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सावधान: अगर इस जिले में रहते हैं तो कुत्तो से बच कर रहिए, क्योकि यहाँ इलाज नहीं होगा
जनता हो जाये सावधान, अगर आप इस जिले में रहते है तो सावधान होकर रहें ,खासकर कुत्तों से। जी हाँ सही सुना आपने, अगर कुत्ते ने काट लिया तो इसका इलाज नहीं हो पायेगा।
हापुड़: जनता हो जाये सावधान, अगर आप इस जिले में रहते है तो सावधान होकर रहें ,खासकर कुत्तों से। जी हाँ सही सुना आपने, अगर कुत्ते ने काट लिया तो इसका इलाज नहीं हो पायेगा। सुनने में थोड़ा अजीब है लेकिन ये सच्चाई है चलिए हम आपको बताते है आखिर क्या है पूरा मामला, दिल्ली,गाज़ियाबाद से सटे यूपी के जनपद हापुड़ के शहर में सरकारी अस्पतालों में नौ जनवरी से रैबीज से बचाव के इंजेक्शन नहीं लगाए जा रहे हैं। इस कारण रोगियों को निजी चिकित्सकों से महंगा उपचार कराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। गरीब रोगी बाजार में महंगे इंजेक्शन मिलने के कारण उपचार नहीं करा पा रहे हैं। इस कारण उनके जीवन के लिए खतरा बना हुआ है।
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आपको बता दें की विगत नौ दिन से जिला अस्पताल और सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटी रैबीज इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। इस कारण लोगों को निजी चिकित्सकों से महंगे इंजेक्शन लगवाने पड़ रहे हैं। जानकारी के अनुसार गढ़ रोड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आंकड़ों के मुताबिक प्रतिदिन कुत्ते काटे के 30 से 35 रोगी इंजेक्शन लगवाने के लिए आते हैं। सभी रोगी इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होने के कारण निराश होकर वापस लौटते हैं। चिकित्सकों के अनुसार कुत्ते द्वारा काट लिए जाने के 24 घंटे के अंदर एंटी रैबीज टीका लगवाना अनिवार्य होता है। इससे अधिक समय होने पर शरीर में रैबीज की कीटाणु फैलने का खतरा रहता है। टीके नहीं लग पाने के कारण गरीब रोगियों के जीवन के लिए खतरा बना हुआ है।
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क्या कहते है मुख्य चिकित्सा अधिकारी
एंटी रैबीज इंजेक्शन के लिए लगातार मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक इंजेक्शन नहीं मिल पाए हैं। जनपद के सभी सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन 200 से 300 लोग एंटी रैबीज टीके लगवाने के लिए आते हैं। संबंधित कंपनी को लगातार एंटी रेबीज इंजेक्शन की आपूर्ति करने के लिए कहा जा रहा है।
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पीड़ित मुकेश कुमार
पिछले चार दिनों से अस्पताल के चक्कर लगा रहा हूं। चिकित्सक प्रतिदिन अगले दिन टीके आ जाने की संभावना जता कर अगले दिन आने के लिए कह देते हैं।