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'ये बानगी है, पुलिस किस तरह फर्जी केस में लोगों को फंसाती है...', इलाहाबाद HC ने हरदोई DM-SP पर लगाया दो-दो लाख का जुर्माना

Hardoi News: ट्रक चालकों से वसूली करते होमगार्ड को बिना सबूत और गवाह के फंसाने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कड़ा रुख अपनाते हर हरदोई DM-SP पर लगाया दो-दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।

Pulkit Sharma
Published on: 3 Jan 2024 8:50 PM IST
Hardoi News
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 इलाहाबाद हाई कोर्ट (Social Media)

Hardoi News: हरदोई के डीएम और एसपी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने दो-दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। साथ ही, हाई कोर्ट ने होमगार्ड को राहत देते हुए आरोप पत्र और केस को खारिज करने का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, 'ये मामला इस बात की बानगी है कि पुलिस किस तरह है से फर्जी केस में लोगों को फंसाती है'।

क्या है मामला?

ये मामला वर्ष 2020 का है। तब एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। वीडियो में थाने के बाहर एक होमगार्ड के ट्रक चालकों से एंट्री के नाम पर रुपए लेने का मामला था। वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए तत्कालीन लोनार थाना प्रभारी ऋषि कपूर मौके पर पहुंचे। वीडियो में दिख रहे होमगार्ड को उस स्थान पर मौजूद पाया। थाना अध्यक्ष द्वारा होमगार्ड की तलाशी लेने पर उसके पास से मात्र 30 रुपए बरामद हुए थे। तलाशी के बाद होमगार्ड ने स्वीकारा कि उसके द्वारा ट्रक चालकों से वसूली की जाती है। यह वीडियो काफी पुराना है। इसके बाद पुलिस द्वारा वायरल वीडियो में दिख रहे होमगार्ड के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर दिया था।

पुलिस पर खड़े हुए सवाल

तत्कालीन थाना अध्यक्ष ऋषि कपूर द्वारा 13 अक्टूबर 2020 को आरोप पत्र दाखिल किया गया था। आरोप पत्र का संज्ञान 25 अप्रैल को न्यायालय ने लिया। न्यायालय ने याची होमगार्ड रामगोपाल गुप्ता को विचारण के लिए तलब किया था। उधर, होमगार्ड की ओर से हाई कोर्ट में आरोप पत्र और तलबी आदेश को चुनौती देते हुए पुलिस पर उसे फर्जी फंसाने का आरोप लगाया। याची रामगोपाल गुप्ता ने न्यायालय को बताया कि उसके खिलाफ वसूली की शिकायत नहीं है और ना ही उक्त मामले में वीडियो का सबूत मानकर उसकी जांच की गई। याची रामगोपाल गुप्ता द्वारा न्यायालय में दी गई चुनौती पर हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजीव सिंह की बेंच ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि, होमगार्ड के खिलाफ विवेचना में पुलिस ने ना तो किसी पीड़ित को गवाह बनाया और ना ही वीडियो के आधार पर उसके खिलाफ कार्रवाई की गई।

बिना सबूत मुकदमा लिखने पर लगा जुर्माना

वीडियो की ही बात सबूत रिकॉर्ड पर लिया गया। न्यायाधीश ने कहा कि, 'विवेचक द्वारा बिना सबूत मुकदमा लिखने पर हरदोई के डीएम और एसपी पर दो-दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाता है। साथ ही, यह हर्जाना राशि दो माह में पीड़ित याची को देने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश ने आरोप पत्र और पूरे केस को भी खारिज करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।'



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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