Hapur News: नए कानून ने बढ़ाया पुलिस का काम, थानों में जंग खा रहे वाहनों का अब इतने दिन करना होगा निस्तारण

Hapur News: पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि नए कानून के मुताबिक वाहनों के मुकदमों को निस्तारण कराया जाएगा। जनपद के सभी थानों और कोतवाली में वाहन कबाड़ में बदल चुके हैं।

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Published on: 8 July 2024 6:34 AM GMT
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थाने में खड़े कबाड़ वाहन (Pic: Newstrack)

Hapur News: यूपी के जनपद हापुड़ में मुकदमों में पकड़े गए या लावारिस बरामद हुए वाहनों का निस्तारण ना होने से थानों में खडे हजारों वाहन कबाड़ में तब्दील हो गए हैं। अब ऐसे वाहन थानों में 30 दिन से ज्यादा नहीं रह पाएंगे। नए कानून के अंतर्गत पुलिस को हर हाल में इन वाहनों को 30 दिन के अंदर निस्तारण कर वाहन स्वामी तक पहुंचाना होगा। इस नए कानून के आ जाने से पुलिस महकमें की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब इन वाहनों का निस्तारण करने के लिए पुलिस ने नए सिरे से मंथन करना शुरू कर दिया है।

कानूनी प्रक्रिया के बाद होता था ऐसे वाहनों का निस्तारण

पहले भी पुलिस इस तरह के वाहनों को लेकर काफी परेशानी में पड़ी रहती थी। न्यायालय की लंबी प्रक्रिया के बाद ही इस तरह से बंद वाहनों के बारे में पुलिस कुछ निर्णय ले पाती है। तब तक गाड़ी का ज्यादातर सामान धूप और बारिश के बीच खराब हो गया होता है। थाने में इस तरह के वाहन कागजों की कमी या दुर्घटना करने के कारण बंद किए जाते हैं। इनको छुड़ाने के लिए वाहन स्वामियों को पुलिस संग न्यायालय की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। वाहन अगर लावारिस है तो इसमें और समय लगता है। पुलिस विभाग फाइनल रिपोर्ट लगाता है।


न्यायालय के आदेश के बाद होती है नीलामी

न्यायालय की स्वीकृति मिलने के बाद ही नीलामी की प्रक्रिया शुरू होती है। इसके लिए थाना प्रभारी, प्रशासनिक अधिकारी की लंबी प्रक्रिया के बाद निगरानी में कमेटी बनती है, तब नीलामी की कार्रवाई पूरी की जाती है। लावारिस वाहनों के लिए विभाग को विज्ञापन भी निकलवाना पड़ता है। एआरटीओ कार्यालय द्वारा कीमत लगायी जाती है। लंबी अवधि तक मामले लंबित रहने के कारण ही थानों में वाहनों की लंबी कतार दिखती है। सबसे अहम बात यह कि थानों में खडे वाहनों के रख-रखाव की कोई व्यवस्था नहीं रहती। इसके कारण वाहनों के पार्ट बेकार हो जाते हैं। ऐसे में अगर जनपद के थानों और कोतवाली में नजर डालें तो यहां बरसों से लगभग सैकड़ो छोटे बड़े वाहन मुकदमों के निस्तारण न होने से धूल फांकते फांकते कबाड़ में बदल गए हैं।


जनपद में महिला थाना को मिलाकर कुल 11 थाने और कोतवाली हैं। इन कोतवाली और थानों में विभिन्न मामलों में बरामद किए गए वाहन मुकदमा चलने की दशा में कबाड़ में बदल चुके हैं। जनपद के सभी थानों में छोटे बड़े वाहनों का अंबार लगा हुआ है। जो कि मुकदमों के निस्तारण न होने से कबाड़ में बदल गए हैं। यही स्थिति अन्य थानों और चौकियों की है। अब तो इन वाहनों के स्वामियों का भी आता-पता नहीं है। इन वाहनों में किसी की चेचिस गायब है। किसी के पहिए तो किसी के पार्ट्स नदारद हो चुके हैं। इन वाहनों की उस समय सुध ली जाती है। जब कोई पुलिस का उच्च अधिकारी थाने या कोतवाली का निरीक्षण करता है। उस समय कबाड़ हो रहे इन वाहनों का निस्तारण करने का आदेश तो दिया जाता है, लेकिन इस पर अमल नहीं हो पता है। अब थानों में कबाड़ हो रहे इन वाहनों का निस्तारण 30 दिन में करना होगा। इस नए कानून से वाहन धारकों को भी राहत मिलेगी क्योंकि अब उन्हें थानों या कोतवाली का लंबे समय तक चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

क्या कहतें हैं पुलिस के जिम्मेदार

पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि नए कानून के मुताबिक वाहनों के मुकदमों को निस्तारण कराया जाएगा। जनपद के सभी थानों और कोतवाली में वाहन कबाड़ में बदल चुके हैं। इनसे जुड़े मुकदमें तय समय सीमा के अंदर ही निर्णय होने से वाहनों का निस्तारण भी हो जाएगा। इसके लिए व्यवस्था बनाई जा रही है। सभी थाना प्रभारियों कों निर्देशित किया गया है।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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