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Gandhi Jayanti: अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ हापुड़ के असौड़ा से भरी थी हुंकार, महात्मा गांधी ने महल के गेट के बाहर की थी सभा

Hapur News: अंग्रेजी हुकूमत में असौड़ा रियासत के नाम से जाने-जाने वाले यूपी के जनपद हापुड़ के असौड़ा गांव का आजादी की लड़ाई में काफी योगदान रहा है। महात्मा गांधी के लिए असहयोग आंदोलन की शुरुआत असौड़ा से शुरू हुई थी।

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Report Avnish Pal
Published on: 1 Oct 2023 11:22 AM GMT (Updated on: 1 Oct 2023 11:59 AM GMT)
Mahatma Gandhi freedom struggle against British started from Asaura in Hapur
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Mahatma Gandhi freedom struggle against British started from Asaura in Hapur (Photo: Social Media)

Hapur News: अंग्रेजी हुकूमत में असौड़ा रियासत के नाम से जाने-जाने वाले यूपी के जनपद हापुड़ के असौड़ा गांव का आजादी की लड़ाई में काफी योगदान रहा है। महात्मा गांधी के लिए असहयोग आंदोलन की शुरुआत असौड़ा से शुरू हुई थी। आंदोलन की आग फफूँड़ा आदि गांव से निकलते हुए मेरठ और गाजियाबाद पहुंची थी। लोनी में नमक के पैकेट बांटे गए थे। मेरठ में खादी की टोपी और खादी का प्रयोग करने के भाषण पर रघुवीर नारायण के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जेल भिजवा दिया गया था।

जिला मुख्यालय के निकट असौड़ा गांव 1800 से 1947 तक असौड़ा रियासत के नाम से जाना जाता था। असौड़ा में जन्म में रघुवीर नारायण त्यागी के पिता के समय में चौधरी परगना की उपाधि प्राप्त थी। महात्मा गांधी का असौड़ा रियासत में आना-जाना रहता था। महात्मा गांधी ने यहां आकर भाषण दिया था और महात्मा गांधी यहां आया-जाया करते थे। जबकि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का भी आना जाना होता था। गांधी आश्रम तथा खादो में पांच ट्रास्तियों में रघुवीर नारायण त्यागी हुआ करते थे। महात्मा गांधीने असौड़ा महल के बाहर एक सभा भी की थी।

Photo: Social Media


राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का हापुड़ से है पुराना रिश्ता

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का हापुड़ से के गांव असौड़ा से बहुत पुराना रिश्ता रहा है। वह 29 अक्टूबर 1942 में आयोजित असहयोग आंदोलन के प्रति जनमानस को जागरुक करने के लिए गांव असौड़ा आए थे। महात्मा गांधी की यात्रा मेरठ से फफूंडा, खरखौदा होते हुए गांव असौड़ा पहुंची थी और यहां से यात्रा दूसरे दिन गाजियाबाद पहुंची थी।इस दौरान लोनी में नमक के पैकेट बांटे गए थे। गांधी जी ने गांव असौड़ा में चौधरी रघुवीर नारायण सिंह के महल में रात्रि विश्राम किया था और महात्मा गांधी ने गांव असौड़ा में एक जनसभा को भी संबोधित किया था।

Photo: Social Media


सभा का आयोजन चौधरी रघुवीर नारायण सिंह ने किया था। सभा में बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी मौजूद थे। गांव असौड़ा की अब आबादी करीब पचास हजार से अधिक है। वर्ष 1800 से 1947 तक असौड़ा रियासत के नाम से जाना जाता था। रघुवीर नारायण सिंह के पिता चौधरी देवी सिंह की गिनती उत्तर प्रदेश के बड़े जमीदारों में होती थी। अंग्रेजों ने रघुवीर नारायण सिंह को राय बहादुर की उपाधि से नवाजा था।

महात्मा गांधी पहली 1930 में असौड़ा रियासत में आए थे

महात्मा गांधी पहली बार वर्ष 1930 में असौड़ा रियासत में आए थे। इस दौरान वह कुछ देर ही चौधरी रघुवीर नारायण सिंह के पास रुके थे। महात्मा गांधी चौधरी साहब को अपना मित्र मानते थे। महात्मा गांधी ने मुंबई की एक सभा में कहा था कि यदि अंग्रेजों के पास कई राजा हैं तो हमारे पास भी एक राजा है चौधरी रघुवीर नारायण सिंह। इस बात का उल्लेख मुंबई के अखबारों में मिलता है।

Photo: Social Media


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