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Hapur News: गौशाला में 9 नवंबर को मनाया जाएगा गोपाष्टमी शताब्दी वर्ष

Hapur News: नौ नवंबर को गोपाष्टमी का पर्व है। इस बार गोपाष्टमी को जन-जागरूकता दिवस के रूप में मनाने की तैयारी है। पशुपालन विभाग प्रदेश में लोगों को गोपालन का महत्व समझाएगा और उनको गोपालन के लिए प्रेरित करेगा।

Avnish Pal
Report Avnish Pal
Published on: 8 Nov 2024 4:18 PM IST
Hapur News ( Pic- News Track)
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Hapur News ( Pic- News Track)

Hapur News:-गोपाष्टमी पर पशुपालन विभाग प्रदेशभर में गोपालन का अभियान चलाएगा। इस अवसर पर गांवों में पशुपालकों के साथ गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। वहीं जनप्रतिनिधि व अधिकारी गोशालाओं पर गोसेवा कर अभियान का आरंभ करेंगे। इसके लिए पशुपालन विभाग ने तैयारियां आरंभ कर दी हैं। जिले में 39 गोशालाओं में पांच हजार से ज्यादा गोवंशी रखे हुए हैं।

39 गोशालाओ में होगा आयोजन

नौ नवंबर को गोपाष्टमी का पर्व है। इस बार गोपाष्टमी को जन-जागरूकता दिवस के रूप में मनाने की तैयारी है। पशुपालन विभाग प्रदेश में लोगों को गोपालन का महत्व समझाएगा और उनको गोपालन के लिए प्रेरित करेगा। जिले में सरकारी व निजी कुल 39 गोशाला हैं। इनमें पांच हजार से ज्यादा गोवंशियों को रखा गया है। इनके अलावा करीब छह हजार गोवंशी अभी भी बेसहारा हैं। गोपाष्टमी पर गोसेवा व गोपूजन का विधान है। ऐसे में प्रदेशभर में गोपाष्टमी पर जनप्रतिनिधि गोवंशियों की सेवा करेंगे। इसके लिए धौलाना में विधायक धर्मेश तोमर और सीडीओ हिमांशु गौतम, हापुड़ में विधायक विजयपाल आढ़ती और एसडीएम अंकित कुमार तथा गढ़मुक्तेश्वर में विधायक हरेंद्र तेवतिया और एसडीएम साक्षी शर्मा गोशालाओं में गोपूजन व गोसवा करेंगे।

एक हफ्ता तक चलेगा अभियान

इसके साथ ही प्रदेश में एक सप्ताह का अभियान चलाया जाएगा। इसमें गोपालन के लिए पशुपालकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उनको समझाया जाएगा कि गाय किन पोषक तत्वों व संतुलित आहार के नहीं मिलने से बांझ हो रही हैं। गायाें से अच्छा दूध लेने ओर बांझपन को रोकने के लिए खानपान में क्या बदलाव करने की जरूरत है। वहीं गायों को बेसहारा छोड़ने की बजाय गोशालाओं तक पहुंचाने और घर पर गायों का पालन करने पर सरकारी योजना का लाभ उठाने की जानकारी दी जाएगी।

क्या बोले जिला पशु चिकित्साधिकारी?

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. ओपी मिश्रा नें बताया कि,गोपाष्टमी को गोसेवा व गोपालन दिवस में रूप में मनाया जा रहा है। गांयों को पूजा से ज्यादा जरूरत देखभाल व संतुलित आहार दिए जाने की है। इससे गाेवंशियों को बेसहारा छोड़ने की प्रवृति पर विराम लगाने में मदद मिल सकेगी।



Shalini Rai

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