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Hapur: सोशल मीडिया पर कुछ भी शेयर करने से पहले हो जाए सावधान, आपकी ये गलती जेल भिजवा देगी!
Hapur News: बढ़ते मामलों को देखते हुए अब नए क़ानून में व्यवस्था की गईं है। ऐसे मामलों में आईटी एक्ट के साथ बीएनएस की धारा 356 भी लगाई जाएगी।
Hapur News: सोशल मीडिया के दौर में हम कुछ पोस्ट, ट्वीट, मैसेज, फोटो और वीडियो को आगे फॉरवर्ड कर देते हैं, बिना इस बात की तस्दीक किए कि ये सच या झूठ, अफवाह है या हकीकत? हम ऐसे करते नहीं सोचते हैं कि किसी भी झूठ, भ्रामक वायरल मैसेज, वीडियो, फोटो या ट्वीट को शेयर करने से ये सैकड़ों-हजारों लोगों तक पहुंच जाता है।
सोशल मीडिया को हम मनोरंजन के तौर पर बेशक इस्तेमाल करते हैं, लेकिन जब सूचनाओं का आदान प्रदान होता है, तो हमारी जिम्मेदारी कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए हमें पता होना चाहिए कि झूठी खबर को बिना सोचे समझे शेयर करना कितना भारी पड़ सकता है। कौन-कौन सी धाराओं में आप पर कार्रवाई हो सकती है। अब किसी व्यक्ति द्वारा संस्थान व धर्म के प्रति अभद्र टिप्पणी करना भारी पड़ेगा। नए क़ानून के तहत अब ऐसे मामलों में मानहानि की कार्यवाही के लिए अलग सें धारा बना दी गईं है। इसमें बड़ी सजा का प्रवधान है।
ऐसे मामलों में बीएनएस की धारा 356 के तहत होंगी कार्यवाही
फेसबुक, इस्टाग्राम, व्हाट्सएप, एक्स सहित अन्य सोशल मिडिया प्लेटफार्म पर अक्सर नफ़रत भरी टिप्पणी देखने को मिल जाती है। कुछ माह पूर्व पहले चुनावी सीजन में ऐसे टिप्पणियां की बाढ़ सी आ गईं थी। जिसमें धार्मिक उन्माद भरे बयान दिए जा रहें थे। अब तक आईटी एक्ट के तहत ही ऐसे लोगों पर रिपोर्ट हो पाती थी। इस तरह के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब नए क़ानून में व्यवस्था की गईं है। ऐसे मामलों में आईटी एक्ट के साथ बीएनएस की धारा 356 भी लगाई जाएगी। इसमें मानहानि को वर्गीकृत किया गया है। इस के कारण कोर्ट कार्यवाही और सजा का निर्णय करेगा।
दो या तीन बार मानहानि पर संगठित अपराध के होंगे दोषी
एएसपी राजकुमार अग्रवाल नें बताया कि सोशल मिडिया पर लिखित, मौखिक, या वीडियो के माध्यम सें एक ही शख्स या संस्था की बार बार मानहानि करने पर बड़ी कार्यवाही का आधार बन सकता है। अगर धारा 356 के तहत दो या तीन बार रिपोर्ट दर्ज की गईं। तो ऐसे मामलों में आरोपी को संगठित अपराध का दोषी माना जाएगा। विवेचक ही केस में धारा 111,112,व 113 के तहत चार्जशीट दाखिल कर सकेंगे। आरोप सिद्ध होने पर ऐसे मामलों में उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।