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Hapur: बुखार से दो बच्चों की मौत के बाद जागा स्वास्थ्य विभाग, शिविर लगाकर हो रही जांच
Hapur: शहर से लेकर गांव देहात में घर-घर में बुखार से पीड़ित मरीज पड़े हुए हैं। अस्पतालों में भी बुखार से पीड़ित मरीजों की ओपीडी में लाइन लग रही है।
Hapur News: यूपी के जनपद हापुड़ में बुखार अब जानलेवा साबित हो रहा है। हालत यह है कि शहर से लेकर गांव देहात में घर-घर में बुखार से पीड़ित मरीज पड़े हुए हैं। अस्पतालों में भी बुखार से पीड़ित मरीजों की ओपीडी में लाइन लग रही है। अस्पतालों के बेड तक फुल चल रहे हैं। नगर के गांव में हाल ही में दो बच्चों की बुखार से पीड़ित बच्चों की मौत हो गई। मौत होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच में जुटी हुई है। जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने गांव में शिविर भी लगाया।
बुखार से मौत के बाद जागा स्वास्थ्य विभाग
गांव हरसिंहपुर में चार दिन पहले गांव के रहने वाले संदीप के पुत्र विकास (छह) वर्षीय की बुखार से मौत हो गई। संदीप की पत्नी धर्मवती भी बुखार से पीड़ित है और उसका मेरठ के प्राइवेट अस्पताल में उपचार चल रहा है। वहीं इनकी बेटी नंदनी भी बुखार से पीड़ित है। उसका भी अस्पताल में उपचार चल रहा है। वहीं दूसरी ओर गांव के ही रहने वाले सुनील के ढाई माह के पुत्र रुद्रांश की भी शनिवार को मौत हो गई। उसका नगर के एक अस्पताल में उपचार चल रहा था।
बताया जा रहा है कि उसके पेट में भी दर्द की परेशानी थी। गांव में कुछ ही दिनों के अंतर में दो बच्चों की मौत होने से हड़कंप मचा हुआ है। साथ ही गांव में गमगीन माहौल है। वहीं दूसरी ओर गांव में दो बच्चों की मौत होने की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम हरसिंहपुर में पहुंची। यहां पहुंचकर उन्होंने पहले बच्चों के परिजनों से वार्ता की और उनका हालचाल जाना। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों ने उनके स्वास्थ्य की भी जांच की। अस्पताल में उपचार के दौरान मिले दस्तावेजों की भी उन्होंने जांच की। इसके अलावा उन्होंने ग्रामीणों के स्वास्थ्य की भी जांच की है। बुखार से पीड़ित मरीजों के उन्होंने नमूने लेकर एलाइजा जांच के लिए भेजे हैं।
126 लोगों के स्वास्थ्य की हुई जांच
शिविर के दौरान स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों की टीम ने कुल 126 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की है। इस दौरान करीब 64 बुखार से पीड़ित मरीजों के खून के नमूने लेकर उनकी एलाइजा जांच कराने के लिए भेजे गए हैं। जल्द ही उनकी जांच रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी। यदि किसी में भी डेंगू की पुष्टि होती है, तो उनका तत्काल उपचार कराया जाएगा।
स्वस्थ हो गया था विकास
जिला मलेरिया अधिकारी सतेंद्र कुमार ने बताया कि गांव में जाकर बच्चों के उपचार के दस्तावेजों की जांच की गई है तो पता चला है कि विकास अस्पताल में भर्ती था और वह स्वस्थ होकर घर लौट आया था। जिसके बाद उसकी मौत हुई है। जबकि रुद्रांश को भी पेट में दर्द की परेशानी थी। दोनों की मौत के मामले में जांच की जा रही है। शिविर लगाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच कराई गई है।