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Hardoi News: इस ‘आम’ की मिठास है ‘खास’, हरदोई के शख्स ने विकसित की बैगनी, काले, रंग-बिरंगे आमों की प्रजाति

Hardoi News: हरदोई के रहने वाले 70 वर्षीय अब्दुल सलाम ने जगदीशपुर से सांडी मार्ग पर निजामपुर गांव के पास 5 बीघा जमीन में आम का बाग तैयार किया है। वैसे तो यह बाग साधारण बाग की तरह नजर आता है लेकिन जब आप इसके अंदर पहुंचते हैं तो यह बाग काफी खास हो जाता है।

Pulkit Sharma
Published on: 27 Jun 2023 4:06 PM IST
Hardoi News: इस ‘आम’ की मिठास है ‘खास’, हरदोई के शख्स ने विकसित की बैगनी, काले, रंग-बिरंगे आमों की प्रजाति
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(Pic: Newstrack)

Hardoi News: आम के मौसम में तरह-तरह के लजीज आम हर किसी को पसंद होते हें। लोग अलग-अलग किस्मों के आमों की जमकर खरीदारी करते हैं और उनका लुत्फ उठाते हैं। आमतौर पर आम पीले या हरे रंग के ही देखे जाते हैं, लेकिन हरदोई के शख्स ने रंग-बिरंगे आमों की किस्म विकसित कर रखी है। ये आम मिठास में भी किसी दूसरे आम से पीछे नहीं हैं।

शाहाबाद में आम का बड़ा कारोबार

जब आम की बात आती है तो लखनऊ जनपद का मलिहाबाद सबको याद आता है। कहा जाता है कि मलिहाबाद से ही देश-विदेशों में आम का निर्यात होता है। मलिहाबाद में बड़े ही पैमाने पर आम का काम होता है और वहां कई प्रजाति के आम भी पाए जाते हैं। लेकिन राजधानी लखनऊ से सटे हरदोई जनपद में भी आम का बड़ा कारोबार होता है। हरदोई में आम का कारोबार करने वाले बागवान अपने कई प्रकार के खास आम को लेकर देश-दुनिया में प्रख्यात हैं। हरदोई का शाहाबाद आम के लिए प्रसिद्ध है, यहां आम की कई प्रकार की प्रजाति पाई जाती है। यहां से भी आम देश दुनिया में निर्यात किया जाता है।

बैगनी रंग का आम किया विकसित

आप सब ने आज तक आम का रंग पीला, हरा, मिश्रित देखा होगा लेकिन क्या कभी आपने बैगनी कलर का आम देखा है। हरदोई के रहने वाले एक 70 वर्षीय बुजुर्ग ने यह कर दिखाया है। अपनी उम्र को मात देते हुए 70 वर्षीय अब्दुल सलाम निवासी निजामपुर ने बैगनी कलर के आम को अपने बाग में उगाया है। इसके साथ ही अब्दुल सलाम की बगिया में काले, पीले, लाल रंग के भी आम आपको देखने को मिलेंगे जो कि अपने आप में एक नया अनुभव है। विभिन्न प्रकार के आमों को देखने के लिए दूर-दूर से लोग उनके बाग में पहुंच रहे हैं और उनके द्वारा की जा रही बागवानी की जमकर प्रशंसा भी कर रहे हैं।

बाग़ में मिलेगा बौनी प्रजाति का आम

हरदोई के रहने वाले 70 वर्षीय अब्दुल सलाम ने जगदीशपुर से सांडी मार्ग पर निजामपुर गांव के पास 5 बीघा जमीन में आम का बाग तैयार किया है। वैसे तो यह बाग साधारण बाग की तरह नजर आता है लेकिन जब आप इसके अंदर पहुंचते हैं तो यह बाग काफी खास हो जाता है। इस बाग की खासियत यह है कि इस बाग में लगे सभी पेड़ बौनी प्रजाति के हैं। इसीलिए आम तोड़ने के लिए लग्घी या किसी अन्य उपकरण का प्रयोग नहीं किया जाता है। इन प्रजाति के पेड़ों के फल को आप हाथ से ही तोड़कर प्रयोग कर सकते हैं। बागवानी कर रहे अब्दुल सलाम ने बताया कि लगभग 10 वर्ष पूर्व उद्यान विभाग की ओर से एक योजना के तहत उनको आम्रपाली प्रजाति के पेड़ मिले थे। आम्रपाली के पेड़ों को उन्होंने अपने बाग में लगाया और तीन वर्ष बाद आम्रपाली प्रजाति के पेड़ फलदार हो गए, तब से अब तक हर वर्ष आम्रपाली प्रजाति के पेड़ों में अच्छा काम आता है।

‘आम के आम गुठलियों के दाम’

इस पेड़ की खासियत यह है कि जुलाई के अंतिम सप्ताह में इसमें फल पकता है। इसके फल की गुठली पतली और गुदादार होता है। अन्य फल की अपेक्षा में यह फल महंगा भी बिकता है। अब्दुल सलमान ने बताया कि लगभग चार वर्ष पहले राष्ट्रीय उपोषण बगवानी संस्थान रेहमानखेड़ा लखनऊ से अरुणिका और अंबिका नाम के पेड़ भी वह लाए थे। अरूणिका के पेड़ इस वर्ष तैयार हो गए हैं। इसमें लगने वाला आम का रंग हरा पीला नहीं बल्कि बैगनी होता है। इसकी खासियत है कि इसमें से बहुत अच्छी खुशबू आती है वहीं अंबिका आम की खास बात यह है कि यह आम देखने में लाल रंग का होता है। सबसे ज्यादा स्वादिष्ट अंबिका आम होता है। अब्दुल सलाम ने बताया के संसेशन और टॉमी के पेड़ भी तैयार हो गए हैं। इनमें हल्के काले रंग और पीले, लाल फल आते हैं। अब्दुल सलाम द्वारा की जा रही बागवानी से प्रेरित होकर दूर-दूर से लोग बागवानी के टिप्स लेने के लिए आते हैं। आसपास के किसान भी पेड़ पौधों को सुरक्षित रखने के उपाय लेने के लिए अब्दुल सलाम के पास पहुंचते हैं। अब्दुल सलाम बताते हैं कि उनका पूरा दिन आम जब बाग में व्यतीत होता है। आने वाले समय में वह कुछ अन्य आम के पेड़ भी लगाएंगे जो कि विशेष प्रकार के होंगे।



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Pulkit Sharma

Pulkit Sharma

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