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Hardoi News: पौधारोपण में जिम्मेदारों ने कर दिया दिया बड़ा खेल, लाखों पौधे कहां गए पता नहीं
Hardoi News: पौधारोपण अभियान के दौरान तो जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक अधिकारी बड़े-बड़े दावे और वादे करते हैं लेकिन कुछ ही दिनों में दावे और वादे की सारी हकीकत सामने आ जाती है।
Hardoi News: जनपद को हरा भरा और स्वच्छ रखने के लिए प्रत्येक वर्ष वृहद स्तर पर पौधारोपण अभियान चलाया जाता है। शहर के अलग-अलग कस्बों, ग्रामीण क्षेत्रों में पौधारोपण अभियान चलाया जाता है। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधि भी इनमें सम्मिलित होते हैं। इस बार भी जनपद में वृहद पौधारोपण अभियान चलाया गया लेकिन हाल प्रत्येक वर्ष की भांति ही रहा। पौधारोपण अभियान के दौरान तो जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक अधिकारी बड़े-बड़े दावे और वादे करते हैं लेकिन कुछ ही दिनों में दावे और वादे की सारी हकीकत सामने आ जाती है। लाखों पौधे लगने के बाद भी इनमें से केवल कुछ ही पौधे बढ़ते हैं जबकि अधिकांश पौधे कहां विलुप्त हो जाते हैं इसकी जानकारी स्वयं विभाग तक को नहीं हो पाती है।
हरदोई जनपद में 23 विभागों ने निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप पौधे रोपने के लिए अभियान के अंतर्गत पौधों को प्राप्त किया था। जनपद में लगभग 78 लाख पौधे वृहद पौधारोपण अभियान के अंतर्गत लगभग दो महापूर्व लगाए भी गए थे लेकिन जब पौधों का हिसाब विभागों से मांगा गया तो वह या नहीं उपलब्ध करा पा रहे हैं। ऐसे में जनपद में एक बार फिर बड़े भ्रष्टाचार के संकेत मिलने लगे हैं। इस बार जिम्मेदारों ने पौधों में बड़ा खेल कर दिया है।
पौधारोपण अभियान का होगा सत्यापन
वर्ष 2024-25 में चलाए गए वृहद पौधारोपण अभियान के तहत जनपद में 78 लाख पौधे लगाए गए। जनपद के वन विभाग समेत कई अन्य विभागों ने पौधे को रोपने का लक्ष्य को लेकर पौधे प्राप्त किए थे और पौधों के रोपने की सूचना भी शासन को दी थी। हालांकि इनमें से प्रत्येक विभाग द्वारा फोटो के साथ यह सूचना शासन तक पहुंचाई थी।शासन द्वारा अब पधारोपण के सत्यापन का कार्य शुरू कराया गया इसके लिए हरीतिमा एप पर पौधारोपण स्थल की जानकारी जिओ टैग व पौधों की संख्या के साथ अपलोड करनी थी। मगर यहां पर शत प्रतिशत पौधारोपण की रिपोर्ट देने में अधिकांश विभाग फेल साबित हुए। जनपद के कई विभाग 20 लाख से अधिक पौधों का कोई हिसाब नहीं दे पा रहे हैं।
हालांकि अब विभागों द्वारा हरितमा एप पर डाटा अपलोड करने के बाद ही इसका सत्यापन हो सकेगा और इस मामले में क्या खेल जिम्मेदारों ने खेला है। इसकी सही जानकारी निकलकर सामने आ पाएगी। पधारोपण अभियान के अंतर्गत पौधे तैयार करने रोपने एवं देखभाल पर प्रतिवर्ष सरकारी कोष से करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। वन विभाग के मानक के अनुसार तीन वर्ष के पौधों का रोपण किया जाता है।