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Hardoi News: स्कूल में पढ़ते मिले महज दो बच्चे, बीएसए के निरीक्षण में खुली पोल

Hardoi News: बीईओ के कार्यालय के पड़ोस में स्थिति जूनियर हाईस्कूल में मात्र 2 बच्चे पढ़ते मिले। कम बच्चे मिलने और मिड-डे-मील न बनने पर बीएसए ने कड़ी नाराजगी जताई।

Pulkit Sharma
Published on: 28 March 2023 6:41 PM IST
Hardoi News: स्कूल में पढ़ते मिले महज दो बच्चे, बीएसए के निरीक्षण में खुली पोल
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Hardoi news (photo: social media )

Hardoi News: ब्लॉक बावन में शिक्षा व्यवस्था बेपटरी है। कहीं विद्यालय में शिक्षक नहीं मिलते तो कहीं स्कूलों में बच्चे ही नहीं पढ़ने आते। बीएसए डॉ. विनीता के द्वारा सोमवार को किए स्कूलों के निरीक्षण में विद्यालयों की पोल खुल गई। बीईओ के कार्यालय के पड़ोस में स्थिति जूनियर हाईस्कूल में मात्र 2 बच्चे पढ़ते मिले। कम बच्चे मिलने और मिड-डे-मील न बनने पर बीएसए ने कड़ी नाराजगी जताई।

ज्यादातर स्कूलों में मिली अनियमितता

बेसिक स्कूलों में वस्तुस्थिति का निरीक्षण करने के लिए बीएसए डॉ. विनीता ने बीआरसी के पड़ोस में स्थित जूनियर हाईस्कूल का निरीक्षण किया, जहां पर 2 बच्चे मिलने पर नाराजगी जताई। यही हाल बवनापुर के स्कूल का था। यहां पर मात्र एक बच्चा ही विद्यालय में उपस्थित मिला। रामापुर रहोलिया में निरीक्षण के दौरान महज 10 बच्चे ही मिले। इसी तरह धन्योली में प्रधानाध्यापक व दो शिक्षामित्र गायब मिले। हर जगह निरीक्षण में शिक्षा व्यवस्था बेपटरी मिली। जिस पर बीएसए ने कड़ी नाराजगी जताई। सभी शिक्षकों को फटकार लगाई। सभी से जवाब तलब किए जाने की बात कही गई है।

मिड-डे मील खा रही हवाएं!

निरीक्षण के दौरान सामने आया कि मिड-डे मील खाने वाले बच्चों की संख्या मौके पर उपस्थित बच्चों की संख्या से कई गुनी अभिलेखों में दर्ज थी। इसपर स्थानीय लोग चर्चा करने लगे कि शायद हवा में बाकी का मिड-डे मील चला जाता है। क्योंकि जब स्कूल में इतने बच्चे है हीं नहीं तो कागजों पर किसे खाना खाते हुए दिखाया जाता है। बीएसए ने कई स्कूलों में गड़बड़ी मिलने पर खंड शिक्षा अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है। विभागीय सूत्र बताते है कि बावन ब्लॉक में बीईओ के ध्यान न देने से शिक्षक मनमानी करते हैं। स्कूलों में शिक्षक समय से नही आते हैं। कुछ शिक्षक तो सेटिंग से नौकरी कर रहे हैं। ऐसे लोग कभी भी विद्यालय नही आते हैं। बहुत से शिक्षक तो बीआरसी पर बेवजह बैठे रहते हैं।



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Pulkit Sharma

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