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Hapur News: दुकानों-होटलों पर काम कर रहे तीन बाल श्रमिकों का पुलिस ने करवाया मुक्त, दुकानदारों पर होगी कार्रवाई
Hapur News: बाल मजदूरी कराना अपराध है, इसके बावजूद भी कई प्रतिष्ठानों में खुलेआम बाल मजदूरी कराई जा रही है। थाना एएचटीयू व जिला श्रम प्रवर्तन के टीम ने बाल मजदूरी के मामले में कार्यवाही की है।
Hapur News: बाल मजदूरी कराना अपराध है, इसके बावजूद भी कई प्रतिष्ठानों में खुलेआम बाल मजदूरी कराई जा रही है। थाना एएचटीयू व जिला श्रम प्रवर्तन के टीम ने बाल मजदूरी के मामले में कार्यवाही की है। जिसमें तीन बाल श्रमिकों का रेस्क्यू कर एफआईआर दर्ज की गई है।
क्या कहते है जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी
जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी विजयपाल सोनकर ने बताया कि श्रम विभाग ने द्वारा कार्रवाई करते हुए होटल, ढाबा और मैकेनिक की दुकान में छापेमारी की, जहां श्रम विभाग के प्रवर्तन दल ने तीन बाल मजदूरों को मुक्त कराया। इन मामलों में कार्रवाई के बाद बाल कल्याण विकास समिति (सीडब्ल्यूसी) के सामने पेश किया। साथ ही बच्चों को उनके परिवार के सुपुर्द किया गया। साथ ही बच्चों के पुनर्वास और उनकी शिक्षा के लिए खास कदम उठाए गए। बाल श्रमिक करने के मामले में प्रतिष्ठान के स्वामियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
ऐसा करने पर होगी कार्यवाही
उन्होंने बताया कि बाल श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन अधिनियम 1986 की धारा 2 के अनुसार किसी भी दुकान वर्कशॉप, होटल, रेस्टोरेंट्स या अन्य स्थान पर कार्यरत 17 वर्ष से काम उम्र का बालक या बालिका बाल और किशोर श्रमिक माने जाते हैं। बाल श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन अधिनियम के अनुसार बाल श्रम कराने वाले नियोक्ता को दो साल तक की कैद की सजा या जुर्माना लगाया जा सकता है, या फिर कैद और जुर्माना दोनों ही लगाया जा सकता है। 14 साल से कम उम्र के काम करने वाले बच्चे बाल श्रमिक, जबकि 14 साल से 17 साल से कम उम्र के बच्चों को किशोर श्रमिक माना जाता है। उन्होंने बताया कि बाल मजदूरी को खत्म करने के लिए विभाग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। बच्चों को समाज के मुख्यधारा में लाने के साथ-साथ उनकी अच्छी शिक्षा को देखते हुए कार्रवाई की गई है।