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Gyanvapi Case: कार्बन डेटिंग पर फैसला 14 अक्टूबर को, मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट के सामने रखी अपनी दलीलें
Gyanvapi Case: उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद – श्रृंगार गौरी मंदिर मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई है, फैसला 14 अक्टूबर को सुनाया जाएगा।
Gyanvapi Case: उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद – श्रृंगार गौरी मंदिर मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई। मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने आज अदालत के समक्ष कथित शिवलिंग के कार्बन डेटिंग कराए जाने पर अपनी दलीलें रखीं। दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने 14 अक्टूबर को अगली सुनवाई की तारीख की है। माना जा रहा है कि अदालत इस दिन फैसला सुना सकती है। सात अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई में वाराणसी की अदालत ने कार्बन डेटिंग करवाए जाने के फैसले को आज के लिए टाल दिया था।
पिछली सुनवाई में हिंदू पक्ष ने वजूखाने में पाए गए शिवलिंग को वाद का एक हिस्सा बताते हुए इसकी कार्बन डेटिंग कराए जाने की मांग की थी। उनका कहना था कि वैज्ञानिक जांच से पता चल जाएगा कि ये ढांचा फव्वारा है या शिवलिंग। इस पर मुस्लिम पक्ष ने कहा कि आज हम तैयारी से नहीं आए थे। हम लोग केवल ऑर्डर सुनने आए थे लेकिन अगर अब यह बात सामने आई है तो हमें समय दिया जाए और हम भी इसका जवाब देंगे। इसके बाद बनारस के जिला जज की अदालत ने उन्हें 11 अक्टूबर यानी आज का समय दिया था।
सुनवाई के बाद अदालत के बाहर मीडिया को जानकारी देते हुए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि मुस्लिम पक्ष ने यह कहा है कि यह एक फव्वारा है, हमारा कहना है कि यह एक शिवलिंग है। अगर दो पक्ष अलग-अलग बात कर रहे हैं तो उसका पता लगाने का एक ही तरीका है, वो है वैज्ञानिक जांच। इसका कोई मौखिक साक्ष्य नहीं है और न ही कोई दूसरा तरीका है कि जिससे पता लगाया जा सके कि यह शिवलिंग है या फव्वारा। इसलिए अदालत से वैज्ञानिक जांच की मांग की गई है।
मालूम हो कि इसी साल मई माह में अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे हुआ था, जिसके बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के वजूखाने के बीचों बीच एक शिवलिंग बरामद हुआ है। इस दावे पर काफी बवाल भी हुआ था। इस पर लोगों की राय काफी बंटी हुई थी। विवाद को देखते हुए निचली अदालत ने मस्जिद के उस हिस्से को सील करने का आदेश दिया था।