Hapur News: बेचारा किसान सिक्स-आर से अनजान, धनवान उठा रहें है फायदा

Hapur News: दिन रात बेतहाशा ठंड, गर्मी एवं वर्षा में कड़ी मेहनत करके अन्न उगाने वाले अन्नदाता को सरकारी सिस्टम की उपेक्षा के कारण उनकाे हक तक नहीं मिल पाता हैं।

Avnish Pal
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Published on: 11 Sep 2024 12:24 PM GMT
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Hapur News: हापुड़ की नवीन मंडी में फसल उत्पाद बेचने वाले किसानों को सरकार द्वारा कई तरह की सुविधा दी जाती हैं।इसी में किसानों को लकी ड्रा के माध्यम से उपहार योजना भी होती हैं। इस योजना में शामिल होने के लिए किसान को उत्पाद बेचने के दौरान अपनी सिक्स-आर (इनामी कूपन) भरवाना पड़ता हैं, लेकिन कुछ जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही अथवा मिलीभगत के कारण किसान इस योजना में शामिल तक नहीं हो पाते हैं। ऐसे ही एक मामले में साक्ष्यों के साथ किसान द्वारा की शिकायत पर अब मेरठ मंडल से जांच के बाद मंडी अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया हैं, जिसके बाद अफरा तफरी मच गई हैं।

सरकार से मिलने वाली सुविधा से अन्नदाता अनजान

दिन रात बेतहाशा ठंड, गर्मी एवं वर्षा में कड़ी मेहनत करके अन्न उगाने वाले अन्नदाता को सरकारी सिस्टम की उपेक्षा के कारण उनकाे हक तक नहीं मिल पाता हैं। किसान से फसल बेचने के दौरान आढ़त नहीं लेना, सिक्स-आर कटवाकर उसको उपहार योजनाओं में शामिल करना आदि सहित कई तरह अन्य सुविधा होती हैं।जागरूकता के अभाव में अनेक किसान इस योजना के बारे में जानकारी तक नहीं रखते हैं। इसी कारण से जहां सरकार को राजस्व का नुकसान होता हैं, वहीं किसान योजनाओं से दूर हो जाते हैं।

इस तरह करे काम

(1) गेट पर एंट्री दर्ज कराएं- (2)उत्पाद बेचने के बाद सिक्स -आर कटवाएं

(3) एक प्रति मंडी कार्यालय, दूसरी व्यापारी तथा तीसरी प्रति अपने पास रखे

इस तरह होता हैं खेल

सरकार एवं किसान को चूना लगाने के लिए मंडी गेट से ही कार्य शुरू हो जाता हैं।किसान की फसल की नंबर दो में खरीद की जाती हैं।किसान को सिक्स-आर की जानकारी दिए बिना ही कागजों में खेलकर कच्चा पर्चा (नंबर दो में काटे गए साधारण पर्चे) पर लेन देन हो जाता हैं।ऐसे में जहां किसान को नुकसान हो जाता है तो वहीं चंद लोगों की सांठ गाठ से माल बिना मंडी टैक्स एवं विकास सेस दिए ही नंबर दो में मंडी से बाहर हो जाता हैं।

इस मामले में फंसी जान

दस्तोई के रहने वाले किसान विवेक सिंह ने साक्ष्यों के साथ उप निदेशक कार्यालय संभागीय मंडी परिषद को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया कि वह अपनी धान, गेहूं अथवा अन्य उत्पाद नवीन मंडी में बेचने आता हैं, जिसकी आमद उसने मुख्य गेट के रजिस्ट्रर में दर्ज कराई।इसके बाद मंडी में आढ़त का कार्य करने वाले एक व्यापारी के यहां उसने अपनी दस क्विंटल धान बेची, लेकिन उसकी सिक्स-आर नहीं काटी गई।साक्ष्य के साथ की गई शिकायत की जांच के बाद इस संबंध में उपरोक्त अधिकारी द्वारा मंडी सचिव को पत्र भेजकर दोषी अधिकारी अथवा कर्मचारी, व्यापारी के विरुद्व कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।इस पत्र के मिलने के बाद विभाग में अफरा तफरी मची हुई हैं

क्या बोले किसान?

(1)-बिजेंद्र किसान नें बताया कि मंडी में धान बेचने आएं किसान ने बताया कि वह दो वर्षो से फसल उत्पाद बेच रहे है, लेकिन उनको सिक्स-आर के बारे में कोई जानकारी नहीं हैं।हम तो फसल बेचकर कच्चे पर्चे पर ही भुगतान ले जाते हैं।

(2)-देवेंद्र त्यागी नें जानकारी देते हुए बताया कि,पिछले कई दिनों से अभी तक करीब 60 क्विंटल धान मंडी में बेच दी हैं।वहीं करीब 30 क्विंटल धान अभी बकाया हैं, लेकिन हमे तो सिक्स आर के बारे में कोई जानकारी ही नहीं हैं।

क्या बोली जिम्मेदार अधिकारी

मंडी सचिव नीलिमा गौतम नें जानकारी देते हुए बताया कि,किसानों को जागरूक करने के लिए समय समय पर अभियान चलाया जाता हैं।यदि कोई व्यापारी सिक्स-आर काटने से इंकार कर रहा है तो उसकी शिकायत कार्यालय में दे।उक्त व्यापारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Shalini singh

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