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Hapur News: फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनाने व निरस्त करने में, आगरा उप नगर आयुक्त सहित पांच के खिलाफ रिपोर्ट
Hapur News Today: रिपोर्ट एक दिव्यांग महिला की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक के आदेश के बाद दर्ज हुई है। तत्कालीन अधिशासी अधिकारी वर्तमान में आगरा में उप नगर आयुक्त हैं।
Hapur News: जनपद हापुड़ की पिलखुवा पालिका के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी (ईओ) सहित पांच लोगों के खिलाफ फर्जी मृत्यु प्रमाण -पत्र बनाने और शिकायत होने पर निरस्त करने के मामले में रिपोर्ट दर्ज हुई है। यह रिपोर्ट एक दिव्यांग महिला की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक के आदेश के बाद दर्ज हुई है। तत्कालीन अधिशासी अधिकारी वर्तमान में आगरा में उप नगर आयुक्त हैं। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पालिका के अधिकारियों एवं कर्मियों में बेचैनी है।
मोहल्ला राणा पट्टी की रहने वाली महिला पूनम का कहना है कि वह अपने पिता की दो संतान थीं। भाई मिथुन की सामान्य रूप से घर में मृत्यु में हो गई थी। पूनम का कहना है कि उनके दादा ने अपनी समस्त संपत्ति पौत्र के नाम कर दी थी। दादा की वर्ष 1999 में मृत्यु हो गई। इसके बाद डबरिया मोहल्ले में रहने वाले भागमल ने पडयंत्र रचा।
परिवार के सभी सदस्यों का नाम वारिसान में चढ़ाते हुए पिता से अपने नाम पावर आफ अटर्नी करा ली और भागमल ने जमीन का बैनामा अपनी पत्नी लज्जावती के नाम कर दिया। पावर आफ अटर्नी रजिस्टर्ड थी। इसलिए भागमल की पत्नी के नाम दाखिल खारिज न हो सका।
इसके बाद भागमल के पुत्र जितेंद्र ने महिला के भाई का फर्जी मृत्यु प्रमाण -पत्र सुशील तोमर और पालिका के अधिकारियों, कर्मियों से मिलकर बनवाया। चार अप्रैल 2022 को फर्जी मृत्यु प्रमाण- पत्र जारी हुआ। जिसकी भनक लगने पर पीड़िता पूनम ने कई जगह शिकायत की। जिस पर 31 अगस्त 2022 को मृत्यु प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया। पीड़िता ने इस बावत कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई।
थाना प्रभारी निरीक्षक मुनीष प्रताप सिंह ने बताया कि मामले में तत्कालीन अधिशासी अधिकारी विकास सैन वर्तमान में उप नगरायुक्त आगरा, सभासद सुशील तोमर, पालिका के सफाई एवं खाद्य निरीक्षक अवधेश यादव, सफाई नायक और डबरिया मोहल्ले में रहने वाले जितेंद्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। मामले में जांच उपरांत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
संज्ञान में नहीं मामला : विकास सेन
ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं है। पत्रावली देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। रिपोर्ट दर्ज होने का भी पता नहीं चल सका है।