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Hapur News: ईंट भट्ठा संचालक कर रहे पर्यावरण नियमों की अनदेखी, बिना NOC के 30 भट्टे संचालित, नहीं हो रही कार्रवाई

Hapur News: उच्च न्यायालय के आदेशानुसार 30 जून के बाद भट्टों पर कार्य नहीं कराया जा सकता है। ऐसी स्थिति भट्टा संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

Avnish Pal
Report Avnish Pal
Published on: 20 Nov 2024 10:24 AM IST (Updated on: 20 Nov 2024 10:25 AM IST)
Hapur News: ईंट भट्ठा संचालक कर रहे पर्यावरण नियमों की अनदेखी, बिना NOC के 30 भट्टे संचालित, नहीं हो रही कार्रवाई
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ईंट भट्ठा संचालक कर रहे पर्यावरण नियमों की अनदेखी   (photo: social media )

Hapur News: बेशक इस समय भट्टों पर कोई कार्य नहीं चल रहा है लेकिन, नियम कानून को ताक पर रखकर जनपद में 135 भट्टे में 30 भट्टे बिना एनओसी के अधिकारियों की मेहरबानी से संचालित कराएं जाते है। एक मार्च से तीस जून कुल चार माह में भट्टों पर ईट बनाने का निर्माण कार्य कराया जाता है और यहां बनी ईंटों की बिक्री पूरे वर्ष की जाती है लेकिन, इन चार माह की तैयारी का कार्य जनवरी माह से ही ईट बनाने संबंधी कार्य प्रारंभ कर दिया जाता है। उच्च न्यायालय के आदेशानुसार 30 जून के बाद भट्टों पर कार्य नहीं कराया जा सकता है। ऐसी स्थिति भट्टा संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

तीन विभागों से लेनी होती है एनओंसी

भट्टा संचालन के लिए संचालक को तीन विभागों से एक बार एनओसी लेनी पड़ती है जबकि, इन भट्टों पर संचालन का कार्य प्रारंभ कर नियमों की धज्जियां अधिकारियों की शह पर खुलेआम उड़ाई जा रही है। नियमानुसार भट्टा संचालित के दौरान खनन, प्रदूषण, सुरक्षा व अन्य संबंधी उपकरण के साथ-साथ कई विभागों से एनओसी भी लेनी पड़ती है लेकिन, जनपद के अधिकतर भट्टे पर न तो सुरक्षा के साधन मौजूद हैं और कुछ भट्टों पर न ही भट्टा संचालित करने का आधार है। जिले में इस समय लगभग 135 भट्टे संचालित हो रहे हैं। जिनमें 105 भट्टों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी प्राप्त है। लगभग 30 भट्टे बिना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी प्राप्त किए बिना चल रहे है। कई संस्थाओं की शिकायत के बाद भी भट्टे संचालित हैं। जिसकी पुष्टि जिला परिषद, खनन विभाग, व सेल टैक्स विभाग से हो रही है। नियमानुसार भट्टे चलाने के लिए सर्वप्रथम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी प्राप्त करनी होती है। जिसके बाद रायल्टी जमा कराने के साथ ही जिला पंचायत से रसीद कटवानी पड़ती है। परंतु आपसी मिली भगत से तीनों विभागों ने भट्टों को अवैध रूप से संचालित करने की मौन स्वीकृति प्रदान की हुई है।

उच्च न्यायालय में दर्ज होगी याचिका

राष्ट्रीय मानव अधिकार एवं भ्रष्टाचार निवारण संघ भारत के सदस्य राम भरोसे तोमर ने कहा है कि भट्टों की कई बार शिकायत की गई, परंतु आपसी मिलीभगत से लगभग पांच वर्षों से बिना एनओसी प्राप्त किये भट्टे संचालित हैं। बिना एनओसी के खनन व जिला पंचायत के द्वारा काटी गई रसीद अवैध हैं। जिसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने जिलाधिकारी से दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर अवैध रूप से संचालित भट्टों को बंद कराने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि कार्रवाई न होने पर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर उक्त भट्टों की जांच उच्च संस्था या न्यायालय के रिटायर्ड जज से कराने की मांग की जाएगी।

जनवरी माह से संचालित होंगे ईट भट्टे

एक भट्टा संचालक ने बताया कि ईट भट्टे पर सबसे पहले कच्ची ईट बनाने का कार्य जनवरी से प्रारंभ होता है जबकि, ईट भट्टे का सीजन एक मार्च से प्रारंभ हो जाता है। जानकारी के अनुसार अधिकतर भट्टों पर पूरे सीजन में करोड़ों रुपए की ईट बिक रही हैं। एक ईट भट्टे पर लगभग 35 से 40 कामगार कार्य करते हैं। इनमें ज्यादातर कामगार दूसरे राज्यों से लाए जाते हैं। जो भट्टों पर रहकर ही अपना कार्य करते हैं।

ऐसे भट्टा संचालको पर लगाई जाएगी लगाम

इस सबंध में एडीएम संदीप कुमार का कहना है कि,ईंट भट्ठों का संचालन पर्याप्त एनओसी प्राप्त होने पर ही किया जा सकता है। समय-समय पर एनओसी की जांच भी कराई जाती है। एक बार फिर सभी भट्ठों के जरूरी कागजात की जांच कराई जाएगी। जिनका संचालन पर्याप्त एनओसी के बिना होता मिलेगा, उनके खिलाफ यथोचित कार्रवाई की जाएगी।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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