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Hamirpur News: माली और हिरण के बच्चे का प्यार बना आकर्षण का केंद्र
Hamirpur News: शहर से लगभग 1.5 किमी दूर सिटी फारेस्ट में वन विभाग के माली और हिरण के बच्चे की दोस्ती चर्चा का विषय बनी हुई है।
Hamirpur News: शहर के सिटी फारेस्ट में एक हिरण का दुर्लभ बच्चा (deer baby) बकरियों के साथ खेल खेल में सिटी फारेस्ट के माली (gardener) के घर पहुंच गया। जहाँ माली और दुर्लभ बच्चे के बीच के प्यार अद्भुत प्यार देखने की हर किसी की मंसा हो रही है। यहां वह बच्चा बकरी को अपनी मां मान कर उसका दूध पीकर जिंदा है।
जी हाँ आपको बता दें कि शहर से लगभग 1.5 किमी दूर सिटी फारेस्ट में वन विभाग के माली और हिरण के बच्चे की दोस्ती चर्चा का विषय बनी हुई है, डेढ़ महीने का दुर्लभ प्रजाति (दुर्लभ हिरण) हिरण माली की बकरियों को लेकर उसके घर पहुंचा, जिसके बाद माली अब उसकी देखभाल एवं जंगली जानवरों से उसकी रक्षा करता है।यह हिरन का बच्चा बकरियों का दूध पीता है और बकरियां भी उसे अपना बच्चा समझकर खिलाती हैं।शहर में एक हिरण को देखकर लोगों की उत्सुकता फैल गई है। सिटी फारेस्ट अब सूख कर सुनसान और मिट्टी के टीलों के बीच हिरणों की मौजूदगी को लेकर वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर है। वर्तमान में यह हिरण वन विभाग के लिए पहेली बना हुआ है।
सिटी फॉरेस्ट नामक स्थान वन विभाग द्वारा 1996 में बनाया गया था। यह पार्क लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए बनाया गया था। सिटी फॉरेस्ट पार्क से कुछ दूरी पर यमुना और बेतवा नदियों की तलहटी पास में स्थित है।वन क्षेत्र होने के कारण यहां हरियाली भी है।जिसकी देखभाल खुशीराम नामक एक चौकीदार व माली करता है।अभी कुछ दिन पूर्व माली अपनी बकरियों को चरने के लिए जंगल में छोड़ आया था। तभी शायद यहां हिरणों के झुंड से अलग होने के कारण एक हिरण बच्चा बकरियों के झुंड में शामिल हो गया, जब बकरियां शाम को अपने घर पहुंची, तो वही उनके साथ पार्क में हिरण का बच्चा भी यहां पहुंच गया जहाँ माली खुशीराम ने उसे देखा तो उसके शरीर से खून बह रहा था, जिसका उसने इलाज किया और वह पूरी तरह से ठीक हो गया, अब हिरण का बच्चा बकरियों के बीच रहता है और उनका अपनी माँ समझकर उनका दूध पीकर पल रहा है। बकरियों के साथ खेलता है।
पार्क के माली खुशीराम की आवाज में पहुंच गया हिरण
वैसे तो जंगली जानवर नर को देखकर भाग जाते हैं या फिर आदमियों से भिड़ जाते हैं।लेकिन पार्क के माली खुशीराम और हिरण के बच्चे की दोस्ती अब जिले में चर्चा का विषय बन गई है। यह हिरण का बच्चा अब कई इलाकों में फैले पार्क में रहता है। लगभग 1 किलोमीटर दूर से खुशीराम की आवाज सुनकर उसके पास पहुंचता है।उसके साथ खेलता है। ख़ुशीराम उसके शरीर में हाथ फेरता है।खुशीराम और हिरण के इस प्यार को देखने के लिए लोग यहां पहुंच रहे हैं।
जिले में बढ़ रही है हिरणों की आबादी, वन विभाग के अधिकारी खुश दुर्लभ प्रजाति के बकरे को पाकर वन विभाग के अधिकारी खुश हैं, क्योंकि जिले में दिन-ब-दिन हिरणों की संख्या बढ़ रही है।एफआरओ सुजीत सिंह ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि यह हिरण का बच्चा अभी बहुत छोटा है, जिससे यह कहा जा सकता है कि चारों ओर हिरणों का झुंड है। झुंड से अलग होने के कारण वह यहां पहुंच गया है। और बच्चे की देखभाल के लिए सिटी फॉरेस्ट पार्क में बकरियों के साथ रह रहा है। जिम्मेदारी माली खुशीराम को दी गई है। वैसे तो बच्चा अभी छोटा है उसे छोड़ा नहीं जा सकता है।