Hapur News: शहीदों को अनोखी श्रद्धांजलि! लोग इस युवक को शहीद स्मारक के नाम से जानते हैं, पीठ पर गुदवाए 631 शहीदों के नाम

Hapur News: हापुड़ के नगर क्षेत्र के प्रीत विहार के रहने वाले अभिषेक गौतम का जज्बा कुछ अलग ही है इन्होंने हमले में शहीद हुए सभी शहीदों के नाम अपनी पीठ पर टैटू के रूप में गुदवा लिए।

Avnish Pal
Report Avnish Pal
Published on: 10 Aug 2024 11:47 AM GMT
Abhishek Gautam paid tribute to the martyrs Names of 631 martyrs were tattooed on their backs as tribute, known as Shaheed Smarak
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अभिषेक गौतम ने शहीदों को श्रद्धांजलि के लिए पीठ पर गुदवाए 631 शहीदों के नाम, शहीद स्मारक के नाम से जानते हैं: Video- Newstrack

Hapur News: शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर वरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा… ये वह पंक्तियां है जिन्हें सुनकर भारत देश के हर एक नागरिक के मन में जोश भर जाता है। ऐसे ही इस युवा को देखकर लोगों मे जोश भर आता है। हम बात कर रहें जनपद हापुड़ के एक ऐसे शख्स की जो एक चलता फिरता शहीद स्मारक बन चूका है। जनपद हापुड़ के नगर क्षेत्र के प्रीत विहार के रहने वाले अभिषेक गौतम का जज्बा कुछ अलग ही है इन्होंने हमले में शहीद हुए सभी शहीदों के नाम अपनी पीठ पर टैटू के रूप में गुदवा लिए। यह चाहते हैं कि उनके इस जज्बे को और भी युवक देखें और देश के लिए सच्ची देशभक्ति की भावना उनके मन में जागे।

चलता फिरता स्मारक है यह युवा

जिले के रहने वाले अभिषेक गौतम ने बड़े अनोखे ढंग से शरीर पर 631 शहीदो के नाम गुदवाकर वह खुद चलता फिरता शहीद स्मारक बन चुका है। ज़ब उनसे न्यूज़ट्रैक की टीम ने बात की तो उन्होंने बताया कि उनके शरीर पर 631 शहीदों मे से 559 कारगिल शहीदों के नाम लिखें हुए है और शेष नाम 72 उन शहीदों के हैं जिनके घर परिवार वालों से वे जाकर मिलते है। उन्होंने अपनी पीठ पर देश के असली हीरो, शहीद जवानों के नाम गुदवाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपनी पीठ पर तिरंगा और शहीद स्मारक और सीने पर युवा की शान भगत सिंह की तस्वीर गुदवाई है। देश भक्ति की अनूठी मिसाल पेश कर रहें हैं और यह युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी बन गए है।

550 शहीद परिवारों से मिल चुके हैं अभिषेक गौतम

शहीद स्मारक नाम से जाने- जाने वाले अभिषेक गौतम नें इंटरव्यू देते हुए बताया कि वह पेशे से इंटीरियर डिजाइनर हैं। उनका नाम इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में भी दर्ज है। वहीं गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड के लिए उनका नाम वोटिंग लिस्ट में चल रहा है। अब तक वह अपनी बाईक और कार से शहीदों के 550 परिवारों से मिल चुके हैं।देश के विभिन्न शहीदों के परिवार से मिलने के लिए भ्रमण पर निकल जाते हैं। वह चाहते हैं कि उनके इस जज्बे को और भी युवक देखें और देश के लिए सच्ची देशभक्ति की भावना उनके मन में जागे।

Shashi kant gautam

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