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Hardoi News: जूनियर इंजीनियर को रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने किया गिरफ्तार, बिल पास के नाम पर मांग रहा था रिश्वत
Hardoi News: हरदोई के लोक निर्माण विभाग के एक जेई के रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम द्वारा रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। सड़क निर्माण के बिल को पास करने के एवज में जेई द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही थी
Hardoi News: शासन स्तर से लोक निर्माण विभाग के 16 अभियंताओं अवर अभियंताओं पर हुई कार्रवाई के बाद भी भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हरदोई के लोक निर्माण विभाग के एक जेई के रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम द्वारा रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। सड़क निर्माण के बिल को पास करने के एवज में जेई द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही थी इसके बाद एंटी करप्शन टीम द्वारा जेई को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया है।
जेई की गिरफ्तारी के बाद सवाल उठने लगे हैं कि लोक निर्माण विभाग में सड़क के निर्माण में लाखों रुपए का भ्रष्टाचार होता है लगातार भ्रष्टाचार के मामले हरदोई जनपद से उजागर हो रहे हैं। लोक निर्माण हरदोई के 16 अभियंता और अवर अभियंताओं पर कार्रवाई के बाद उम्मीद थी कि जनपद फैले भ्रष्टाचार पर रोक लग पाएगी लेकिन ऐसा होता हुआ जनपद में नजर नहीं आ रहा है। लोक निर्माण विभाग के जेई द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा मांगी गई रिश्वत का कुछ भाग अधिकारियों तक पहुंचाया जाता है। ऐसे में साफ है कि लोक निर्माण विभाग में नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार हो रहा है।
लखनऊ से हुई जेई की गिरफ्तारी
एंटी करप्शन की टीम द्वारा लोक निर्माण विभाग के जूनियर इंजीनियर सत्येंद्र यादव को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।जूनियर इंजीनियर द्वारा ठेकेदार से 10 लाख की रिश्वत की मांग की गई थी।ठेकेदार महेंद्र कुमार त्रिपाठी की शिकायत पर एंटी करप्शन टीम द्वारा यह कार्रवाई की गई है। महेंद्र कुमार द्वारा पीएमजीएसवाई योजना के अंतर्गत सड़क बनवाई थी जिसका 40 लाख का भुगतान होना था।जेई सत्येंद्र यादव ने 40 लाख के भुगतान के एवज में 10 लाख रुपए की मांग की और कहां की एई को भी समझना पड़ेगा।
सत्येंद्र यादव बिल भुगतान के नाम पर 10 लाख की रिश्वत मांग रहा था। सत्येंद्र यादव का कहना था कि बिल बड़ा चढ़ा कर बनाया गया है इसलिए उसके हिस्से के 10 लाख देने पड़ेंगे।इन 10 लाख में सहायक अभियंता को भी समझना होगा उनका भी हिस्सा उन्हें देना होगा।मामले पर एसएसपी विजिलेंस डॉक्टर अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि जांच में आरोप सही पाए गए हैं। जूनियर इंजीनियर सत्येंद्र यादव को रिश्वत की पहली किस्त देने के बहाने लखनऊ बुलाया गया था जहां एक लाख रिश्वत लेते दुबग्गा से पकड़ा गया है। उसके खिलाफ लखनऊ सेक्टर में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।