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Hardoi News: जुएं को लेकर आईजी ने अधिकारियों को दिए सख़्त निर्देश, बोले अब होगी कार्यवाही
Hardoi News: शहर के राजेपुर में बड़े पैमाने पर जुए के फड़ सज रहे हैं। प्रतिदिन लाखों रुपए का फड़ पर वारा न्यारा होता है।
Hardoi News: हरदोई में लगातार पुलिस के सरपरस्ती में अवैध कार्य संचालित हो रहे हैं। शहर से लेकर देहात तक बड़े पैमाने पर जुए के ऊपर संचालित हो रहे हैं।शहर में अवैध बस अड्डे चौराहों पर जमकर संचालित हो रहे हैं। पुलिस इन सब बातों को लेकर अपनी आंखें मूंदे हुए हैं। शहर के राजेपुर में बड़े पैमाने पर जुए के फड़ सज रहे हैं। प्रतिदिन लाखों रुपए का फड़ पर वारा न्यारा होता है। राजेपुर में हरदोई व उसके आसपास के जनपद से जुआ खेलने के लिए पहुंचते हैं। प्रतिदिन हुए की फड़ पर 40 से 50 लोग मौजूद रहते हैं।
हाल ही में शहर कोतवाली क्षेत्र के राजेपुर में जुएं के फड़ का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था लेकिन इसके बाद भी पुलिस की आंख नहीं खुली। पुलिस पर जब दवाब पड़ता है तो पुलिस जुआ संचालक को नहीं बल्कि छोटे जुआरियों को पड़कर जुआ एक्ट में कार्रवाई करके अपनी पीठ थपथपा लेती है। जबकि बड़े जुआरी पुलिस की सरपरस्ती में महफ़ूज़ रहते हैं। वहीं, देहात कोतवाली के महेंद्र नगर में भी जुए के बड़े फड़ सजते है। यहां भी हरदोई समेत आसपास के जनपदों से जुआरी पहुंचते हैं और लाखों का दांव रोज़ लगाया जाता है।
आईजी ने दिये कार्यवाही के निर्देश
हरदोई में गुरुवार शाम पहुंचे आईजी रेंज लखनऊ तरुण गाबा ने हरदोई के साइबर सेल का निरीक्षण किया इसके बाद आईजी रेंज लखनऊ पत्रकारों से भी रूबरू हुए। पत्रकारों द्वारा आईजी रेंज लखनऊ से शहर व देहात में चल रहे बड़े पैमाने पर जुए के अड्डों पर सवाल किया तो जवाब दयिा कि यदि ऐसी कोई भी सूचना होगी तो हम उस पर जरूर कार्रवाई करेंगे। आईजी ने कहा कि यदि किसी के पास कोई सूचना होती है तो उसे अवगत कराये। इस संबंध में जो भी सामान्य निर्देश हैं वह हम जनपद के सभी अधिकारियों को दोहरा देंगे और निर्देशित करेंगे कि इस पर कार्यवाही करें। अब देखने वाली बात यह होगी की आईजी रेंज लखनऊ के निर्देशों को हरदोई की शहर कोतवाली पुलिस को देहात कोतवाली पुलिस कितना अमल करती है और हरदोई के पुलिस अधीक्षक केशव चंद्र गोस्वामी भी आईजी के निर्देशक का कितना पालन कराने में कामयाब होते हैं। जुए को लेकर जिम्मेदार बताते हैं कि जूए के फड़ को लेकर जिम्मेदारों को प्रत्येक सप्ताह एक तय रक़म दी जाती है। इस रकम के बदले जिम्मेदार उनको संरक्षण देने का कार्य करते हैं।