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Hardoi News: पति की बीमारी और बच्चों के लिए दुर्गा वाकई मां दुर्गा
Hardoi News: कचहरी में विकास भवन के बगल में एक कोने में टी-स्टाल चलाने वाली दुर्गा अपने पति ओमप्रकाश द्विवेदी और दो बच्चों के साथ सीतापुर रोड बाईपास पर रहती है।
Hardoi News: मां दुर्गा, जिनके बारे में कहा जाता है कि शांति,समृद्धि और धर्म पर आघात करने वाली राक्षसी शक्तियों का विनाश करती है। लगभग कुछ इसी तरह की मां दुर्गा अपने बच्चों के लिए सारा-सारा दिन एक पैर पर खड़े रह कर उनके उद्धार के लिए जुटी रहती है। उसके चेहरे पर न तो थकान दिखाई देती है और न ही मायूसी। इतना सब करने के बाद उसकी बस एक ही चाहत है कि उसके बच्चों की अच्छी परवरिश हो और उन्हें बेहतर इंसान बना सके।
आइए बताते हैं कि कौन है हरदोई की मां दुर्गा? कचहरी में विकास भवन के बगल में एक कोने में टी-स्टाल चलाने वाली दुर्गा अपने पति ओमप्रकाश द्विवेदी और दो बच्चों के साथ सीतापुर रोड बाईपास पर रहती है। उसका बेटा चौथी कक्षा में पढ़ रहा है। उससे छोटी एक बेटी है। कुछ वक्त पहले की बात है कि ओमप्रकाश द्विवेदी एका-एक बीमार पड़ गया और उसने चारपाई पकड़ ली। तब दुर्गा के सामने अपने बच्चों की परवरिश का सवाल खड़ा हो गया। उसने किसी तरह हिम्मत जुटाते हुए अपना कदम बाहर निकाला और विकास भवन पहुंच वहां चार पैसों का जुगाड़ किया।
दुर्गा का टी-स्टाल लोगों की पहली पसंद
वहां के लोग भी उसके लिए मददगार साबित हुए, जिसके चलते दुर्गा ने वहीं पर एक कोना तलाश कर वहां टी-स्टाल खोला। आज दुर्गा का टी-स्टाल लोगों की पहली पसंद बन चुका है। सिर्फ अपने बच्चों की परवरिश के लिए रात-दिन एक पैर पर खड़ी रहने वाली दुर्गा के चेहरे पर ज़रा भी थकान नहीं नज़र आती है। इतना ही नहीं वहीं पर जब उसे खाली वक्त मिलता है,तो उस बीच वह अपने बेटे को वहीं पर पढ़ाती भी है। दुर्गा का कहना है कि ईमानदारी और सच्ची लगन हो तो मुश्किल से मुश्किल काम भी आसान हो जाता है। दुर्गा की हिम्मत देख कर हर कोई उसकी तारीफ करते नहीं थकता। संबंध में दुर्गा का कहना है पति की बीमारी के चलते एकदम जिम्मेदारी बढ़ गई जिसे निभाने के लिए मुझे घर से बाहर निकल कर चाय की दुकान करनी पड़ी जिसमें तमाम कठिनाइयां दिया लेकिन को हिम्मत नहीं हारी और मेहनत करते हुए अपनी पति की देखभाल के अलावा बच्चों की पढ़ाई लिखाई तथा पालन पोषण इस चाय की दुकान से कर रही है।