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Hapur: गुणवत्तायुक्त बासमती चावल के लिए कीटनाशक दवाओं की बिक्री एवं छिड़काव पर रोक
Hapur: पिछले वर्ष बासमती धान की सप्लाई गुणवत्ता युक्त नहीं होने के कारण विदेश में रिजेक्ट कर दिया गया था। इसी को लेकर अब सरकार ने नई रणनीति बनाई हैं।
Hapur News: पिछले वर्ष विदेश भेजी गई काफी धान गुणवत्तायुक्त नहीं होने के कारण फेल हो गई थी। ऐसे में धान बिक्री पर पिछले वर्ष जैसी पुनरावृति न हो इसके लिए प्रदेश के 30 जिलों में बासमती धान में लगने वाली दस कीटनाशक दवाओं की बिक्री एवं उपयोग पर पूर्ण रोक लगा दी गई हैं। वहीं कीटों से बचाव के लिए जैव कीटनाशकों का उपयोग करने की सलाह दी गई हैं। नियम तोड़ने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
धान के लिए सरकार ने बनाई नई रणनीति
केंद्र एवं प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने एवं उनका फसल उत्पाद विदेश तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इसके लिए वह किसानों को एफपीओ एवं कलस्टर के माध्यम से जोड़कर उनके उत्पाद विदेश तक बेचने के लिए प्लेटफार्म तैयार कर रही है। पिछले वर्ष बासमती धान की सप्लाई गुणवत्ता युक्त नहीं होने के कारण विदेश में रिजेक्ट कर दिया गया था। इसी को लेकर अब सरकार ने नई रणनीति बनाई हैं। इस समय अगेती धान की फसल की कटाई शुरू हो चुकी हैं, जबकि अगले 15 दिनों में कटाई में तेजी आ जाएगी। इसी को देखते हुए सरकार ने दस दवाओं की बिक्री एवं उसके छिड़काव करने पर रोक लगा दी हैं। इसका मुख्य उदेस्य गुणवत्तायुक्त बासमती चावल के निर्यात में वृद्धि करने का है, जिससे कटाई के उपरांत फसल में कीटनाशकों के अवशेष विद्यमान न रहे।
इन जिलों में प्रतिबंधित
शासन स्तर से आगरा, अलीगढ़, औरैया, बागपत, बरेली, बिजनौर, बदायू, बुलंदशहर, एटा, कासगंज, फैरूखाबाद, फिरोजाबाद, इटावा, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, मथुरा, मैनपुरी, मेरठ, मुरादाबाद, अमरोहा, कन्नौज, मुजफ्फरनगर, शामली, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहापुर एवं संभल में बासमती चावल में ट्राईसाइक्लाजोल, ब्यूप्लोजिन, एसीफेट, क्लोरोपाइरीफास, हेक्साकोनाजोल, प्रोपिकोनाजोल, थायोमेथाक्सान, प्रोफेनाफास, इमिडाक्लोप्रिड एवं कार्वेंडाजिम कीटनाशकों के सभी प्रकार के फार्मूलेशन की बिक्री, वितरण और उपयोग को बंद करने के लिए निर्देश दिए हैं।
कीटों की रोकथाम के लिए करें यह उपाय
बासमती धान में लगने वाले कीटों को रोकने के लिए किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो।इसके लिए सभी कीटनाशक विक्रेताओं से बासमती धान में संतुलित मात्रा में वैकल्पिक कीटनाशकों का प्रयोग करने, नियंत्रण की आईपीएम पद्धति का प्रयोग करने एवं जैव कीटनाशकों जैसे-नीम आयल, ट्राइकोडर्मा, ब्युवेरिया बेसियाना, स्यूडोमोनास, मैटाराइजियम, बीटी, एनपीवी की बिक्री को बढ़ाने एवं किसानों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं।इसके अतिरिक्त कुछ वैकल्पिक उपाय जैसे लाइट ट्रैप, फेरोमोन ट्रैप, स्टिकी ट्रैप और ट्राईकोकार्ड का प्रयोग कराया जाए।
क्या बोले जिम्मेदार अधिकारी
जिला कृषि अधिकारी डाक्टर मनोज कुमार ने बताया कि,कृषि विभाग द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के माध्यम से जनपद के सभी कीटनाशी विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि कोई भी विक्रेता बासमती धान में लगने वाले विभिन्न प्रकार के कीटों और बीमारियों में उपरोक्त प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री न करे। यदि कोई यह कार्य करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।