Hapur News : खाकी का एक चेहरा यह भी, हस्तनिर्मित सामान की खरीदारी कर बच्चों के चेहरे पर दिलाई मुस्कान

Hapur News: बच्चों का सारा माल बिक जाने के बाद थानेदार ने उनसे और हस्तनिर्मित वस्तुओं को बनाने के लिए आग्रह किया। बालिकाओं द्वारा हस्तनिर्मित सामान बिकने के बाद बच्चों के चेहरे भी खिले हुए नजर आए।

Avnish Pal
Report Avnish Pal
Published on: 24 Oct 2024 11:40 AM GMT
Hapur News ( Pic- News Track)
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Hapur News ( Pic- News Track)

Hapur News : यूपी के जनपद हापुड़ में 'खाकी' के सख्त रवैये और फरियादियों की सुनवाई ना करने के किस्से तो आम हैं, लेकिन इस दिवाली के नजदीक हापुड़ में पुलिस की दरियादिली की एक अनोखी मिसाल देखने को मिली है। हापुड़ जनपद में बृहस्पतिवार को गश्त पर निकले बाबूगढ थाना प्रभारी ने देखा सड़क पर छोटी छोटी बालिकाओं द्वारा हस्तनिर्मित वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई हुई थी। बालिकाओं को उदास बैठे देखा तो न सिर्फ दोगुनी कीमत में उनसे खुद हस्तनिर्मित तैयार सामान खरीदा और बालिकाओं का उत्साह बढ़ाया। इस दौरान पुलिस ने बच्चों के पास खड़े होकर सड़क से गुजर रहे अन्य लोगों को भी मासूमों से सामान खरीदने के लिए प्रेरित किया। बच्चों का सारा माल बिक जाने के बाद थानेदार ने उनसे और हस्तनिर्मित वस्तुओं को बनाने के लिए आग्रह किया। बालिकाओं द्वारा हस्तनिर्मित सामान बिकने के बाद बच्चों के चेहरे भी खिले हुए नजर आए।

गश्त के दौरान मिली यह बालिकाए

दरअसल, बृहस्पतिवार की दोपहर थाना बाबूगढ के थानेदार विजय कुमार गुप्ता फोर्स के साथ क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान गश्त पर निकले हुए थे। इस दौरान वह कुचेसर चौपला क्षेत्र में पहुंचे तो सड़क किनारे दुकान लगाकर बैठे हापुड़ स्थित कस्तूरबा गाँधी विद्यालय के हॉस्टल में प्रवास करने वाली छोटी छोटी बालिकाओं द्वारा हस्तनिर्मित वस्तुओं को देखने लगे। बालिकाओं को उदास देख थाना प्रभारी ने पूछा कि बेटा सुबह से कोई सामान बिका या नहीं। इतने सारे पुलिसकर्मियों को अपने सामने देखकर पहले तो बालिकाएं सहम गईं। उन्हें लगा कि शायद पुलिस उनकी दुकान को हटवाने के लिए आई है। मगर, इसी दौरान थाना बाबूगढ प्रभारी ने बालिकाओं को अपनी स्माइल से वार्तालाप कर उनकी मायूसी का कारण पूछा तो उनका जवाब सुनकर साथ में खडे अन्य पुलिसकर्मियों का दिल भर आया। बच्चियों ने बड़ी मासूमियत के साथ जवाब दिया कि 'अंकल सुबह से एक भी सामान नहीं बिका है। बच्चियों की मजबूरी और मासूमियत भरा जवाब सुनकर थाना प्रभारी विजय कुमार गुप्ता ने बच्चियों के द्वारा बनाए गए हस्तनिर्मित सामान को दुगुनी क़ीमत में खुद ही खरीद लिया। जिसके बाद मासूम बालिकाओं के चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान नजर आई और उनके घर वापस भेजा।

क्या बोले थाना प्रभारी

थाना प्रभारी विजय गुप्ता ने कहा कि जिन बच्चों को त्योहार पर उछल कूद करनी चाहिए वो बाज़ार में बैठे हैं। मजबूरी है, गरीबी की। बेबसी की। चार पैसे आ जाएं तो खुश हो जाएं, मगर बच्चों की लाचारी देखिए उनका कोई सामान नहीं बिक रहा था। सभी लोग बाज़ार आ रहे हैं तो खरीदारी कर रहे हैं। घरों की सजावट का सामान खरीद रहे हैं। महंगे आइटम खरीद रहे हैं। अगर कोई सामान खरीद भी रहा था। तो इन मासूम बालिकाओं से नहीं, बड़े दुकानदारों से खरीद रहा था। यह देख मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपने स्टाफ के साथ बालिकाओं का सारा सामान दुगनी क़ीमत में खरीद कर उन्हें रूपये दिए। जिस पर उनके चेहरे पर एक अलग ही चमक मुझे देखने कों मिली। मेरे दिल कों भी बहुत सकून मिला।

Shalini Rai

Shalini Rai

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