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Hapur News: अफसरों का अजीब बहाना, कहीं का पता और कहीं पर ठिकाना
Hapur News: अधिकारियों को जिला मुख्यालय पर रहने के शासन के कड़े आदेश हैं। उनको जिला मुख्यालय पर रहना होता है। इससे अधिकारियों की कार्यक्षमता बनी रहती है।
Hapur News: शासन के सभी विभागों के अधिकारियों को जिलों में ही निवास करने के आदेश हैं। डीएम ने भी इस आशय के कड़े आदेश जारी किए हैं। उसके बावजूद विभिन्न विभागों के अधिकारी अपनी सुविधा वाले जिलों से आवागमन करते हैं। इससे विभाग का कार्य और अधिकारी की कार्यक्षमता प्रभावित हो जाती हैं। वहीं अधिकारी जिले में ही रहने की गलत जानकारी विभाग में दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बेसिक शिक्षा विभाग का सामने आया है। जिसमें अधिकारी मुरादाबाद से आवागमन कर रही है और हापुड़ के एक मकान में अपना आवास दिखाया हुआ है। अब जांच में पोल खुलने पर बीएसए ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। सीडीओ और डीएम ने भी जांच कराने की बात कही है। ऐसे विभिन्न विभागों में कई मामले सामने आ चुके हैं।
मुख्यालय में रहने के शासन के सख्त आदेश
अधिकारियों को जिला मुख्यालय पर रहने के शासन के कड़े आदेश हैं। उनको जिला मुख्यालय पर रहना होता है। इससे अधिकारियों की कार्यक्षमता बनी रहती है। शासन का मानना है कि दूसरे जिलों में रहने वाले अधिकारी न तो समय पर आफिस पहुंच पाते हैं और न ही अपनी पूरी क्षमता से कार्य कर पाते हैं। वही सुबह-शाम निरीक्षण आदि के कार्य भी वह पूरी क्षमता से नहीं कर पाते हैं। वहीं जिलाधिकारी की ओर से भी सभी अधिकारियों को जिला मुख्यालय पर ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए पिछले दिनों ही आदेश जारी किए गए थे।
अधिकारी कर रहे खेल
शासन और जिलाधिकारी के आदेशों को दरकिनार करके अधिकारी खेल कर रहे हैं। कई अधिकारियों ने अपने जिले में रहने का प्रमाणपत्र विभाग में जमा करा दिया है। जबकि वास्तव में वह दूसरे जिलों से आते हैं। शिक्षा, परिवहन, पावर कारपोरेशन, विकास भवन, जल निगम, पीडब्ल्यूडी व कलक्ट्रेट के कई कर्मचारी दूसरे जिले से आते हैं। इनके किरायानामा लगा देने से मान लिया जाता है कि वह जिले में ही निवास कर रहे हैं। जबकि हकीकत इसके उलट है। कई अधिकारियों के मामले में सामने आया है कि उन्होंने मकान तो किराए पर ले लिया है, लेकिन वह इसमें रहते नहीं हैं। उनका आवागमन दूसरे जिलों से ही होता है। वहीं कई अधिकारियों ने जिले में आवास करने की गलत जानकारी दी हुई है।
बेसिक शिक्षा विभाग का मामला आया सामने
शहर के रामपुर गांव के रहने वाले वरिष्ठ सीए हर्ष अग्रवाल ने खंड शिक्षा अधिकारी रचना सिंह की आइजीआरएस पर शिकायत की थी। हर्ष अग्रवाल का आरोप था.कि वह जिले में निवास नहीं करती हैं। वह बिना अनुमति के दूसरे जिले से आवागमन करती हैं। उन्होंने उस वाहन का नंबर भी दिया था, जिससे वह आवागमन करती हैं। इस विषय में बीएसए ने रचना सिंह से जबाव मांगा। खंड शिक्षा अधिकारी रचना सिंह ने बीएसए को दिए पत्र में जानकारी दी कि वह पंचशील कालोनी में मकान संख्या ए-4 में मुकेश कुमार के मकान में रहती हैं। वहीं तीन-चार दिन में जरूरी कार्य से मुरादाबाद से आवागमन करती हैं।
बीएसए को दी झूठी जानकारी
हर्ष अग्रवाल ने इस मामले में एक शिकायत डीएम और सीडीओ को सौंपी है। इसमें उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा जिस मकान संख्या में किराए पर रहना दिखाया गया है, उसके मालिक से लिखित में प्रमाण पत्र लिया है। पंचशील कालोनी का मकान संख्या ए-4 मुकेश कुमार का न होकर महेशचंद का है। उनके मकान में रचना राजपूत नाम की पुलिसकर्मी रहती है। खंड शिक्षा अधिकारी ने रचना राजपूत पुलिसकर्मी के किराए के मकान को ही अपना दिखाकर अधिकारियों को गुमराह किया है। हर्ष अग्रवाल का आरोप है कि ऐसा कृत्य करके खंड शिक्षा अधिकारी ने विभाग के साथ धोखाधड़ी की है। उनके खिलाफ व उनको संरक्षण देने वाले बेसिक शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
जाँच के बाद की जाएगी विभागीय कार्यवाही
मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु गौतम ने कहा कि,खंड शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध शिकायत प्राप्त हुई है। शिकायत के आधार पर जांच कराई जा रही है। जांच के उपरांत यदि अनियमितता मिलती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।