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ऐतिहासिक दिन: तीन कोर्ट-तीन फैसले, जानें क्या रहा काशी-मथुरा-आगरा विवाद पर न्यायालय का निर्णय
Gyanvapi Masjid Case in Hindi : उत्तर प्रदेश की न्यायपालिका ने आज तीनों मामलों में याचिकाकर्ता की बातों के पक्ष को ध्यान से सुनते और समझते हुए अपना निर्णय सुनाया।
Gyanvapi Masjid Verdict: उत्तर प्रदेश की न्यायलपालिका के लिए आज का दिन बेहद ही इतिहास में दर्ज होने जा रहा है। आज के इस दिन उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक चर्चा में शामिल तीन मामलों पर फैसला सुनाया गया है। इन मामलों के अंतर्गत वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद विवाद (gyanvapi masjid in hindi), मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद (Shahi Idgah Masjid dispute) और आगरा स्थित ताजमहल के 22 बंद कमरों को खुलवाने की याचिका पर आज न्यायालय में फैसला सुनाया गया।
उत्तर प्रदेश की न्यायपालिका ने आज तीनों मामलों में याचिकाकर्ता की बातों के पक्ष को ध्यान से सुनते और समझते हुए अपना निर्णय सुनाया। आपको बता दें कि वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से याचिका दायर करते हुए मस्जिद के भीतर सर्वे बन्द करने तथा साथ ही सर्वे कमिश्नर को हटाने के तहत दायर याचिका पर वाराणसी सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई।
इसी के साथ मथुरा में श्रीकृष्ण जन्म भूमि के निकट मुग़ल शासक औरंगज़ेब के शासनकाल में बनी शाही ईदगाह मस्जिद (Shahi Idgah Masjid dispute) को हटाने की दायर याचिका पर आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई वहीं इसी के साथ अन्तिक रूप से आगरा स्थित ताजमहल के लंबे समय से बंद पड़े 22 कमरों को खुलवाने को लेकर दायर हुई याचिका पर आज लखनऊ की हाइकोर्ट बेंच में सुनवाई की गई।
जानें क्या रहा तीनों मामलों पर फैसला-
वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने कमिश्नर को हटाने की मांग रद्द करने के साथ ही सर्वे जारी रखने की बात कही है। बतौर न्यायालय ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी के जिलाधिकारी अपने स्तर से जैसे भी सक्षम हो मस्जिद के सर्वे और रिकॉर्डिंग का काम ज़ल्द ही पूरा कर आगामी 17 मई को रिपोर्ट न्यायालय को सौंपे। इसी के साथ न्यायालय ने ज़रूरत पड़ने पर ज्ञानवापी मस्जिद के तेहखानों के ताले तोड़कर भी कार्यवाही पूरी करने और सर्वे के काम को पूर्ण करने के सादेश दिये हैं।
सर्वे कमिश्नर को हटाने को लेकर मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर याचिका को सत्र न्यायालय ने सिरे से खारिज कर दिया। आपको बता दें कि इस मामले के तहत मस्जिद में सृंगार गौरी सहित अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां होने का दावा किया गया है।
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद (Sri Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Masjid dispute) में याचिककर्ता ने याचिका दायर करते हुए मथुरा में श्रीकृष्ण जन्म भूमि के निकट मुग़ल शासक औरंगज़ेब के शासनकाल में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग पर आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय सुनवाई हुई है।
दरअसल आपको बता दें कि इस मामले से संबंधित कई मामले पहले से ही मथुरा सत्र न्यायालय में लंबित है, जिसके बाद आज मामला इलाहाबद हाईकोर्ट में पहुँचा और हाई कोर्ट ने मामले में आज की कार्यवाही को अंजाम देते हुए मथुरा सत्र को सभी लंबित मामले निपटाने के लिए 4 महीने का समय दिया है।
तीसरे और अंतिम आगरा स्थित ताजमहल के 22 बन्द कमरों के विवाद के अनुरूप आज लखनऊ की हाई कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई है। इस याचिका के तहत याचिकाकर्ता ने ताजमहल का सच सबके सामने लाने के लिए भीतर लंबे समय से बन्द पकड़े 22 कमरों को खुलवाने की मांग रखी है। बतौर याचिकाकर्ता उसने सूचना के अधिकार (RTI) के तहट कमरों को खोलकर उसका सच सबके सामने लाने की बात कहते हुए इसके बारे में जानना देश की प्रत्येक जनता का अधिकार बताया।
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए जनहित याचिका (PIL) का दुरूपयोग ना करने और इस सिस्टम का मजाक ना उड़ाने की सलाह दी है। इसी के साथ न्यायालय ने फटकार लगाते हुए कहा कि-"कल को आप याचिका के आधार पर हम न्यायधीशों के चैम्बर के भीतर भी जाने को भी कहेंगे।" जैसा कि आपको पता है कि ताजमहल को लेकर पहले भी दावे होते रहे हैं कि इस स्थान पर पहले कभी एक शिव मंदिर का निर्माण था, जिसका नाम तेजो-महालय है।