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Hapur News: डीएम ने कम्पोजिट स्कूल का किया औचक निरीक्षण, छात्रों से मिड-डे-मिल व्यवस्था की जानकारी ली
Hapur News: डीएम नें बच्चों के लिए आहार बनाने की सामग्री की जांच करते हुए रसोईया को निर्देशित किया कि बच्चों को शुद्ध व गर्म भोजन कराया जाएं।
Hapur News: यूपी के जनपद हापुड़ की डीएम प्रेरणा शर्मा नें बृहस्पतिवार को केंद्र नंबर दो बछलौता व प्राथमिक(कम्पोजिट) विद्यालय का औचक निरीक्षण कर वहां शिक्षा के स्तर को जाना, साफ सफाई की व्यवस्था को जांचा, मध्यान्ह भोजन को चेक किया। बच्चों से किताब पढ़ाई व शिक्षा संबंधी सवाल पूछे। अध्यापकों व बच्चों की उपस्थिति का भौतिक सत्यापन किया।जिलाधिकारी ने शिक्षा के स्तर को ऊंचा करने के लिए अध्यापकों को निर्देशित किया तथा मध्यान्ह भोजन, रसोई घर सहित अन्य व्यवस्था सहित अन्य व्यवस्थाओ का निरिक्षण किया है।
सर्दियों में बच्चों को पोष्टिक आहार कराएं
डीएम नें बच्चों के लिए आहार बनाने की सामग्री की जांच करते हुए रसोईया को निर्देशित किया कि बच्चों को शुद्ध व गर्म भोजन कराया जाएं। सर्दियों के मौसम में बच्चों को विशेष रूप से पोष्टिक आहार कराया जाएं। तदोपरांत उन्होने कक्षाओं का निरीक्षण करते हुए बच्चों से शिक्षा एवं खानपान से सम्बंधित वार्ता की। इस दौरान उन्होने बच्चों से ब्लैक बोर्ड पर लिखवाया और उनसे किताबें भी पढ़वाई। साथ ही उन्होने बच्चों से शिक्षा एवं आहार के सम्बंध में भी जानकारी प्राप्त की। जिस पर बच्चों ने कहा कि उन्हें उनकी शिक्षिका बहुत प्रेम से पढ़ाती हैं और भोजन भी प्रतिदिन समय से व अच्छा मिलता है।
यह दिए सबंधित विभाग के कर्मचारियों को निर्देश
डीएम ने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों एवं उच्च प्राथमिक (कम्पोजिट) विद्यालय, बछलौता के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को निर्देशित किया कि आंगनवाड़ी प्रांगण एवं स्कूल परिसर में साफ -सफाई, स्वच्छता व सौन्दर्यता का विशेष ध्यान रखा जाएं, यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। इसके साथ ही अपने कर्त्तव्यों का पूर्ण निष्ठा, ईमानदारी और लगन के साथ पालन करते हुए बच्चों को शिक्षित बनायें। साथ ही किस अध्यापक द्वारा कौन सा विषय किस समय पढ़ाया जाना है, उसकी समय सारणी विद्यालय की प्रत्येक कक्षा में अनिवार्य रूप से चस्पा की जाएं।उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं, उनके स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। देश के संसाधनों पर बच्चों का सर्वप्रथम अधिकार है। उन्होंने बच्चों से शिक्षा संबंधी सवाल पूछे व किताब पढवाई। उन्हें शिक्षा का स्तर अपेक्षाकृत कम नजर आया। जिस पर उन्होंने अध्यापकों से मन लगाकर बच्चों को पढ़ाने के लिए कहा।