Hardoi News: फोर लाइन से पहले लखनऊ गाजियाबाद रेलवे खंड पर लगेंगे ऑटोमैटिक ब्लॉक सिंग्नल, मिली मंजूरी

Hardoi News: मुरादाबाद मंडल के अंतर्गत आने वाले रेल खंड में ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सेक्शन बनाने की मंजूरी मिल गई है जिसके बाद हर डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर एक सिग्नल लगाया जाएगा।

Pulkit Sharma
Published on: 31 July 2024 8:52 AM GMT
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Hardoi News (Pic: News)

Hardoi News: मुरादाबाद से लखनऊ तक फोर लाइन रेल ट्रैक बिछाने से पहले रेल प्रशासन ट्रैक में ट्रेनों की गति को बढ़ाने का कार्य कर रहा है। इसके साथ ही ट्रेनों की लेट लतीफ को भी कम करने और गति को बरकरार रखने के लिए रेल प्रशासन गाजियाबाद से लखनऊ तक ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम लगाने का कार्य करेगा। ऑटोमेटिक ब्लॉक सिस्टम बनाने को लेकर रेलवे बोर्ड की ओर से मंजूरी भी मिल गई है जिसके चलते अब जल्द ही इस पर कार्य भी शुरू हो जाएगा।

गति बढ़ाने की कोशिश

रेल प्रशासन ने पूर्व में ट्रेनों की गति को बढ़ाने के लिए अधिक दूरी वाले स्टेशनों के बीच में ब्लॉक हट का निर्माण किया। जिससे ट्रेनों के संचालन में काफी सुधार हुआ और ट्रेनों की गति भी बढ़ी। मंडल रेल कार्यालय मुरादाबाद के अंतर्गत लगातार ट्रैक के बदलने का भी कार्य किया जा रहा है जिससे ट्रेनों की गति बढ़ सके। आलमनगर से लेकर रोज़ा तक ट्रेनों की गति को मंडल रेल कार्यालय मुरादाबाद में बढ़ाया जा चुका है। अब इस रेलखंड पर 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ती नजर आती है। ट्रेनों की गति को लखनऊ से लेकर गाजियाबाद तक 130 किलोमीटर करने के लिए कार्य चल रहा है। ऑटोमेटिक ब्लॉक सिंग्नल लगने से इस रेल खंड पर अधिक से अधिक ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा साथ ही ट्रेनों की गति भी बरकरार बनी रहेगी।

डेढ़ किलोमीटर पर लगेंगे सिंग्नल

मुरादाबाद मंडल के अंतर्गत आने वाले रेल खंड में ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सेक्शन बनाने की मंजूरी मिल गई है जिसके बाद अब रेल प्रशासन इस रेल खंड में प्रत्येक डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर एक सिग्नल को लगाएगा। डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर सिग्नल लगने से ट्रेनों की लेट लतीफ़ी कम होगी। इसके साथ ही ट्रेनों की गति भी बढ़ जाएगी। लखनऊ से गाजियाबाद के बीच प्रतिदिन दर्जनों ट्रेनों का संचालन होता है। रेल प्रशासन इस मार्ग पर वंदे भारत जैसी हाई स्पीड ट्रेनों का संचालन करने के लिए इस रेल खंड को तैयार कर रहा है। ऑटोमेटिक ब्लॉक सिंगल सेक्शन बनने के साथ ही ज्यादातर रेल फटकों को भी रेल प्रशासन बंद करने पर विचार कर रहा है। रेल फाटक के स्थान पर ओवरब्रिज व अंडर ब्रिज दिया जाएगा।

रेल फाटक से गति पर पड़ता है असर

रेल फाटक होने की वजह से ट्रेनों की गति पर भी असर पड़ता है। वहीं कई हादसों के चलते ट्रेन लेट भी हो जाती है। मंडल रेल कार्यालय मुरादाबाद के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक आदित्य गुप्ता ने बताया कि ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम बनाने को मंजूरी मिली है। इसको बनाने का कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा। इस कार्य के शुरू होने से ट्रेनों की गति बढ़ जाएगी। गाजियाबाद से लेकर लखनऊ तक काफी महत्वपूर्ण रेलखंड है। ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल लगने से ट्रेनों को 110 से 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलाया जा सकेगा। ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम गाड़ियों को गति प्रदान करने के लिए सक्षम है। यह सिग्नल ऑटोमेटिक कार्य करते हैं इसका कंट्रोल ऑटोमैटिक होता है। ट्रेन के एक ऑटोमेटिक सिग्नल को पार करने के 120 मीटर बाद पीछे का ऑटोमैटिक सिग्नल पीछे वाली ट्रेन के संचालन के लिए निर्देशित करता है।

कैसे कार्य करता है ऑटोमैटिक सिंग्नल

ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम के अंतर्गत हर डेढ़ किलोमीटर पर रेल प्रशासन सिग्नल लगाएगा। यह सिग्नल आने वाली ट्रेनों को आगे की ट्रेन के विषय में जानकारी देता है। अब तक हरदोई से लखनऊ जाने वाली ट्रेन जब तक हरदोई करना ब्लॉक हट को पार नहीं करती थी तब तक हरदोई से ट्रेन को आगे की ओर नहीं चलाया जाता था लेकिन ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम हो जाने से हरदोई से लखनऊ की ओर जाने वाली ट्रेन जैसे ही डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर लगे सिग्नल को पार करेगी वैसे ही हरदोई में खड़ी दूसरी ट्रेन को चलने का संकेत मिल जाएगा। ऐसे में ट्रेनों की लेट लतीफ कम होगी और ट्रेनों को लगातार सिग्नल मिलते रहने से उनकी गति भी बरकरार रहेगी।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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