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Hardoi News: जिला अस्पताल में अवैध वसूली का आरोप, हड्डी का ऑपरेशन करवाने पर देने होंगे रुपए
Hardoi News: हरदोई के जिला चिकित्सालय हो या मेडिकल कॉलेज यहां पहुंचने वाले मरीज और उनके तीमारदारों से जमकर वसूली हो रही है। कई बार पीड़ितों द्वारा इसकी शिकायत भी की गई लेकिन स्वास्थ्य कर्मचारियों पर कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं हुई है।
Hardoi News: हरदोई के स्वास्थ्य महकमें में अवैध वसूली रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। स्वास्थ कर्मियों पर लगातार अवैध वसूली के आरोप लगते आ रहे हैं। हरदोई में हड्डी का ऑपरेशन करने के लिए ₹12000 डॉक्टर द्वारा मांगे जाने का मामला सामने आया है। पीड़ित द्वारा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को मामले की लिखित शिकायत की गई है।
हरदोई में अगर आप मेडिकल कॉलेज या जिला चिकित्सालय इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं तो यह मत सोचिए कि आपका इलाज सरकारी अस्पताल में हो रहा है और नि:शुल्क होगा आपसे प्राइवेट हॉस्पिटलों की तरह ही वसूली की जाएगी।
हरदोई का मेडिकल कॉलेज हो या जिला चिकित्सालय हर कार्य के दाम यहां फिक्स हैं। ऑपरेशन के लिए भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित फीस ली जाती है। जांच आदि के लिए भी एक निर्धारित मूल्य तय है। लेकिन उसके बाद भी हरदोई के जिला चिकित्सालय हो या मेडिकल कॉलेज यहां पहुंचने वाले मरीज और उनके तीमारदारों से जमकर वसूली हो रही है। कई बार पीड़ितों द्वारा इसकी शिकायत भी की गई लेकिन स्वास्थ्य कर्मचारियों पर कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं हुई है। जिसका नतीजा यह है कि दिन पर दिन स्वास्थ्य कर्मियों के हसले बढ़ते ही जा रहे हैं। अब तक स्वास्थ्य कर्मियों पर ही अवैध धनराशि लेने के आरोप लग रहे थे लेकिन अब डॉक्टर भी इसमें शामिल हो गए हैं।
पीड़ित ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से की शिकायत
हरदोई में बावन से आए नंदकिशोर ने बताया और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को लिखित शिकायत देकर अवगत कराया की उनका भाई नंदलाल पुत्र राधेश्याम जिला अस्पताल के हड्डी वार्ड में भर्ती है। उसके पैर का ऑपरेशन होना है। पैर के ऑपरेशन करने के एवज़ में डॉक्टर जितेश अरोड़ा ₹12000 मांग रहे हैं। प्रार्थी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को दिए प्रार्थना पत्र में कहा कि वह काफी गरीब है और ₹12000 डॉक्टर को नहीं दे सकता है।
पीड़ित ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से अपने भाई के ऑपरेशन कराए जाने की मांग की है और अवैध रुपए मांगने वाले हड्डी के डॉक्टर जितेश अरोड़ा पर जांच कार्यवाही की मांग की है। पीड़ित के आरोप के बाद एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में है। अब देखने वाली बात यह होगी कि पीड़ित द्वारा लिखित शिकायत देने के बाद भी क्या पीड़ित को न्याय मिलेगा या यूं ही स्वास्थ्य कर्मी और डॉक्टर जिला अस्पताल पहुंचने वाले पीड़ित और उनके तीमारदारों से अवैध वसूली करते रहेंगे।i