Hapur News: 90 दलित परिवारों ने 'यह मकान बिकाऊ है' का लगाया पोस्टर, मचा हड़कंप

हापुड़ में 90 दलित परिवारों ने अपने-अपने घरों में 'यह मकान बिकाऊ है' का पोस्टर चिपका दिया है। इन परिवारों का आरोप है कि नेताओं और प्रशासन ने उनकी बात नहीं सुनी।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 9 Jun 2021 8:54 AM GMT (Updated on: 9 Jun 2021 10:19 AM GMT)
हापुड़: 90 दलित परिवारों ने ‘यह मकान बिकाऊ है’ का लगाया पोस्टर, मचा हड़कंप
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घर में लगा यह मकान बिकाऊ है का पोस्टर, साभार-सोशल मीडिया

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, आगरा जिले में 'ये मकान बिकाऊ है' के पोस्टर लगाने के बाद अब हापुड़ में भी करीब 90 दलित परिवारों ने अपने-अपने घरों में 'यह मकान बिकाऊ है' का पोस्टर चिपका दिया है। इन परिवारों का आरोप है कि नेताओं और प्रशासन ने उनकी बात नहीं सुनी। जिससे मजबूर होकर उन्हें ये कदम उठाना पड़ा है। बता दें 2005 में हापुड़ जिला मुख्यालय से मात्र 4-5 किलोमीटर दूसरी पर आदर्श नगर कॉलोनी दलितों के लिए बनाई गई थी। इस दलित कॉलोनी में सैकड़ों लोग रहते हैं, लेकिन वहां ना तो शुद्ध पीने का पानी मिल रहा है, ना सही सड़कें हैं, टूटी-फूटी सड़कों से उन्हें दोचार होना पड़ता है। बारसात के मौसम में उनके घरों में पानी भर जाता है। जिससे उन्हें वहां रहने में काफी परेशानी होती है।

जिला प्रशासन ने नहीं सुनी पुकार

इन दलित परिवारों का आरोप है कि वह इस समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों से मिले। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द इन समस्याओं का समाधान हो जाएगा। लेकिन समस्याएं जस की तस बनी हुई है। जब उन्होंने मकान बिकाऊ है का पोस्टर लगाया तो अफसरों में हड़कंप मच गया और जल्द समस्याओं का समाधान करने की बात कर रहे हैं।

मजबूरी में उठाया कदम

दलितों के मुताबिक बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी उनकी समस्या का निवारण नहीं किया गया। समस्या के निवारण के लिए धरना-प्रदर्शन भी किया गया लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद यहां रहने वाले 80-90 दलित परिवारों ने मजबूर होकर अपने घरों के बाहर 'यह मकान बिकाऊ है' के पोस्टर लगा दिए।

अलीगढ़ में भी लगा था पोस्टर

बता दें इससे पहले अलीगढ़ जिले में भी ऐसी खबर सामने आई थी। अलीगढ़ के नूरपुर गांव में जाटव समाज के लोग अपना घर बेचकर यहां से जाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने अपने घरों के बाहर 'यह घर बिकाऊ है' लिख दिया था। वहीं, जब मामला मीडिया की सुर्खियां बना तो पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया था। जिसके बाद जिला प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर लोगों से बात की और पूरा मामला जाना। साथ ही लोगों को समझाकर शांत किया।

क्या था पूरा मामला?

दरअसल नूरपुर गांव थाना टप्पल क्षेत्र के अंतर्गत आता है और गांव की आबादी करीब एक हजार की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां ओमवीर ने अपनी दो बेटियों का रिश्ता गुरुग्राम में तय किया था। शादी से दो दिन पहले पता चला कि एक लड़के ने कोर्ट मैरिज कर ली है। इसे लेकर लड़का-लड़की पक्ष में विवाद हो गया और शादी टूट गई। इसके बाद ओमवीर ने वहां से रिश्ता तोड़कर हरियाणा के गांव दीघोट में शादी तय कर दी। 26 मई को दोनों लड़कियों की बारात गांव नूरपुर में आई थी। ओमप्रकाश के अनुसार बरात चढ़त के साथ उनके दरवाजे पर आ रही थी तभी समुदाय विशेष के कुछ लोग एकत्र होकर बरात चढ़त का विरोध करने लगे। इस भीड़ ने बरातियों और गांव के हिंदुओं पर लाठी, डंडे व राड से हमला कर दिया। इसमें डीजे वाली गाड़ी के शीशे टूट गए। गाड़ी के चालक समेत दो लोग घायल हो गए। उन्होंने थाने में जानकारी देने के साथ ही अगली सुबह आरोपियों के खिलाफ तहरीर थी। जिसके आधार पर 11 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

Rahul Singh Rajpoot

Rahul Singh Rajpoot

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