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Hardoi: इस विधि से किसान बचा रहे लाखों रुपए, फसल को भी मिल रही संजीवनी
Hardoi: हरदोई के किसान अब ऐसी फसल भी अपने खेत में उगा रहे हैं जिनके बारे में किसानों ने कभी सोचा नहीं था। खेती करने में अब युवा बढ़ चढ़कर प्रतिभाग कर रहे हैं।
Hardoi News: किसान लगातार खेती में अब नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। किसानों को लगातार उद्यान विभाग व कृषि विभाग द्वारा प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। किसान लगातार सरकार की योजनाओं का भी लाभ ले रहे हैं। प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद से लगातार किसानों को लेकर विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसी के साथ समय-समय पर कृषि और उद्यान विभाग के अधिकारी और कर्मचारी किसानों से मिलकर या कैंप लगाकर उनकी समस्या को सुन उसका निस्तारण कर रहे हैं।
हरदोई के किसान अब गेहूं चावल मक्का सरसों तक ही सीमित नहीं है। हरदोई के किसान अब वैज्ञानिक विधि से खेती कर रहे हैं। हरदोई के किसान अब ऐसी फसल भी अपने खेत में उगा रहे हैं जिनके बारे में किसानों ने कभी सोचा नहीं था। खेती करने में अब युवा बढ़ चढ़कर प्रतिभाग कर रहे हैं। हरदोई के युवाओं ने जनपद में कुछ विभिन्न प्रकार की खेती की है जिससे कि वह अच्छा राजस्व प्राप्त कर रहे हैं। ऐसे ही हरदोई में किसान अब ड्रिप इरिगेशन विधि से खेती कर रहे हैं। इस विधि का लाभ किसानों को मिल रहा है। इसके साथ ही ड्रिप इरीगेशन विधि को लेकर लगातार कृषि और उद्यान विभाग के अधिकारी किसानों को जानकारियां भी दे रहे हैं।
घट रहे जलस्तर में लाभदायक है यह विधि
खेती के लिए पानी और खाद काफी आवश्यक है। बिना पानी और खाद के खेती नहीं की जा सकती है। किसान प्रतिवर्ष खेत में पानी लगाने में ही हजारों रुपए का डीजल खर्च कर देते थे लेकिन फिर भी खेती उतनी लाभदायक नहीं होती थी। लगातार खेती अत्याधुनिक संसाधनों से हो रही है जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है। गर्मियों की शुरुआत हो चुकी है और लगातार जमीन का जलस्तर गिर रहा है ऐसे में ड्रिप इरीगेशन विधि किसानों के लिए काफी मददगार है।
किसान ड्रिप इरीगेशन विधि से जमीन से घट रहे जल को बचाने में भी सहयोग कर रहे हैं वही पेड़ पौधों को भी पर्याप्त मात्रा में पानी मिल रहा है। किसान लता वाली फसलों का ड्रिप इरिगेशन में अधिक से अधिक प्रयोग कर रहे हैं।हरदोई के जिला उद्यान अधिकारी सुभाष चंद्र ने बताया कि ड्रिप इरीगेशन पद्धति से 50 से 70þ तक पानी की बचत होती है। प्रति हेक्टेयर में करीब 50þ तक उत्पादन में वृद्धि भी देखी गई है। इसी के साथ ड्रिप इरीगेशन विधि से खेती करने में खाद की भी काफी बचत होती है और ऊर्जा को भी बचाया जाता है। ड्रिप इरीगेशन विधि से खेती करने में पौधों को भी अच्छी बढ़त मिलती है।
इसी के साथ उबर खाबड खेतों में बिना लेवल किए इस विधि का प्रयोग कर खेती को अच्छे से किया जा सकता है। ड्रिप इरीगेशन विधि से खेती कर रहे किसान हरिओम ने बताया कि सिस्टम से पौधों को जल की आवश्यकता के अनुसार पानी दिया जाता है। आवश्यकता सीजन और बदलते मौसम के अनुसार होती है। इसको चलाने के लिए कार्य घंटे संतुलित किए जाते हैं।दूसरे किसान समीर के बताया कि वह पहले सामान्य तरीके से सिंचाई की पद्धति को अपनाते हुए खेती कर करते थे लेकिन अब उनकी खेती का तरीका बदल गया है वह ड्रिप इरीगेशन विधि से अपनी खेती को कर रहे हैं जिससे पानी की बचत से उनको आर्थिक लाभ भी मिल रहा है।