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Hapur News: नामी कंपनियों के नाम से पैक कर बेची जा रही थी नकली दवाइयां, 25 लाख का माल बरामद
Hapur News: फैक्ट्री में नामचीन कंपनी आगमेंटिन-625 और आक्साल्जिन-डीपी के नाम से भारी मात्रा में नकली दवाई बनाई जा रही थी। यहां से बरामद की गई दवाई की कीमत 25 लाख रुपये बताई गई है।
Hapur News: उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ के पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र के औद्योगिक इलाके में नकली दवाई बनाने वाली फैक्ट्री का खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने देर रात भंडाफोड़ किया है। टीम ने फैक्ट्री से 25 लाख रुपये की नामचीन कंपनी के नाम से बनाई जा रही नकली एंटीबायोटिक और दर्द निवारक दवाइयों की भारी मात्रा में खेप बरामद की है। मामले में फैक्ट्री संचालक को गिरफ्तार किया गया है। औषधि प्रशासन की टीम ने दवाई और उसे बनाने में उपयोग हो रही मशीन को सील कर दिया है। साथ ही पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
शिकायत के आधार पर हुई छापेमारी
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों को शिकायत प्राप्त हुई थी कि पिलखुवा औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक फैक्ट्री में भारी मात्रा में नामचीन कंपनी के नाम से नकली दवाई बनाई जा रही है। शिकायत के आधार पर सीडीएससीओ-नोर्थ जोन गाजियाबाद औषधि निरीक्षक राकेश कुमार, अंकुश गुप्ता, जिला औषधि निरीक्षक हेमेंद्र कुमार चौधरी और प्रमोद कुमार ने फैक्ट्री में रात को छापा मारा। छापा मारने के दौरान वह फैक्ट्री में पहुंचे तो वह भोचक्के रह गए।
नामचीन कंपनी की तैयार की जा रही थी दवाइयां
फैक्ट्री में नामचीन कंपनी आगमेंटिन-625 और आक्साल्जिन-डीपी के नाम से भारी मात्रा में नकली दवाई बनाई जा रही थी। यहां से बरामद की गई दवाई की कीमत 25 लाख रुपये बताई गई है। इसके अलावा दवाई बनाने वाली मशीनें समेत आदि चीजें बरामद किया गया है। फैक्ट्री से बरामद की गई दवाइयों और मशीनों को सील कर दिया गया है। पुलिस ने फैक्ट्री संचालक अजय शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है, साथ ही उसके खिलाफ न्यायालय में वाद दायर कर 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस द्वारा आगामी कार्रवाई की जा रही है।
यह सामान बरामद किया गया है
15 आगमेंटिन-625 और आक्साल्जिन-डीपी दवाई से भरे बोरे।
05 दवाई बनाने वाली लाखों रुपये की बड़ी मशीनें।
कई राज्यों में सप्लाई होने की आशंका
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम समेत पुलिस को आशंका है कि फैक्ट्री संचालक अजय शर्मा द्वारा बनवाई जा रही दवाइयों को वह कई राज्यों में सप्लाई करता है। दवाई सप्लाई करने में उसका कौन साथ देता है और दवाइयां कहां-कहां सप्लाई हो रही थी, इसके बारे में पुलिस और प्रशासन की टीम जानकारी जुटा रही है। इसमें यह भी आशंका है कि इसका कोई बड़ा गिरोह भी सामने आ सकता है। इस संबंध में आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
पूर्व में पकड़े गए कफ सीरप का मामला है विचाराधीन
इस मामले से पहले पिछले वर्ष के सितंबर माह में ही मेरठ रोड स्थित एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में 15200 कोडीन युक्त कफ सीरप की शीशी पकड़ी गई थी। जांच में सामने आया था कि यह कफ सीरप की खेप हापुड़ और गढ़मुक्तेश्वर के रहने वाले दवा विक्रेता की थी। जो विभिन्न राज्यों को सीरप की सप्लाई कर रहे थे। इस मामले में इन दोनों दवा विक्रेता समेत विभिन्न राज्यों के करीब 18 दवा विक्रेताओं के खिलाफ तत्कालीन औषधि निरीक्षक उर्मिला अग्रवाल ने मुकदमा दर्ज कराया था। यह मामला अभी तक भी विचाराधीन चल रहा है।
जाँच के बाद हो सकता है बड़ा खुलासा
एडीएम संदीप कुमार ने बताया कि, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की जिला हापुड़ और जिला गाजियाबाद की संयुक्त टीम द्वारा शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पिलखुवा औद्योगिक क्षेत्र में नकली दवाई फैक्ट्री पर छापा मारा था। वहां से नकली दवाइयां बरामद हुई हैं।आरोपी फैक्ट्री संचालक को गिरफ्तार कर लिया गया है।