इसमें व्यापारी संगठन के प्रतिनिधि और व्यापारी भी काफी तादाद में मौजूद थे। माइक संभालने के बाद मंच से अपर मुख्य सचिव वाणिज्यकर और मनोरंजन कर आरके तिवारी ने अपने संबोधन में केंद्रीय राजस्व सचिव व जीएसटी कौंसिल के सचिव डा हंसराम अढ़िया के तारीफों के खूब पुल बांधे। कहा कि अढिया जी जीएसटी के इंसाइक्लोपीडिया हैं। पर हुआ उल्टा जब राजस्व सचिव की बारी आयी, तो वह तकनीकी सवालों से बचते दिखे। अपने सवालों का जवाब पाने की आकांक्षा में आए व्यापारियों ने उनको खूब खरी खोटी सुनाई।
व्यापारी नेता अमरनाथ मिश्रा ने कहा कि अधिकारी सवालों से बचकर भाग गए। लगता है कि अढिया जी हाई सोसाइटी के हैं। तकनीकी सवालों का जवाब देने में वह असफल रहें। एक अन्य व्यापारी नेता अशोक का कहना है कि सरकार की तैयारी अभी पूरी नहीं है। ऐसे में इसके लागू होने से व्यापारी, कर्मचारी और अधिकारी सब संकट में पड़ जाएंगे। इस परिस्थिति में इसको लागू करना संभव नहीं है। वरना इसका भी हश्र नोटबंदी की तरह होगा। सरकार को इसे लागू करने की तारीख बढ़ानी चाहिए।
व्यापारियों ने गिनाई यह समस्याएं
जीएसटी की साइट पर क्लिक करने से वह बैठ जाती है।
ट्रांसफार्मर सप्लायर उदयमी ने कहा कि उन्हें अपने सेल पर 28 फीसदी जीएसटी देनी होगी। जहां सप्लाई करते हैं। वह छह महीने बाद पेमेंट करते हैं। ऐसे में हमारा उदयोग बंद हो जाएगा।
ट्रैक्टर निर्माता कम्पनी के उदयमी ने कहा कि ट्रैक्टर के अगले पहिए पर 18 फीसदी और पिछले पहियों की खरीद पर 28 फीसदी टैक्स है।
एक व्यापारी का कहना था कि वन ट्रेड, वन टैक्स होना चाहिए।
कार्यशाला में दिखा 'मिस मैनेजमेंट'
जीएसटी की कार्यशाला में मिस मैनेजमेंट पूरी तरह छाया रहा। पहले केंद्र से आए राजस्व सचिव ने व्यापारियों से कहा कि वह अपने प्रश्न बताएं। जब तीन से चार व्यापारियों ने सवाल किया तो उससे वह पल्ला झाड़ने लगे। इस पर व्यापारियों ने काफी शोर मचाया। कहा कि या तो हम लोगों को बुलाना नहीं चाहिए था। यदि बुलाया तो फिर टाइम देना चाहिए। बहरहाल कुछ देर बोलन के बाद सचिव चलते बनें।
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