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Hapur News: पुराने दस्तावेज ख़ंगालने में जुटी नगरपालिका, हो रही सरकारी भूमि की जाँच
Hapur News: पिलखुवा नगरपालिका ने कर सें सबंधित प्रकाशित गजट में कर वसूली का लक्ष्य क्या बढ़ा कि अब नगर पालिका भूमाफियायों पर तू डाल-डाल में पात पात वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है।
Hapur News: उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ के पिलखुवा नगरपालिका नें कर सें सबंधित प्रकाशित गजट में कर वसूली का लक्ष्य क्या बढ़ा कि अब नगर पालिका भूमाफियायों पर तू डाल-डाल में पात पात वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। एक और जहाँ कर वसूली के लिए टावर संचालको और बड़े बकायेदारों की आरसी काटी जा रही है। वहीं नगर पालिका अब फसली में दर्ज नगर पालिका की सरकारी भूमि को खोजने में जुटी है। इससे भूमाफियायों में हड़कप मचा है। वहीं नगर पालिका नें इस कार्य में सफलता पाने को पुराने दस्तावेजों को उर्दू सें हिंदी में अनुवाद कराया है।
सरकारी भूमि की जा रही खोज
नगर पालिका 1359 फसली में दर्ज भू -स्वामित्व के आधार पर अपनी सरकारी भूमि को खोज रही है। अब नगर पालिका अपने कर्मचारी लगाकर फसलों में इन भूमि में क्या परिवर्तन आया है। उसका मिलान करवा कर रजिस्टर तैयार करवा रही है। जिससे पालिका को यह पता चल सकेगा कि 1359 फसली में किस -किस भूमि पर नगर पालिका की सरकारी मालिक थीं। और फसली के बाद किन - किन भूमि पर मिल्कीयत बदल गईं है। इसका मौके पर सत्यापन किया जाएगा कि कौन सी भूमि खाली पड़ी है। और किस भूमि पर वर्तमान में स्थायी या अस्थायी अतिक्रमण है।
प्रतिलिपि को उर्दू सें हिंदी में किया जा रहा है अनुवाद
नगर पालिका ने इस कार्य के लिए अभिलेखागार से 1359 फसली भूमि की प्रतिलिपि प्राप्त कर उसकी उर्दू सें हिंदी में अनुवाद कर लिया है। इस फसली के आधार पर रिकॉर्ड तैयार करने को अलग सें एक लेखपाल को यह कार्य सौपा गया है। अब फसली 1429 सें 1435 फसली में दर्ज जमीन की मिल्कियत का मिलान का कार्य किया जा रहा है।
क्या बोले नगरपालिका चेयरमैन?
पिलखुवा नगर पालिका परिषद चेयरमैन विभु बंसल नें जानकारी देते हुए बताया कि, जमीन सें संबधित दस्तावेजों का मिलान कराया जा रहा है। सरकारी जमीन पर कब्जा पाया गया तो पहले नोटिस देकर बाद में कानूनी कार्यवाही की जाएगी। वही नगर पालिका पूर्व में ऐसे स्थानों चिन्हित कर चुकी है। जहाँ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर कब्जा किया है। कुछ मामलों में नगर पालिका कानूनी लड़ाई लड़ रही है। इसमें परतापुर रोड़ और स्लेज फार्म की भूमि का मामला शामिल है।