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Hardoi News: शव के साथ लूट के मामले में एक और स्वास्थ्यकर्मी बर्खास्त, फ़ार्मासिस्ट का तबादला
Hardoi News: महिला आरक्षी की बहन के शव के साथ पोस्टमार्टम हाउस में कार्यरत रहे स्वास्थ्य कर्मी द्वारा की गई लूटपाट के बाद आभूषण सीतापुर स्थित अभिषेक ज्वेलर्स क्या बेचे गए थे। नाक और कान की बाली बेचने पर उन्हें 60000 मिले थे।
Hardoi News: शव के साथ लूट और नकली जेवर पहनाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग के तीन कर्मचारियों को बर्खास्त करते हुए दो पर एफआईआर दर्ज हो गई है। जनपद में बीते कई दिनों से मुर्दों के साथ लूटपाट और नकली जेवर पहनने का मामला काफी तूल पकड़ा हुआ था। इस मामले में लगातार नए-नए मोड़ भी आ रहे थे। शुरुआती जांच में सीएमओ डॉक्टर रोहताश कुमार ने पोस्टमार्टम हाउस में तैनात दो कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें फार्मासिस्ट पर गंभीर आरोप लगाए गए थे।
इस मामले में भी सीएमओ द्वारा जांच के आदेश दिए गए। हालांकि इन सब के बीच फार्मासिस्ट कलेक्ट्रेट परिसर में टहलता हुआ नजर आया माना जा रहा था कि फार्मासिस्ट जुगाड़ में जुटा हुआ है। हालांकि फार्मासिस्ट का जुगाड़ काम भी आया। गुरुवार शाम तक सीएमओ ने फार्मासिस्ट समेत एक अन्य स्वास्थ्य कर्मी का तबादला कर दिया। हालांकि, जिस फार्मासिस्ट का तबादला हुआ उस पर भी लूट में हिस्सेदारी के आरोप लगे थे। सीएमओ पर भी बर्खास्त वार्डबॉय ने फार्मासिस्ट के बचाव के आरोप लगाए थे। हरदोई के अत्याधुनिक चीर घर में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला काफी लंबे समय से चल रहा था। यहां पर मुर्दों के साथ काफी लंबे समय से लूट की घटना को अंजाम दिया जा रहा था। इसका खुलासा महिला आरक्षी की शिकायत के बाद निकल कर सामने आया है। हालांकि, इस बीच यह भी मामला सामने आया की शव के साथ लुट करने वाले स्वास्थ्यकर्मी ने मामले को रफा दफा करने के लिए महिला आरक्षी से बात की और सोने के लूट गए आभूषण के रुपए देने को कहा था।
कार्य में लापरवाही बरतने वाले एक और स्वास्थ्यकर्मी बर्खास्त
इस मामले में नया मोड़ तब आया जब बर्खास्त स्वास्थ्यकर्मी द्वारा वीडियो वायरल किया गया। वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए सीएमओ डॉक्टर रोहताश कुमार ने एक बार फिर जांच कमेटी गठित की और विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। जांच टीम में शामिल अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मनोज सिंह डॉक्टर पंकज मिश्रा डॉक्टर जितेंद्र श्रीवास्तव व डॉक्टर सुरेंद्र कुमार की संयुक्त टीम ने 24 घंटे में जांच रिपोर्ट मांगी गई थी। जांच रिपोर्ट में जो हकीकत सामने आई उससे यह प्रतीत हुआ कि शव के साथ लूट का कार्य काफी लंबे समय से चल रहा था, साथ ही शव से लूटे जाने वाले आभूषण सीतापुर के एक सर्राफा कारोबारी को बेचे जाते थे।
जाँच टीम ने वायरल वीडियो में फार्मासिस्ट पर लगे आरोपों का जवाब लिया, जिसमें फार्मासिस्ट पंकज सचान व प्रमोद कुमार ने अपना बयान जांच टीम को दर्ज कराया। इसके बाद जाँच टीम द्वारा सीएमओ डॉक्टर रोहतास कुमार को पूरे प्रकरण की एक बार फिर जांच सौंप दी गई। जांच रिपोर्ट में कहां गया कि आउटसोर्सिंग कर्मचारी वार्ड बॉय रुपेश पटेल और स्वीपर वाहिद ही लूट में शामिल है। वहीद पोस्टमार्टम में शव की चीर फाड़ करते समय जो जेवर होता था उसे चोरी से निकाल लेता था। रुपेश पटेल को जानकारी रहती थी और वहीं, दोनों सीतापुर में अभिषेक ज्वेलर्स के यहां जेवर बेच आते थे।
सीएमओ डॉक्टर रोहताश कुमार ने बताया कि वैसे तो पोस्टमार्टम हाउस में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है, लेकिन जहां पोस्टमार्टम होता है वहां पर कैमरा नहीं है। सीएमओ को मिली जांच रिपोर्ट में बताया गया कि पोस्टमार्टम हाउस में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अवधेश वर्मा की ड्यूटी रहती है। ड्यूटी के प्रति अवधेश वर्मा ने लापरवाही बरती है। सीएमओ द्वारा इस मामले में अवधेश वर्मा को भी बर्खास्त कर दिया गया है और कंपनी को इस बाबत जानकारी दे दी गई है। शव के साथ हुई लूटपाट के मामले में नोडल अधिकारी डॉ पंकज मिश्रा की तरफ से रुपेश पटेल और वाहिद के विरुद्ध देहात कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है। नोडल अधिकारी ने बताया कि फार्मासिस्ट एक अन्य स्वास्थ्य कर्मी के बयान लिए गए हैं। इनमें फ़ार्मासिस्ट का शव के साथ लूटपाट का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। ज्वेलर्स से भी फार्मासिस्ट के बारे में जानकारी ली गई लेकिन वह उनके बारे में कुछ नहीं बता सका ना ही फार्मासिस्ट की कभी ज्वेलर्स से बात हुई है।
साठ हज़ार में बेचे थे आभूषण
महिला आरक्षी की बहन के शव के साथ पोस्टमार्टम हाउस में कार्यरत रहे स्वास्थ्य कर्मी द्वारा की गई लूटपाट के बाद आभूषण सीतापुर स्थित अभिषेक ज्वेलर्स क्या बेचे गए थे। नाक और कान की बाली बेचने पर उन्हें 60000 मिले थे। जब यह मामला खुला तो रुपेश पटेल ने सिपाही को जेवर लौटाने या रुपए देने का प्रलोभन भी दिया, लेकिन सिपाही ने उनकी नहीं सुनी। सीएमओ ने बताया कि सिपाही की जांच के बाद ही जांच शुरू हो गई थी। उसके बाद से तो विभाग अपने स्तर पर कार्रवाई कर रहा था। इस मामले में अब सीतापुर का अभिषेक ज्वेलर्स भी लपेटे में है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बताया कि ज्वेलर्स ने माना कि दोनों बर्खास्त कर्मचारी उसके यहां आकर सोना बेंच जाते थे। हालांकि, ज्वेलर्स में चोरी के आभूषण होने की जानकारी होने से इनकार किया है। कोतवाल अनिल सैनी ने बताया कि चोरी के देवर खरीदना भी अपराध है। पुलिस हर बिंदु की जांच कर रही है और उसी के आधार पर मामले में आगे की कार्यवाही की जाएगी।