Hapur News: बच्चे के दिल में छेद है, तो घबराएं नहीं, RBSK में फ्री इलाज, पांच बच्चों की होगी सर्जरी

Hapur News: केंद्र सरकार की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत ऐसे बच्चों की सर्जरी बड़े सरकारी-प्राइवेट अस्पतालों में निश्शुल्क होती है। बच्चे का नाम आंगनबाड़ी केंद्र में या सरकारी स्कूल में दर्ज होना जरूरी है।

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Published on: 14 Feb 2024 9:12 AM GMT
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बच्चे के दिल में छेद है, तो घबराएं नहीं (न्यूजट्रैक)

Hapur News: आपके बच्चे के दिल में छेद है, उसकी आयु शून्य से 18 साल के बीच है तो घबराएं बिल्कुल नहीं। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत ऐसे बच्चों की सर्जरी बड़े सरकारी-प्राइवेट अस्पतालों में निश्शुल्क होती है। बच्चे का नाम आंगनबाड़ी केंद्र में या सरकारी स्कूल में दर्ज होना जरूरी है। इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग पांच बच्चों की सर्जरी कराने जा रहा है। इनमें तीन बालिकाएं और एक बालक शामिल है। यह सभी बच्चे छह वर्ष से कम आयु के है। सभी गरीब परिवारों से है।

आरबीएसके की मोबाइल टीम की तरफ से चिन्हित किए यह सभी बच्चे सिंभावली ब्लॉक से हैं। सीएमओ डा. सुनील त्यागी ने कहा कि बच्चे के दिल में छेद या अन्य कोई जन्मजात कमी या शारीरिक विकृति है तो उसके उपचार की व्यवस्था राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत की गई है। जरूरत होने परकार्यक्रम के अंतर्गत सर्जरी भी कराई जाती हैं। ऐसे परिवार जो महंगी सर्जरी कराने में असमर्थ हैं, उन परिवारों के लिए यह कार्यक्रम बड़ा मददगार साबित हो रहा है। कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों का निशुल्क उपचार कराया जाता है। दिल में छेद की बीमारी से ग्रसित पांच बच्चों को सर्जरी के लिए अलीगढ़ भेजा गया है। इन बच्चों की सर्जरी होगी और फिर बच्चे सामान्य जीवन जी सकेंगे। डीईआईसी सेंटर अलीगढ़ से शुरुआती जांचों के बाद सर्जरी की तिथि निर्धारित की जाएगी। तब तक बच्चे सेंटर पर ही भर्ती रहेंगे।

इनकी निःशुल्क होगी सर्जरी

सर्जरी के लिए अलीगढ़ भेजे गए बच्चों में एक वर्षीय तनवी, छह वर्षीय परी, 10 माह की आरुषि, पांच वर्षीय मायरा और चार वर्षीय अशद शामिल है। सभी बच्चे गरीब और जरूरतमंद परिवारों से हैं। बच्चों के साथ उनके अभिभावकों को भी अलीगढ़ भेजा गया है।

बच्चों के दिल में छेद का कारण :

-ज्यादातर केस जन्मजात सामने आए।

-गर्भवती महिला को रुबैला-खसरा होना।

-कुछ मेडिसन का दुष्प्रभाव।

-गर्भवती महिला द्वारा शराब का सेवन।

-गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान, कोकीन सेवन।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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