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Railway New Rules: आरक्षण के नियमों में हुआ बदलाव, जाने क्या पड़ेगा यात्रियों पर असर
Railway New Rules: रेल प्रशासन समय-समय पर आरक्षण के नियमों में बदलाव करता आ रहा है। रेल प्रशासन द्वारा पहले 60 दिन की आरक्षण अवधि को पहले 90 दिन किया था जिसके बाद रेल प्रशासन ने फिर बदलाव किया और 120 दिन किया था।
Railway New Rules: अगर ट्रेन से करनी है यात्रा तो जान ले रेलवे का यह बदला हुआ नियम। भारतीय रेल ने अपने नियमों में बदलाव किया है। रेलवे ने यह बदलाव आरक्षण प्रणाली में किया है।अब तक रेल यात्री अपनी यात्रा की तिथि से 120 दिन पहले ट्रेनों में आरक्षण करा सकते थे लेकिन इस नियम में अब बदलाव हो गया है।दरअसल 120 दिन का समय काफी लंबा होता है ऐसे में रेल यात्रियों द्वारा कंफर्म बर्थ मिले और यात्रा सुगम हो उसको लेकर आरक्षण टिकट करा लेते थे लेकिन अब रेल यात्री अपनी यात्रा की तारीख से 60 दिन पहले ही आरक्षण करा सकेंगे।
इसको लेकर रेल प्रशासन की ओर से निर्देश जारी कर दिए गए हैं। लगातार रेल यात्री भी इस लंबे समय को कम करने की मांग रेल प्रशासन से कर रहे थे। आरक्षण अवधि 60 दिन होने से अब ज्यादा से ज्यादा लोगों को कंफर्म बर्थ मिलने की उम्मीद रेल प्रशासन की ओर से जताई गई है। रेल अधिकारियों ने बताया कि 120 दिन पहले टिकट हो जाया करते थे लेकिन 120 दिन में बहुत से यात्रियों को अपनी यात्रा को निरस्त भी करना पड़ता था। ऐसे में बहुत से रेल यात्री कंफर्म बर्थ नहीं मिल पाती थी।60 दिन का अंतराल यात्रा के लिए पर्याप्त है।
1 नवंबर से हुआ है बदलाव
रेल प्रशासन समय-समय पर आरक्षण के नियमों में बदलाव करता आ रहा है। रेल प्रशासन द्वारा पहले 60 दिन की आरक्षण अवधि को पहले 90 दिन किया था जिसके बाद रेल प्रशासन ने फिर बदलाव किया और 120 दिन किया था।एक बार फिर रेल प्रशासन ने 1 नवंबर 2024 से आरक्षण के नियमों में बदलाव करते हुए आरक्षण अवधि को 60 दिन का कर दिया है। 1 नवंबर से बनने वाले आरक्षण 60 दिन पहले तक के ही बन सकेंगे हालांकि 31 अक्टूबर तक 120 दिन पहले तक के आरक्षण टिकट रेल प्रशासन द्वारा बनाए जा चुके हैं।
रेल प्रशासन की ओर से नियम में किए गए बदलाव से रेल यात्रियों को काफी लाभ मिलेगा और उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा यात्री कंफर्म बर्थ के साथ अपनी यात्रा को पूरी कर पाएंगे साथ ही रेल यात्रियों की जेब पर भी पढ़ने वाला भार कुछ हद तक कम होगा। आरक्षण के नियमों में बदलाव का सबसे ज्यादा लाभ सरकारी व प्राइवेट सेक्टर में कार्य करने वाले कर्मचारियों व छात्र-छात्राओं को मिलेगा।