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Hardoi News: गन्ना तौल केंद्रों पर किसानों से हो रही अवैध वसूली, किसान परेशान, बोले-हर वर्ष की है समस्या
Hardoi News: गन्ना किसानों की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। गन्ना किसान शुरू से ही केंद्रों की मनमानी का शिकार होते आए हैं। गन्ना किसान प्रतिवर्ष बकाया राशि व पर्ची को लेकर अपनी शिकायतें करते रहते हैं।
Hardoi News: जनपद में गन्ना किसानों की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। गन्ना किसान शुरू से ही केंद्रों की मनमानी का शिकार होते आए हैं। गन्ना किसान प्रतिवर्ष बकाया राशि व पर्ची को लेकर अपनी शिकायतें करते रहते हैं। इस वर्ष भी गन्ना मिल के केंद्रों पर गन्ने की खरीद शुरू हो गई है। किसान गन्ना बेचने के लिए केंद्रों पर जा रहा है। जहां किसानों से अवैध वसूली की भी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। जब किसान इस वसूली की आवाज उठाना चाहता है तो उसको डरा धमका के शांत कर दिया जाता है।
ऐसे में गन्ना किसान को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि जनपद के गन्ना किसान की समस्या को कौन जिम्मेदार सुनेगा। जनपद में गन्ने की खेती काफी अधिक संख्या में किसान करते हैं। जनपद में तीन शुगर मिल भी संचालित हैं जहां यह किसान गन्ना लेकर जाते हैं। इन सभी मिल के केंद्रों पर किसानों से अवैध वसूली का कार्य किया जाता है।
120 तक होती है वसूली
जनपद में तीन चीनी मिलों के क्षेत्र में करीब 82 हजार हेक्टर में 3 लाख किसानों ने गन्ना कर रखा है। किसानों को शुगर मिल द्वारा दी जाने वाली पर्चियां समय से न मिलाना प्रतिवर्ष की समस्या रही है। किसान इस समस्या से ज्यादा शुगर मिलों पर हो रही अवैध वसूली से परेशान है। किसान बताते हैं कि गन्ना केंद्रों पर पहले एक कुंटल पर 1 किलो जूना कटौती फिर प्रति ट्राली 40 से ₹50 किलो गाना सुख के नाम पर कटौती होती है इसके साथ ही लेबर चार्ज के नाम पर भी किसानों से वसूली की जाती है। किसान गन्ना उतरवायी के लिए भी 100 से 120 रुपए प्रति ट्राली देने को मजबूर है। एक दो ट्राली को छोड़कर अधिकांश गन्ने की ट्राली लेकर पहुंचे लोगों का यही हाल है।
किसानों ने बताया कि यदि अवैध धन देने से मना किया जाए तो उनकी ट्राली को केंद्र संचालक खाली नहीं कराते हैं। कुछ गन्ना किसानों को उनके साथी ही शिकायत करने नहीं देते हैं। जबकि कुछ शिकायतों पर जिला प्रशासन भी ध्यान नहीं देता है। हालांकि समय-समय पर अधिकारियों द्वारा केंद्रों का निरीक्षण किया जाता है और गन्ना किसानों से वार्तालाप भी की जाती है लेकिन केंद्र संचालकों के भया से कोई भी किसान अपना मुंह खोलने को राजी नहीं होता है। जिला गन्ना अधिकारी निधि गुप्ता ने बताया की ट्राली उतरवायी के नाम पर कोई शुल्क नहीं है और जहां पर भी अगर रुपए लिया जाता है तो वह गलत है। केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण करेंगे और ऐसा मिलने पर संबंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।