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Hardoi News: श्यामले बिहारी ट्रस्ट की जमीन अवैधानिक रूप से भू माफियाओं ने बेचा, कांग्रेस का आरोप
Hardoi News: हरदोई के न्यायालय का वर्ष 2015 के आदेश में उल्लेखित है कि ट्रस्ट डीड के अनुसार जिलाधिकारी ही एक मात्र वैध ट्रस्टी है और ट्रस्ट की जमीन का दुरुपयोग न हो इसलिए उनको जिम्मेदारी दी गई थी कि ट्रस्ट की संपत्ति की देखरेख उनकी होगी।
Hardoi News: जिला एवं शहर कांग्रेस कमेटी हरदोई ने आरोप लगाया कि श्यामले बिहारी ट्रस्ट जिसके एक मात्र वैध पदेन ट्रस्टी जिलाधिकारी हरदोई हैं, इस ट्रस्ट की हरदोई शहर के नघेटा रोड़ स्थिति जमीन (जिसमें रजवाड़ा आदि व्यावसायिक प्रतिष्ठान बने हैं)जिलाधिकारी के नाक के नीचे उनकी आंख के धूल झोंककर भू- माफियाओं द्वारा बेचें जाने के सन्दर्भ में पत्रकार वार्ता का आयोजन कांग्रेस पार्टी कार्यालय पर किया गया।हरदोई उस ट्रस्ट की बात करने जा रहीं है जिस ट्रस्ट के एकमात्र वैध पदेन ट्रस्टी जिलाधिकारी हरदोई है।
जिलाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह सोमवंशी ने कहा कि हरदोई होनहार न्यायप्रिय जिलाधिकारी से प्रश्न किया हैं कि जब श्यामले बिहारी ट्रस्ट की डीड व माननीय हरदोई के न्यायालय जिला न्यायाधीश हरदोई के आदेश के अनुसार जब एक मात्र वैध पदेन ट्रस्टी स्वयं जिलाधिकारी हैं। न्यायालय ने अपने अदेश में यह उल्लेखित करते हुए उन्हें इस जमीन के संरक्षण के लिए आदेशित भी किया था, तो नघेटा रोड़ स्थिति ट्रस्ट की यह जमीन तेजतर्रार जिलाधिकारी के रहते बिकी कैसे हुई।जब एक मात्र वैध पदेन ट्रस्टी स्वयं जिलाधिकारी हैं तो ट्रस्ट की जमीन खरीदने बेचने वालों के बैनामों की वैधता क्या है।ऐसी स्थिति में इस जमीन को खरीदने बेचने वालों पर विधि सम्मत वैधानिक कार्यवाही जिलाधिकारी ने क्यों नहीं की।ऐसी क्या मजबूरी है कि भू-माफियाओं को बचाना जरूरी है।इतना ही नहीं यह भी कहीं ऐसा तो नहीं है कि भू- माफियाओं द्वारा इससे सम्बंधित पत्रावली भी जिलाधिकारी के यहां से गायब करा दी गई।या शायद किसी स्टोर रूम में डलवा दी गयी हो।
ज्यादातर ट्रस्ट की संपत्ति पर अतिक्रमण
पत्रकार वार्ता में जिलाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह सोमवंशी ने बताया कि श्यामले बिहारी ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी श्यामले बिहारी चार भाई थे। और श्यामले बिहारी की कोई संतान नही थी।जिस कारण उन्होंने एक ट्रस्ट श्यामले बिहारी रचमात्मक एवं शिक्षा ट्रस्ट 1944 में बनाया था। और अपनी तमाम चलअचल संपत्ति ट्रस्ट के नाम वैधानिक रूप से कर दी थी इस ट्रस्ट की संपत्ति सांडी,बिलग्राम,हरदोई की बाजार में,खदरा में व एस0 बी0बी0स्कूल के पड़ोस में व नघेटा रोड पर संपत्ति है।
ज्यादातर ट्रस्ट की संपत्ति पर अतिक्रमण हो चुका है और जो नघेटा रोड पर संपत्ति है वह करोड़ो रूपये की जमीन थी जिस ट्रस्ट की जमीन पर जिलाधिकारी महोदय की बिना परमिशन के उनकी नाक के नीचे ट्रस्ट की जमीन को रसूखदार भू माफियाओं ने भाजपा नेता के साथ साथ कई रसूखदारो को करोड़ो रुपए की पिछले वर्ष जमीन बेच दी गई। श्यामले बिहारी ट्रस्ट की जमीन नघेटा रोड पर करोड़ो रूपये जिस ट्रस्ट की जमीन पर प्लाटिंग हो चुकी है ।इस जमीन पर कुछ मकान बने थे कमलेश सिंह,वीरेंद्र सिंह,मुन्नी देवी,सतीस सिंह,राजीव रतन,छैल विहारी पाठक,चंदिका सिंह आदि को मकान ट्रस्ट द्वारा लगभग 60 साल पहले आवंटित हुए थे।जिनका किराया ए0एस0बी0बी0में जमा होता था लेकिन उन लोगो को मोटी रकम देकर सत्ता का भय दिखा कर उन लोगो को बाहर कर दिया गया।
न्यायालय के आदेश को भी जिलाधिकारी द्वारा नजरअंदाज किया गया
हरदोई के न्यायालय का वर्ष 2015 के आदेश में उल्लेखित है कि ट्रस्ट डीड के अनुसार जिलाधिकारी ही एक मात्र वैध ट्रस्टी है और ट्रस्ट की जमीन का दुरुपयोग न हो इसलिए उनको जिम्मेदारी दी गई थी कि ट्रस्ट की संपत्ति की देखरेख उनकी होगी।मगर हरदोई न्यायालय के आदेश को भी जिलाधिकारी द्वारा नजर अंदाज किया गया।और भू-माफियाओं ने लोकल्याण के लिए दान में दी गयी जिलाधिकारी की सदस्यता वाले ट्रस्ट की बेशकीमती जमीन बेचकर न्यायालय और जिलाधिकारी की सतर्कता को चुनौती दे डाली।इन सब मे जिले के बड़े भाजपा नेता भी शामिल हैं। जब इस ट्रस्ट की जमीन की बिक्री नही हुई थी भू माफिया बेचने की फिराक में थे तब वर्ष 2020 में इस प्रकरण की शिकायत भी तत्कालीन जिलाधिकारी से की गई लेकिन शिकायतकर्ता का शिकायत का पत्र ठंडे बस्ते में आज भी पड़ा है। जिला एवं शहर कांग्रेस कमेटी हरदोई के तेजतर्रार, ईमानदार जिलाधिकारी से यह मांग करती है और उम्मीद भी करती है कि इस पत्रकार वार्ता में उठाये गए सवालों का जवाब देते हुए भू-माफियाओं पर कार्यवाही की जाये।