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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर ने नहीं दाखिल किया जवाब, HC ने लगाया 10 हजार जुर्माना
Gyanvapi Case : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी का एएसआई से सर्वेक्षण कराए जाने के मामले में हलफनामा मांगा था। मगर आज भी ASI ने व्यक्तिगत हलफनामा पेश नहीं किया।
Gyanvapi Case : वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद विवाद (Varanasi Gyanvapi Case) से जुड़े मामले में मंगलवार (18 अक्टूबर 2022) को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High court) से बड़ी खबर सामने आयी है। हाईकोर्ट ने संबंधित मामले में जवाब दाखिल ना करने पर मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर (Ministry of Culture) पर 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया है। इतना ही नहीं, सरकार को भी अपना जवाब दाखिल करने के लिए 31 अक्टूबर तक का समय दिया है। जानकारी के अनुसार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) के डायरेक्टर जनरल की ओर से आज भी कोर्ट में व्यक्तिगत हलफनामा नहीं पेश किया गया।
आपको बता दें कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी (Allahabad High Court On Gyanvapi) का एएसआई से सर्वेक्षण (Survey from ASI) कराए जाने के मामले में हलफनामा मांगा था। मगर आज भी ASI ने व्यक्तिगत हलफनामा पेश नहीं किया। जिसके बाद, इस मामले पर कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 31 अक्टूबर मुकर्रर की।
हाईकोर्ट में 5 अर्जियों पर सुनवाई
जानकारी के लिए बता दें कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्ञानवापी विवाद से जुड़ी पांच अर्जियों पर सुनवाई चल रही है। इनमें से 3 अर्जियों पर 12 सितंबर 2022 को ही सुनवाई पूरी हो चुकी है। सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ दाखिल दो अर्जियों पर ही अब आगे सुनवाई होगी। इनमें से एक, अर्जी ज्ञानवापी मस्जिद इंतजामिया कमेटी (Gyanvapi Mosque Intezamia Committee) और दूसरी यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (Uttar Pradesh Sunni Central Waqf Board) की तरफ से दाखिल की गई है।
जानें क्या है मामला?
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट को मुख्यतः ये तय करना है कि वाराणसी की जिला अदालत में 1991 में दाखिल मुकदमे की सुनवाई हो सकती है या नहीं। स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर विराजमान के वाद मित्रों ने साल 1991 में वाराणसी की जिला अदालत में मुकदमा दायर किया था। इस मुकदमे की सुनवाई पर फिलहाल 31 अक्टूबर तक के लिए रोक लगी है। बीते साल वाराणसी की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने विवादित परिसर का ASI सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था। एएसआई से सर्वेक्षण कराए जाने के निचली अदालत के आदेश पर हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा रखी है। मामले की सुनवाई जस्टिस प्रकाश पाडिया (Justice Prakash Padia) की एकल बेंच कर रही है।