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Hapur News: फसल ऋण लेने वाले किसानों के साथ बैंक प्रबंधक ने की करोड़ों की धोखाधड़ी, रिपोर्ट दर्ज
Hapur News: बैंक प्रबंधक ने किसानों से रुपये लेकर फर्जी डाक्यूमेंट किसानों को दे दिए। अब किसानों ने इसकी शिकायत बैंक के अधिकारियों और पुलिस से की है।
Hapur News: उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ के नगर कोतवाली क्षेत्र के गांव बदनौली में स्थित बैंक ने किसानों के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी कर ली। किसानों ने केनरा बैंक से 2015 में फसली ऋण लिया था। इसके लिए किसानों की जमीन को बंधक बनाया गया था। किसानों ने ऋण को बैंक मैनेजर के पास जमा कराकर रसीद प्राप्त लीं और नो-ड्यूज ले लिया। नो-ड्यूज का सत्यापन कराकर तहसील प्रशासन ने किसानों की जमीन को 2019 में बंधन मुक्त कर दिया। तब से किसानों के पास बैंक का कोई बकाया नोटिस भी नहीं गया।
अब पांच साल बाद 2024 में बैंक प्रबंधक के तबादले के बाद किसानों के पास वसूली को अमीन पहुंचा है। तब उनको पता चला कि बैंक में उनके खातों में ऋण की धनराशि ज्यों की त्यों प्रदर्शित हो रही है। दरअसल बैंक प्रबंधक ने किसानों से रुपये लेकर फर्जी डाक्यूमेंट किसानों को दे दिए। अब किसानों ने इसकी शिकायत बैंक के अधिकारियों और पुलिस से की है। अभी तक की जांच में लगभग 77 किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आ चुका हैं। इनमें से पांच-छह किसानों ने बैंक प्रबंधक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी हैं। बैंक ने अपनी विजिलेंस से भी इसकी जांच शुरू करा दी है। धोखाधड़ी से किसान परेशान हैं।
इन किसानों ने की है शिकायत
सुरेशचंद - सरावा, राजकुमार- सरावा, कुंवरपाल सिंह - सरावा, शकरुद्दीन-नांगलोई, राजू सिंह-नांगलोई, सुनील सैनी -नांगलोई, प्रमोद कुमार -नांगलोई, रघुनंदन -नांगलोई, रामपाल -नांगलोई, गिरीश त्यागी -नांगलोई, किशनलाल -नांगलोई, रकम सिंह- दस्तोई, मनोहर सिंह - दादरी, सद्दाम-हैदरपुर, ब्रह्मसिंह-दादरी, तेजपाल-सरावा, फकीरचंद - सरावा, रविंद कुमार- बदनौली, सतवीर सिंह- बदनौली, प्रदीप तोमर-बदनौली, रमेशचंद-बदनौली, संदीप-बदनौली , लक्ष्मीदेवी-बदनौली और आबिद-सरावा।
किसानों के साथ बैंक मैनेजर नें ऐसे किया खेल
किसानों ने बताया कि बैंक मैनेजर योगेश कुमार उनका परिचित था। वह ज्यादा परेशान किए बिना कुछ ही देर में बैंक लोन कर देता था। वहीं किस्त जमा कराने के लिए वह खुद ही गांव में पहुंच जाता था। वहां से रुपये लेकर वह रसीद पहुंचा देता था। वहीं बैंक में रुपये लेने के बाद वह जमा पर्ची घर पर पहुंचा देता था। उसने किसानों को एक साथ नो-ड्यूज जारी कर दिए। वहीं तहसील में जमा कराने पर बैंक में सत्यापन कराया गया। बैंक के सत्यापन में नो-ड्यूज को सही पाया गया। उसके बाद तहसील प्रशासन ने किसानों की जमीन को बंधन मुक्त कर दिया था।
बैंक प्रबंधक के खिलाफ दर्ज कराई रिपोर्ट
किसानों ने केनरा बैंक के प्रबंधक योगेश कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज करा दी है। सिटी कोतवाली में अपराध संख्या- 178-24, 200-24 और 202-24 दर्ज हैं। किसान राजकुमार सिंह सुरेश कुमार और कुंवरपाल सिंह ने बताया कि अलग-अलग किसानों ने करीब 17 अभियोग दर्ज कराए हुए हैं। वहीं बैंक के रीजनल आफिस में भी शिकायत की है। उसके आधार पर बैंक के उच्चाधिकारियों ने विभागीय विजिलेंस से जांच शुरू करा दी है। वहीं जांच पूरी होने तक किसानों को जारी वसूली समन पर रोक लगा दी गई है।
सात गांव के साथ हुई धोखाधड़ी
पीड़ित किसान कुंवरपाल सिंह नें कहा की क्षेत्र के सात गांवों के 77 लोगों के साथ ठगी होना अब तक सामने आ चुका है। हमने बैंक के उच्चाधिकारियों के साथ ही डीएम अौर एसपी से भी शिकायत की है। किसी स्तर पर सुनवाई नहीं हो रही है। क्षेत्र के 500 से ज्यादा किसानों के साथ धोखाधड़ी की गई है। किसानों का रुपया हड़पने के बाद मैनेजर का दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया है। हम इसके विरोध में धरना-प्रदर्शन करेंगे और केंद्रीय कृषि व वित्त मंत्री से मुलाकात करेंगे।