Hapur News: टापू पर बसे गांव के लोगों का ब्रजघाट से टूटा सपर्क, करना पड़ रहा है दिक्कतों का सामना

Hapur News: आवागमन से जुड़े रास्ते पर पानी भरने से बरसात के मौसम में समय पर चिकित्सा सेवा मुहैया न होने से मरीजों समेत सहित अन्य सुविधा ना होने से परेशानी झेलनी पड़ रही है।

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Published on: 11 July 2024 9:03 AM GMT
Hapur News: टापू पर बसे गांव के लोगों का ब्रजघाट से टूटा सपर्क, करना पड़ रहा है दिक्कतों का सामना
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Hapur News: गंगा नदी की जलधारा में उतार चढ़ाव जारी है। जिसके कारण गंगा नगर में रहने वाले दर्जनों परिवारों का ब्रजघाट का आवगमन नहीं हो पा रहा है। जहाँ प्रशासन द्वारा नाव तक तक नहीं चलाई गई है। जिससे यहां के ग्रामीण अपने निजी खर्चे पर नाव से गंगा की धारा को जान जोखिम डालकर पार कर रहे है। इस रेतीले टापू पर बसे गांव गंगानगर के दो सौ से अधिक परिवार इन दिनों बड़ी मुसीबत झेलने के साथ ही जान जोखिम में डालने को मजबूर हैं।

पहाड़ी इलाकों में थमी वर्षा सें गंगा नदी में जलस्तर घटने के बाद भी आवागमन से जुड़े सभी रास्ते पानी की गिरफ्त में आ चुके हैं, जिससे गांव के लोगों को जान जोखिम में डालकर ट्यूब और नावों के सहारे आवागमन करना अब पूरी तरह मजबूरी बन गई है। जिन्हें रोजमर्रा में उपयोग होने वाली चीजों की खरीद करने के लिए ब्रजघाट, गढ़ अथवा गजरौला आना जाना पड़ता है, जिसके लिए उन्हें जान जोखिम में डालकर नाव समेत ट्यूब का सहारा लेना मजबूरी बनी हुई है। पश्चिमी बंगाल से विस्थापित होकर आए जो परिवार नैनीताल में आकर बसे थे, उन्हें करीब 44 साल पहले नसबंदी कराने की एवज में तत्कालीन एनडी तिवारी सरकार ने कृषि पट्टे आवंटित किए थे।


जलभराव सें टापू के लोगों की बड़ी मुसीबतें

कुछ लोग खेतीबाड़ी समेत दूसरे कामकाजों से परिवारों की गुजर बसर कर रहे हैं, जबकि अधिकांश लोग आसपास के शहर कस्बों में नौकरी जीवन यापन करते हैं। विकास के इस दौर में भले ही दूरस्थ ग्रामीण अंचल भी सड़कों से लेकर बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं से जुड़ते जा रहे हैं, परंतु ब्रजघाट तीर्थनगरी के पास गंगा की जलधारा के बीच रेतीले टापू में बसे गांव गंगानगर के परिवार आज भी बदहाली की जिदगी गुजारने के लिए मजबूर हैं। बरसात के सीजन में हर साल गंगा का जलस्तर बढऩे से उन पर मुसीबतों का पहाड़ सा टूट पड़ता है, क्योंकि आवागमन से जुड़े रास्तों पर पानी भरने से गांव का संपर्क अन्य क्षेत्रों से पूरी तरह टूट जाता है। जिसके बाद ग्रामीणों को जान हथेली पर रखकर गंगा की उफनती जलधारा से होकर आवागमन करना मजबूरी हो जाती है।

क्या कहते है टापू पर रहने वाले लोग?

राहुल , विनोद , बबलू , सरजीत का कहना है कि बरसात के सीजन में हर साल बड़ी मुसीबत झेलने के साथ ही जान हथेली पर रखकर जिदगी बितानी पड़ती है। आवागमन से जुड़े रास्ते पर पानी भरने से बरसात के मौसम में समय पर चिकित्सा सेवा मुहैया न होने से मरीजों समेत सहित अन्य सुविधा ना होने से परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस समस्या के समाधान के लिए पिछले कई सालों से पुल बनाए जाने की मांग चल रही है। लेकिन प्रशासन ने पुल बनाने की मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

ग्रामीणों सें वार्ता कर होगा समाधान

एसडीएम साक्षी शर्मा का कहना है, कि गंगा के जलस्तर को लेकर गंगानगर के ग्रामीणों को पूरी तरह अलर्ट किया हुआ है। प्रशासन द्वारा सभी बाढ़ चौकियों पर नाव की व्यवस्था की हुई है। यदि गंगा नगर के लोगों को नाव नहीं पहुंची है। तो इसका संज्ञान लेकर तत्काल नाव का प्रबंध किया जाएगा। साथ ही मौके पर पहुंचकर उनसे वार्ता कर समाधान कराया जाएगा। अधिक जल में जाने से बचें, यदि कोई दिक्क़त है तो प्रशासन को सूचना दें।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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