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Hardoi News: एक महीने में गेहूं के 600 रुपए तक गिरे दाम, आटा भी सस्ता

Hardoi News: कृषि उपज मंडी में 28 दिन में गेहूं के भाव लगभग 600 रुपये प्रति क्विंटल गिर गए हैं। 25 दिन पहले लगभग 2800 रुपये क्विंटल के भाव पर बिक रहा गेहूं इन दिनों 2200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है।

Pulkit Sharma
Published on: 27 Feb 2023 7:33 AM GMT (Updated on: 27 Feb 2023 8:19 AM GMT)
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Hardoi News: कृषि उपज मंडी में 28 दिन में गेहूं के भाव लगभग 600 रुपये प्रति क्विंटल गिर गए हैं। 25 दिन पहले लगभग 2800 रुपये क्विंटल के भाव पर बिक रहा गेहूं इन दिनों 2200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। गेहूं के भाव कम होते ही समर्थन मूल्य पर किसानों का रुझान बढ़ गया हैं। किसान रजिस्ट्रेशन की साइट खुलने का इंतजार करने लगे हैं। मंडियों में गेहूं के भाव और कम होने की आशंका से सरकार गेहूं का स्टाक लिमिट तय कर सकती है, ऐसा हुआ तो गेहूं के दाम और गिरेंगे।

नए गेहूं की आमद बन रही वजह

नए गेहूं की आवक के साथ ही मंडियों में गेहूं के भाव और कम होने की आशंका है। जनवरी के पहले सप्ताह में बाजार में गेहूं 3100 से 3000 रुपये प्रति क्विंटल बिका था। जनवरी महीने के अंतिम सप्ताह में गेहूं का भाव 2800 रुपये प्रति क्विंटल और फरवरी की शुरूआत में भाव गिरकर 2400 रुपये प्रति क्विंटल हो गया था। इस समय गेहूं का भाव 2200 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है। आढ़ती सूरज गुप्ता का कहना है कि गेहूं के भाव लगातार गिर रहे हैं, इससे किसान अपना अनाज बेचने से कतरा रहे हैं।

वहीं जब गेहूं के भाव बढ़ते हैं तो बाजार में आटा की कीमत भी बढ़ती है। पिछले दिनों बाजार में आटा 35 रुपये किलो तक बिका। कारण, रूस-यूक्रेन की वजह से अन्य देशों में गेहूं की मांग बढ़ी तो यहां से गेहूं निर्यात हुआ। पिछली साल मंडियों में समर्थन मूल्य से अधिक भाव मिलने से किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेहूं नहीं बेचा था। ऐसे में सरकार के पास भी गेहूं कम है। बढ़ रहे गेहूं के भाव को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार ने 25 लाख टन क्विंटल गेहूं बाजार में दे दिया। भंडारण केंद्रों के मुंह खोलते ही गेहूं का भाव कम हो जाएगा।

एक अप्रैल से शुरू होगी खरीद

शासन ने जिले को वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1,81,000 मीट्रिक टन लक्ष्य आवंटित किया था। जिसके चलते जिला प्रशासन ने 122 क्रय केंद्र खोले। शुरुआत से बाजार में गेहूं के भाव में तेजी से किसानों का सरकारी क्रय केंद्र से मोह भंग हो गया। प्रभारी क्रय केंद्रों पर किसानों का इंतजार करते रहे, लेकिन किसान नहीं पहुंचे, मगर इस बार गेहूं का रेट गिरने से किसान परेशान हैं।

अभी से ही किसान मंडी में गेहूं बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन का इंतजार करने लगे हैं। डिप्टी एआरएमओ अनुराग पांडेय ने बताया कि इस बार एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू होनी है। अनुमान है कि सरकार किसानों के हालातों को देखते हुए 15 मार्च से पहले पंजीकरण की सुविधा चालू कर देगी।

पिछले साल सबसे कम खरीदा गया गेहूं

बीते साल गेहूं का निर्यात बंद होने के बावजूद बाजार भाव समर्थन मूल्य से अधिक था। गेहूं का भाव 2,040 रुपये प्रति क्विंटल था, जो समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति क्विटल से अधिक था। बाजार भाव में गिरावट न होने से गेहूं खरीद धड़ाम हो गई थी। सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2022-23 में सात वर्षों में सबसे कम यानि लक्ष्य का 1.15 फीसद गेहूं ख़रीद गया था।

Prashant Dixit

Prashant Dixit

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