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Hapur News: तीन हजार से अधिक कारखानों पर छाया संकट, जानिए क्या है मामला

Hapur: जनपद के चारों औद्योगिक क्षेत्र में तीन हजार से अधिक कारखाने संचालित है। कारखानों में चादर रंगाई, स्टील की वस्तु तैयार करना, स्क्रैप गलाने का कार्य किया जाता है।

Avnish Pal
Report Avnish Pal
Published on: 30 Dec 2022 4:34 PM IST
Hapur News
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तीन हजार से अधिक कारखानों पर छाया संकट। (Social Media)

Hapur News: हापुड में एक जनवरी 2023 से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में कोयला व लकड़ी ईंधन से संचालित कारखाने नहीं चल सकेंगे। जिन औधोगिक क्षेत्र में पीएनजी गैस नहीं थी, वहाँ वायु गुणवत्ता आयोग की तरफ से 31दिसंबर तक ईंधन बदलने के निर्देश दिए गए थे। यह समयावधि शनिवार कक समाप्त हो जाएगी। ऐसे में उद्यमी कारखानों को संचालन सुचारू रखने को लेकर चिंतित है। क्योंकि, जनपद के किसी भी औद्योगिक के क्षेत्र में अभी तक गैस पाईप लाईन बिछ नही पाई है। अन्य ईंधन विकल्प का प्रयोग करने पर खर्च में अत्यधिक बढ़ोतरी हो सकेगी।

जनपद में है 4 औधोगिक क्षेत्र

जनपद में चार औधोगिक क्षेत्र है, जिसमें मसूरी-गुलावठी मार्ग पर स्थित यूपीसीड़ा का औधोगिक क्षेत्र, हापुड-पिलखुवा विकास प्राधिकरण के अधीन खेड़ा व टेक्सटाइल सेंटर औधोगिक क्षेत्र है। वहीं, एक औधोगिक क्षेत्र जिंदल नगर में है। जिसका कुछ हिस्सा जनपद गाजियाबाद में आता है। चारों औधोगिक क्षेत्र में से किसी भी क्षेत्र में अभी तक पीएनजी गैस पाईप लाईन नही बिछ सकी है। यूपीसीडा के ओद्योगिक क्षेत्र में इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड की तरफ से पाइप लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है। कार्य की गति को देखकर नही लगता कि दो दिन में पाइप लाइन बिछ सकेगी। इसके चलते उधमी परेशान है। जनपद के चारों औद्योगिक क्षेत्र में तीन हजार से अधिक कारखाने संचालित है। कारखानों में चादर रंगाई, स्टील की वस्तु तैयार करना, स्क्रैप गलाने का कार्य किया जाता है। जिनमें कोयला और लकड़ी ईंधन का प्रयोग होता है, जिससे वातावरण दूषित होता है।

वायु गुणवत्ता आयोग ने दिए थे यह आदेश

वायु गुणवत्ता आयोग ने दिल्ली-एनसीआर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए आदेश दिया था कि जिन कारखानों में लकड़ी और कोयला का ईंधन के रूप में प्रयोग होता है। वह बंद कराए जाएंगे। यह कार्यवाही 30 सितंबर तक होनी थी, परन्तु औद्योगिक क्षेत्र में पीएनजी गैस पाइप लाइन नही होने के कारण आयोग ने अवधि बढ़ाकर 31 दिसंबर 2022 तक करदी थी।

क्या कहते है प्रदूषण विभाग के अधिकारी

आयोग के आदेश अनुसार 31 दिसंबर तक उद्यमियों को समय दिया गया था। केवल पीएनजी गैस से ही कोयला और लकड़ी का वैकल्पिक नही है। बिजली सहित 10 विकल्प दिए गए हैं, बावजूद इसके उद्यमियों ने जागरूकता दिखाने का प्रयोग नहीं किया गया है। 1 जनवरी के बाद छापामार कार्रवाई की जाएगी कारखाना संचालन में कोयला और लकड़ी प्रयोग बिल्कुल भी होने नही दिया जाएगा।

Deepak Kumar

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