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Hapur: तीर्थनगरी के खादर स्थल पर जमीनी विवाद के हल के लिए गूगल मैप का लिया जाएगा सहारा

Hapur: हापुड़ की गढ़मुक्तेश्वर तीर्थनगरी क्षेत्र के खादर में लगने वाले कार्तिक पूर्णिमा मेले का समापन हो चूका है। यह मेला हापुड़ एवं अमरोहा जनपद की सीमा के अंदर लगता है।

Avnish Pal
Report Avnish Pal
Published on: 21 Nov 2024 1:13 PM IST
Hapur News
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हापुड़ में जमीनी विवाद के हल के लिए गूगल मैप का लिया जाएगा सहारा (न्यूजट्रैक)

Hapur News: यूपी के जनपद हापुड़ की गढ़मुक्तेश्वर तीर्थनगरी क्षेत्र के खादर में लगने वाले कार्तिक पूर्णिमा मेले का समापन हो चूका है। यह मेला हापुड़ एवं अमरोहा जनपद की सीमा के अंदर लगता है। इस मेले में 30 लाख से अधिक श्रद्धालु प्रवास करते है। ऐसे में करीब सात किलोमीटर के दायरे में मेडबंदी आदि समाप्त हो जाती है। वही मेला समाप्त होने के बाद यहां के लोग अंदाजे से अपनी जमीन कों कब्जाने का प्रयास करने लगते है। खादर क्षेत्र में कार्तिक पूर्णिमा मेले का समापन हो गया है। अब यहां पर खेतीबाड़ी करने वाले किसान अपनी भूमि पर कब्जा करने के लिए लगे हुए है। इसी को लेकर दो पूर्व दोनों जनपदों के किसान आमने सामने आ गए थे।

गूगल मैप से होगा समाधान

अब इस समस्या का समाधान गूगल मैप के सहारे किया जाएगा। गढ़ एवं अमरोहा के बीच से निकल रही गंगा का स्थान में बदलाव होने के कारण यहां जमीन को लेकर किसानों के बीच विवाद गहराता रहा है इस बीच विवाद गढ के कार्तिक पूर्णिमा मेले में 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गढ एवं अमरोहा के गंगा नदी का किनारा हापुड़ की तरफ में प्रवास किया है। इससे यहां की जमीन पर मेडबंदी आदि समाप्त हो गईं है। इसके बाद जमीन को पुन अपने कब्जे में लेने के लिए यहां के लोगों नें मेडबंदी शुरू कर दी है। ऐसे में अनेक किसान जमीन को अपनी बताकर दूसरे किसानों का विरोध कर रहें है। मंगलवार को भी कई किसान इसी बात कों लेकर आमने सामने आ गए थे।

क्या बोले गढ तहसीलदार?

इस सबंध में गढ तहसीलदार धर्मेंद्र सिंह का कहना है। सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि पर कब्जा पाया गया तो कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। तहसीलदार ने बताया कि राजस्व टीम को मेला क्षेत्र में किसानों के स्वामित्व और सरकारी भूमि की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। वहीं किसानों को भी फिलहाल जमीन की जुताई न करने की चेतावनी दी गई है। दस्तावेजों का अध्ययन कर जांच कर किसानों से वार्ता की जाएगी। सरकारी भूमि अथवा दूसरे की जमीन पर किसी को कब्जा नहीं करने दिया जाएगा। पैमाइश के बाद ही जमीन तय करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने बताया कि वहाँ की जमीन गंगा के बहाव पर तय होती है। ऐसे में गूगल मैप का सहारा लेकर ही समस्या का समाधान अगले दो दिनों में किया जाएगा।



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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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