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Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी सर्वे में ये सब मिलने का दावा ? शिवलिंग, कमल, स्वास्तिक और क्या मिला

Gyanvapi Masjid in Hindi: मुस्लिम पक्ष ने इन सभी दावों को सिरे से खारिज किया है। दोनों ही पक्ष अब अदालत के सामने पेश होंगे तभी इस गुत्थी को सुलझाया जा सकेगा। लेकिन सबसे बड़ी बात है कि इस पूरे सर्वे की वीडियोग्राफ़ी हुई है।

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Written By aman
Published on: 16 May 2022 8:39 PM IST
gyanvapi masjid survey now these things have been claimed
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Gyanvapi Masjid Survey 

Gyanvapi Masjid Survey: वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का काम आज समाप्त हो गया। तीन दिनों तक सर्वे कार्य हुए। लेकिन आज अंतिम दिन तब अचानक घटनाक्रम बदल गया जब बाहर निकले हिन्दू पक्ष के वकील ने दावा किया कि, वजूखाने में शिवलिंग मिला है। जबकि, मुस्लिम पक्ष इसे नकार रहे। दोनों पक्ष के वकीलों के अलग-अलग दावे हैं। एक ओर हिंदू पक्ष का दावा है, कि उन्हें ऐसे सबूत मिले हैं जिससे जाहिर होता है कि यहां मंदिर था।

वहीं दूसरी ओर, मुस्लिम पक्ष ने इन सभी दावों को सिरे से खारिज किया है। दोनों ही पक्ष अब अदालत के सामने पेश होंगे तभी इस गुत्थी को सुलझाया जा सकेगा। लेकिन सबसे बड़ी बात है कि इस पूरे सर्वे की वीडियोग्राफ़ी हुई है। इसलिए सच जो भी होगा, छुप नहीं सकता। तो चलिए जानते हैं, सर्वे के दौरान कौन से ऐसे साक्ष्य और सबूत मिले हैं जिससे दावे किए जा रहे हैं।

धार्मिक चिन्ह मिलने के दावे

सर्वे और कार्यवाही के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कई तरह के धार्मिक चिह्न मिलने के दावे किए गए हैं। इन चिन्हों में स्वास्तिक, हाथी और कमल के फूल के निशान भी देखे जाने के दावे किए जा रहे हैं। सर्वे से पहले भी कई लोगों ने इस प्रकार के दावे किये थे। पहले दिन के सर्वे के बाद जब हिन्दू पक्ष के सदस्य बाहर आए थे तभी उन्होंने कहा था उम्मीद से बहुत ज्यादा मिला। इसी के बाद बहुत सी चीजें स्पष्ट मानी जाने लगी।

काशी विश्वनाथ के ईशान कोण में श्रृंगार गौरी

इसी कड़ी में, श्री काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने भी कुछ ऐसे ही दावे किए। अशोकद्विवेदी का दावा है, कि शृंगार गौरी, श्री काशी विश्वनाथ के ईशान कोण में विराजमान है। इसके पीछे उन्होंने पुस्तकों का हवाला भी दिया। उन्होंने काशी के मंदिरों के इतिहास तथा जानकारी पर आधारित कुबेर नाथ सुकुल की किताब 'वाराणसी वैभव' का उद्धरण पेश करते हुए यह दावा किया है।

फर्श का सर्वे, कई साक्ष्य दबे मिले

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कमीशन की कार्यवाही के दूसरे दिन दीवार, गुंबद और फर्श के सर्वे हुए। इस दौरान वहां कई साक्ष्य दबे होने के दावे किए जा रहे हैं। दीवारों पर रंग और फर्श के नीचे दबे धार्मिक चिह्नों को लेकर भी चर्चा होती रही। वहीं, सिविल जज सीनियर डिवीजन की तरफ से नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त की टीम को वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी का आदेश दिया गया था। कमीशन की कार्यवाही के दौरान टीम के कुछ सदस्यों ने पुरातात्विक सर्वेक्षण (archaeological survey) की जरूरत भी बताई।

अंतिम दिन के सर्वे में शिवलिंग मिलने का दावा

सर्वे के तीसरे और आखिरी दिन कुछ ऐसा हुआ जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। अंतिम दिन सर्वे कार्य करीब 2 घंटे चला। सर्वे टीम नंदी के पास के कुएं से लेकर शेष बचे इलाकों में भी खोजबीन की। इस दौरान, फोटोग्राफी कर वीडियोग्राफी भी की गई। अदालत का आदेश है कि सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट में जमा होगी। इस पर कोई पक्ष कहीं खुलकर कुछ नहीं बोल सकता है। जिसके बाद, सभी ने चुप्पी साध रखी है। अंदर क्या मिला? सबूत आदि पर कोई कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।

झूम उठे हिन्दू पक्ष

वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे (Gyanvapi Mosque Survey) तो खत्म हो गया, मगर दावों के बाद बवंडर उठ खड़ा हो गया। सोमवार को तीसरे और अंतिम दिन सर्वे का काम पूरा होते ही टीम बाहर आई तो हिंदू पक्ष के लोगों ने शिवलिंग मिलने का दावा किया। हिंदू पक्ष के अनुसार, जैसे ही वजू खाने का पानी निकाला गया। वो झूम उठे। क्योंकि, वहां 12.8 फीट व्यास का शिवलिंग मिला था।

कोर्ट का आदेश तुरंत सील करें वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद वाराणसी कोर्ट ने जिलाधिकारी (DM) और केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) को उस जगह को तुरंत सील करने का आदेश जारी किया है। वाराणसी कोर्ट ने जिले के डीएम को आदेश देते हुए कहा, कि जिस स्थान पर शिवलिंग मिला है, उस जगह को तत्काल प्रभाव से सील कर दें। वहां किसी भी व्यक्ति को जानें की अनुमति न दें। बता दें कि, इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और सीआरपीएफ को दी गई है।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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