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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी में अब तक हुए सर्वे में क्या-क्या मिला, 3 अगस्त को एएसआई सर्वेक्षण पर आएगा हाईकोर्ट का फैसला

Gyanvapi Case: योगी आदित्यनाथ ने मस्जिद के अंदर मिली चीजों का जिक्र करते हुए अपनी राय साफ कर दी है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को अपनी ऐतिहासिक गलती दुरस्त करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये प्रस्ताव मुस्लिम पक्ष की तरफ से आना चाहिए कि साहब....ऐतिहासिक गलती हुई है।

Krishna Chaudhary
Published on: 31 July 2023 3:08 PM IST
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी में अब तक हुए सर्वे में क्या-क्या मिला, 3 अगस्त को एएसआई सर्वेक्षण पर आएगा हाईकोर्ट का फैसला
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Gyanvapi Survey Case (photo: social media )

Gyanvapi Case: वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान ने सियासी सरगर्मी को बढा दिया है। अभी तक सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी या संघ परिवार की ओर से इस मसले पर कुछ भी बोलने से परहेज किया जाता रहा है। मामला कोर्ट में होने का हवाला देकर भगवा दल के नेता इस पर बयान देने से कन्नी काटते रहे हैं। मगर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज इस सन्नाटे को तोड़ दिया है।

योगी आदित्यनाथ ने मस्जिद के अंदर मिली चीजों का जिक्र करते हुए अपनी राय साफ कर दी है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को अपनी ऐतिहासिक गलती दुरस्त करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये प्रस्ताव मुस्लिम पक्ष की तरफ से आना चाहिए कि साहब....ऐतिहासिक गलती हुई है। उस गलती के लिए हम चाहते हैं कि समाधान हो। तो आइए एक नजर डालते हैं कि अब तक ज्ञानवापी में हुए सर्वे में क्या-क्या मिला है, जिसके कारण यहां मंदिर होने का दावा मजबूती से जोर पकड़ने लगा है।

मई 2022 में पहली बार हुआ था सर्वे

मई 2022 में यानी बीते साल अदालत के आदेश पर पहली बार ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का कार्य आरंभ हुआ था। पहला सर्वे छह से सात मई तक अजय कुमार मिश्रा के नेतृत्व में हुआ था। इसके बाद 14 से 16 मई तक तीन एडवोकेट कमिश्नर के नेतृत्व में सर्वे का कार्य संपन्न हुआ था। इस दौरान परिसर के अंदर की वीडियोग्राफी भी कराई गई थी। सर्वे कार्य पूरी होने के बाद अंदर मिले चीजों को लेकर कई दावे किए गए।
सर्वे टीम में शामिल कुछ सदस्यों की ओर से सूत्रों को दी गई जानकारी के मुताबिक, परिसर के एक तहखाने में मगरमच्छ का शिल्प, कमल व स्वास्तिक की आकृति और मंदिर शिखर के अवशेष मिले। हिंदू पक्ष ने कोर्ट में कहा था कि अंदर मिली चीजों के आधार पर इसके मंदिर होने के साक्ष्य अधिक हैं। हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट ने उनके इन दावों को खारिज कर दिया था।

शिवलिंग और फव्वारा विवाद

सर्वे के तीसरे एवं आखिरी दिन यानी 16 मई को सबसे अधिक विवाद हुआ था। दरअसल, उस दिन सर्वे टीम को वजूखाने में शिवलिंग की आकृति जैसा एक ढांचा मिला था। जिसे लेकर मुस्लिम पक्ष और हिंदू पक्ष आमने-सामने हो गए। एक पक्ष जहां इसे शिवलिंग बता रहा था, वही दूसरा पक्ष इसे फव्वारा बता रहा था। विवाद अदालत की चौखट पर पहुंचा और वजूखाने को सील कर दिया गया। यह मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

3 अगस्त को आएगा एएसआई सर्वे पर फैसला

वाराणसी जिला एवं सत्र न्यायालय ने 8 अप्रैल 2021 को ज्ञानवापी का एएसआई सर्वे कराने का आदेश दिया था। इस आदेश पर इस साल जुलाई 24 को एएसआई ने सर्वे का काम शुरू किया था। करीब 4 घंटे सर्वे चलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वे पर 26 जुलाई शाम पांच बजे तक के लिए अंतरिम रोक लगा दी थी। शीर्ष अदालत ने मुस्लिम पक्ष को वाराणसी कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने को भी कहा।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष द्वारा एएसआई सर्वे पर रोक लगाए जाने की मांग वाली याचिका पर तीन दिन तक सुनवाई की और फैसला 3 अगस्त के लिए सुरक्षित रख लिया। इससे पहले 26 जुलाई को हाईकोर्ट में एएसआई की ओर से बताया गया कि अभी तक पांच प्रतिशत सर्वे का काम पूरा हुआ है। अगर कोर्ट से इजाजत मिलती है तो बाकी बचा काम 31 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा। ऐसे में अब सबकी नजरें 3 अगस्त को आने वाले हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी है।



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