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Hardoi News: आँकड़ो में 60 प्रतिशत आवारा मवेशियों को प्रशासन पहुँचा चुका आश्रय स्थल, जाने क्या है मामला

Hardoi News: आवारा पशुओं की समस्या लगातार चुनाव में मुद्दा भी बनी रही है।आवारा पशुओं के आतंक से परेशान किसानों ने कभी मैरिज लॉन में पशुओं को बंद कर दिया तो कभी स्कूल में यहां तक किसान सरकारी कार्यालय में भी आवारा पशुओं को बंद कर चुके हैं।

Monika
Published on: 13 Dec 2023 10:06 AM IST
Hardoi stray cattles
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Hardoi stray cattles  (photo: social media )

Hardoi News: हरदोई में आवारा पशु दिन पर दिन एक बड़ी समस्या बनते जा रहे हैं।आए दिन आवार पशुओं से सड़क हादसे हो रहे हैं वहीं किसान भी आवारा पशुओं से परेशान हैं।किसान दिन रात आवारा पशुओं से अपने खेतों को बचाते हैं वही पशु जरा सा मौका देख तुरंत खेत में जाकर किसानों की फसल को बर्बाद कर देते हैं। आवारा पशुओं की समस्या लगातार चुनाव में मुद्दा भी बनी रही है।आवारा पशुओं के आतंक से परेशान किसानों ने कभी मैरिज लॉन में पशुओं को बंद कर दिया तो कभी स्कूल में यहां तक किसान सरकारी कार्यालय में भी आवारा पशुओं को बंद कर चुके हैं। सरकार की ओर से आवारा पशुओं को रखने के लिए पशु आश्रय स्थल बनवाये गए लेकिन सुविधाओं के अभाव व बेहतर देखभाल न होने के चलते पशु आश्रय स्थल में मवेशी ठहर ही नहीं पाते हैं। आश्रय स्थल में ज्यादातर मवेशी बाहर निकल जाते हैं या फिर पशु आश्रम स्थल में ही दम तोड़ देते हैं। हाल ही में शासन की ओर से सभी जनपदों को निर्देश दिए गए थे कि सड़क पर व खेत में घूमने वाले आवारा मवेशियों को आश्रय स्थल पहुँचाया जाए जिसके लिए शासन की ओर से एक निर्धारित समय भी सभी जनपदों के अधिकारियों को दिया गया था। हरदोई जनपद में शासन के आदेशों का 60% पालन जनपद के अधिकारी कर चुके हैं हालांकि यह पालन कागजों में अधिकारियों द्वारा किया गया है जबकि हकीकत इससे उलट है।

तीन से चार हज़ार पशु है सड़को पर

जनपद में पशुपालन विभाग द्वारा किए गए सर्वे में लगभग 46000 आवारा पशु सड़कों व खेतों में घूमने के आंकड़े सामने आए थे। शासन की ओर से नवंबर में जारी किए गए आदेश के बाद जनपद में विशेष अभियान चलाकर लगभग 60% आवारा पशुओं को विभाग द्वारा पकड़े जाने का दावा किया गया है।शासन की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक दिसंबर के अंत तक 100% सड़क पर व खेतों में घूम रहे आवारा पशुओं को आश्रय स्थल पहुंचाना है। शासन की ओर से पशुपालन विभाग के साथ पुलिस, पंचायती राज, राजस्व,ग्राम विकास, नगरीय विकास को सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं के संरक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। विभाग की ओर से चलाए गए अभियान में 4820 आवारा पशुओं को संरक्षित किया गया है। 2 से 3000 पशु ही निराश्रित रह गए हैं।सीवीओ डॉक्टर रचना दीक्षित ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए गए अस्थाई आश्रय स्थल, पशु आश्रय स्थल, कान्हा गौशाला, वृहद गौशाला केंद्र आदि में अब तक 42706 व नगरीय क्षेत्र में 2038 निराश्रित पशुओं को संरक्षित किया जा चुका है।हालांकि विभाग के दावो और आंकड़ों के विपरीत आज भी सड़कों पर आवारा पशुओं का झुंड टहलता हुआ दिख जाएगा वहीं किसान भी आवारा पशुओं से अभी भी परेशान है। सरकार के दावे धरातल पर फेल होते नजर आ रहे हैं।अब देखना होगा कि दिसंबर अंत तक प्रशासन के दावों के आगे धरातल पर इसका क्या असर नजर होता है।



Monika

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