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Hapur News: सिपाही की मौत के मामले में सात दिन में रिपोर्ट सौपेंगे डीएम व एसपी
Hapur News: जिला मेरठ थाना भावनपुर क्षेत्र के गांव रसूलपुर के रूप सिंह ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें पीड़ित ने बताया था कि उसका अंकित राव (24) वर्ष 2021 में पीएसी में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ था।
Hapur News: थाना हापुड़ देहात क्षेत्र में 21 अप्रैल को पीएसी (पूर्वी पुलिस) के जवान अंकित राय जाटव की पुलिस लाइन के सामने सड़क हादसे में मौत के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति ने डीएम और एसपी से मामले की रिपोर्ट सात दिन में प्रस्तुत करने अथवा व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
21 अप्रैल को हुई थी सिपाही की मौत
जिला मेरठ थाना भावनपुर क्षेत्र के गांव रसूलपुर के रूप सिंह ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें पीड़ित ने बताया था कि उसका अंकित राव (24) वर्ष 2021 में पीएसी में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ था। वर्तमान में अंकित 35वीं बटालियन लखनऊ में तैनात था। 21 अप्रैल की देर रात अंकित जिला मेरठ के फफूंड़ा से अपने किसी परिचित की शादी में शामिल होकर बाइक से हापुड़ अपनी मौसी के घर लौट रहा था। जैसे ही उसकी बाइक मेरठ रोड स्थित पुलिस लाइन के सामने पहुंची तो अनियंत्रित ट्रक के चालक ने टक्कर मार दी थी। जिसमें अंकित की मौत हो गई थी। छानबीन के दौरान पता चला था कि विपरीत दिशा से आ रहे ट्रक के चालक जिला मेरठ के इंद्रानगर के नीरज शर्मा ने अंकित को कुचल दिया था। मामले में मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। आरोप है कि मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी व विवेचक की भूमिका संदिग्ध है। पीड़ित व उसके परिजन थाना प्रभारी व विवेचक से न्याय की गुहार लगाते रहे मगर, उन्हें दोनों उन्हें टकाते रहे। थानेदार व विवेचक ने परिजनों को बताया था कि सीसीटीवी फुटेज में ट्रक का नंबर व चालक साफ नहीं आ रहा है। ट्रक चालक भी हाथरस का रहने वाला बताया गया था। दोनों ने पर्याप्त पुलिसबल न होने के कारण हाथरस जाने में असमर्थ होने की बात भी कही थी।
पीड़ित परिवार नें लगाई थी न्याय की गुहार
मामले में पीड़ित परिवार ने सामाजिक संगठन शोषित क्रांति दल को दी थी। संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष रविकांत ने उच्च अधिकारियों से शिकायत की थी। तब कहीं जाकर ट्रक को पकड़ा था। ट्रक चालक नीरज शर्मा ने पुलिस से सांठ-गांठ कर अपने मोहल्ले के किसी अज्ञात व्यक्ति को ट्रक का चालक दिखाकर हापुड़ न्यायालय में पेश कर दिया था। जिसके बाद उसकी जमानत करा ली थी। पुलिस ने उसकी जमानत का विरोध तक नहीं किया था। थाना पुलिस अपने विभाग के सिपाही की मृत्यु को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। सड़क दुर्घटना सामन्य नहीं है। इसमें किसी बड़ी साजिश की बू आ रही है।जिसमें तत्कालीन थाना प्रभारी, विचेचक व एसपी भी शामिल है। मामले में डीआईजी (पुलिस) की अध्यक्षता में जांच दल गठित कर जांच कराई जाए। जांच के उपरांत दोषियों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए। मुकदमे में एससीएसटी अधिनियम व अन्य धाराएं बढ़ाई जानी चाहिए। मामले राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सहायक निदेशक गुलशन कुमार पहाड़िया ने एसपी और डीएम को नोटिस जारी किया है। नोटिस प्राप्त होने के सात दिन के अंदर जांच रिपोर्ट उनके समक्ष पेश करने या व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के आदेश जारी।