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Hapur News: साइबर ठगी का नया मॉडल, शेयर बाजार के नाम पर ठगे जा रहे लोग, सेवानिवृत पेशनर सें 1.75 करोड़ की ठगी

Hapur News: ग्राहकों को लुभाने के लिए कॉल सेंटर में युवतियां रखी जाती हैं और फर्जी शेयर बाजार विशेषज्ञों के वाट्सएप ग्रुप बनाए जाते हैं।

Avnish Pal
Report Avnish Pal
Published on: 12 Dec 2024 12:32 PM IST
Hapur News: साइबर ठगी का नया मॉडल, शेयर बाजार के नाम पर ठगे जा रहे लोग, सेवानिवृत पेशनर सें 1.75 करोड़ की ठगी
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साइबर ठगी का नया मॉडल   (photo: social media )

Hapur News: साइबर अपराधियों ने शेयर बाजार के नाम पर ठगी का एक अलग और सुनियोजित मॉडल अपनाया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आम लोगों को जोड़ने से लेकर उनके आर्थिक हालात का आकलन करने के लिए एक समर्पित टीम काम करती है। यह टीम संबंधित व्यक्ति की सोशल मीड‍िया प्रोफाइल का विश्लेषण करती है और उसे ठगी के जाल में फंसाने का तरीका ढूंढती है। ग्राहकों को लुभाने के लिए कॉल सेंटर में युवतियां रखी जाती हैं और फर्जी शेयर बाजार विशेषज्ञों के वाट्सएप ग्रुप बनाए जाते हैं।

ऐसा ही एक मामला नगर कोतवाली क्षेत्र के विवेक विहार कॉलोनी सें सामने आया है। जहाँ एक सेवानिवृत पेशनर सें एक करोड़ 75 लाख रूपये की ठगी की गई। पीड़ित नें साइबर ठगों के जाल में फसकर अपनी व अपने बच्चों की समस्त जमा पूंजी साइबर ठगों को सौंप दी। इस मामले में पीड़ित के बेटे नें थाने में तहरीर देकर साइबर थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया है।

मुकदमा दर्ज कर जाँच में जुटी पुलिस

पीड़ित के बेटे मोहित अग्रवाल निवासी विवेक विहार नें साइबर थाने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि उनके पिता अशोक कुमार अग्रवाल सेवानिवृत्त पेंशनर हैं। उनके पिता मोबाइल फोन पर एक व्हाटसएप ग्रुप से जुड़े। आरोपी मीरा दत्त ने व्हाटसएप काॅल पर पिता सें वार्ता करते हुए शेयर ट्रेडिंग करने पर अच्छा रिटर्न देने का झांसा देकर बातों में फंसा लिया। 17 अक्टूबर को व्हाटसएप काॅल द्वारा सर्विस मैनेजर ने उनके मोबाईल नम्बर पर लिंक भेजा।आरोपियों की बातों पर विश्वास करते हुए पीड़ित के पिता ने 17 अक्टूबर से 13 नवंबर तक एक करोड पिछत्तर लाख रूपये जमा किया। इसी मध्य में 30 अक्टूबर को उन्होंने एक लाख रुपये और 5 नवंबर को दो लाख रुपये विड्राल के लिए रिक्वेस्ट की तो अलग अलग खातों से पैसे आ गए। इससे उन्हें ग्रुप के प्रति विश्वास और पुख्ता हुआ।

मीरा दत्त ने पीड़ित के पिता को बताया कि उनके ग्रुप के माध्यम से एक नए आईपीओ में इन्वेस्ट करने पर एप्लीकेशन पर रूपया नहीं लगाना पड़ेगा, बल्कि एलाटमेन्ट के बाद रूपया देना होगा। इसी बीच आरोपियों ने पहले ग्रुप को डिलिट कर दूसरा ग्रुप बना दिया। जिस पर उनके पिता को संदेह हुआ। आरोपी मीरा दत्त ने उन्हें समझाते हुए नए ग्रुप से जोड़ दिया। आरोपी ने कहा कि नए ग्रुप में उनकी फंड वैल्यू कम है इसलिए और रुपये जमा करना पड़ेगा। पिता ने रुपये वापस मांगा तो आरोपी ने उनका फंड ब्लाॅक कर दिया। मैसेज के माध्यम से रुपयों की मांग की जा रही है। उसके पिता की फंड वैल्यू एप्लीकेशन पर 10.79 करोड़ रुपये दर्शाया जा रहा है। तब जाकर पता चला कि वह साइबर क्राइम के शिकार हो गए और धोखेबाजो की चुंगल में आकर अपनी व अपने बच्चो की समस्त जमा पूंजी गंवा चुके है।

क्या बोले साइबर थाना प्रभारी

इस सबंध में साइबर थाने के प्रभारी निरीक्षक नजीर खान ने बताया कि, पीड़ित के बेटे की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही वारदात का पर्दाफाश कर आरोपियों को गिरप्तार किया जाएगा।

क्या किया जाना चाहिए?

-निवेश से पहले संबंधित पोर्टल या कंपनी की प्रामाणिकता की जांच करें।

-अधिक लाभ के लालच में बिना जांच-पड़ताल के पैसा न लगाएं।

-ऐसी घटनाओं की तुरंत पुलिस या साइबर सेल में शिकायत करें।

-सरकार और प्रशासन को ठगी के मामलों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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